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अक्टूबर से शुरू होगा ग्रीन कॉरिडोर का पहला फेस, 15 मिनट में पूरा होगा 1 घंटे का सफर

एलडीए उपाध्यक्ष अभिषेक प्रकाश ने बताया कि हरदोई रोड, सीतापुर रोड, पुराना लखनऊ व खदरा को गोमतीनगर से ग्रीन कॉरिडोर सीधे जुड़ेगा, जिससे कि आम जनमानस को काफी सुविधा होगी. उन्होंने बताया कि कॉरिडोर के पहले फेस का निर्माण कार्य अक्टूबर से शुरू हो जाएगा.

अक्टूबर से शुरू होगा ग्रीन कॉरिडोर का पहला फेस
अक्टूबर से शुरू होगा ग्रीन कॉरिडोर का पहला फेस
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Published : Jun 8, 2021, 3:11 AM IST

लखनऊः राजधानी लखनऊ के गोमती नदी के किनारे बनने वाले ग्रीन कॉरिडोर प्रोजेक्ट के सम्बंध में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई. लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष अभिषेक प्रकाश ने बताया गया कि लखनऊ ग्रीन कॉरिडोर शहर को एक कोने से दूसरे कोने को जोड़ेगा. वर्तमान समय में लोगों को शहर के एक छोर से दूसरे छोर तक जाने में लगभग 1 घंटे का समय लगता है जोकि ग्रीन कॉरिडोर के बनने के बाद सिर्फ 15 मिनट में पूरा होगा. ग्रीन कॉरिडोर गोमती नदी के किनारे पर करीब 22 किमी लंबा होगा.


एक तरफ से दूसरी तरफ के इन क्षेत्रों को जोड़ेगा ग्रीन कॉरिडोर


एलडीए उपाध्यक्ष अभिषेक प्रकाश ने बताया कि हरदोई रोड, सीतापुर रोड, पुराना लखनऊ व खदरा को गोमतीनगर से ग्रीन कॉरिडोर सीधे जुड़ेगा, जिससे कि आम जनमानस को काफी सुविधा होगी. उन्होंने बताया कि कॉरिडोर के पहले फेस का निर्माण कार्य अक्टूबर से शुरू हो जाएगा. बैठक में कंसल्टेंट द्वारा प्रोजेक्ट का प्रेजेन्टेशन किया गया. उपाध्यक्ष ने निर्देश दिये कि मेसर्स टाटा कंसल्टेंसी सर्विस इंजीनियर्स अपना स्थानीय ऑफिस तीन दिन के अन्दर पूर्ण रूप से प्रारम्भ कर लें और फिजिबिलटी रिपोर्ट डेढ़ माह में उपलब्ध करायें. साथ ही 3 माह के अन्दर डीपीआर प्रस्तुत की जाए.

ग्रीन कॉरिडोर प्रोजेक्ट
ग्रीन कॉरिडोर प्रोजेक्ट

पढें- यूपी के सरकारी स्कूलों को मिला ग्रेड 1, अब टॉप ग्रेड तक पहुंचाने की तैयारी


अलग-अलग फेज के अनुसार बनाई जाएगी डीपीआर रिपोर्ट


बैठक में निर्देश दिये गये कि इस कार्य को आवश्यकतानुसार फेजेज में बांटते हुए अलग-अलग फेजेज की डीपीआर प्रस्तुत की जाये, जिससे कि कार्य का प्रारम्भ शीघ्रताशीघ्र किया जा सके. साथ ही उपाध्यक्ष ने निर्देश दिये गये हैं कि समस्त आवश्यक डाटा 3 दिन के अन्दर सभी सम्बन्धित विभागों द्वारा कंसल्टेंट को उपलब्ध करा दिया जाये. सभी विभागों के समन्वय के लिए सचिव, लखनऊ विकास प्राधिकरण को ओवरऑल नोडल अधिकारी नामित किया गया है. प्रशासनिक सहयोग के लिए अपर जिलाधिकारी-प्रशासन एवं भूमि अर्जन के लिए अपर जिलाधिकारी-भूअर्जन को नोडल अधिकारी नामित किया गया.


बैठक में लखनऊ विकास प्राधिकरण, सिंचाई विभाग, लोक निर्माण विभाग के अधिकारी एवं अपर जिलाधिकारी- भूअर्जन तथा प्रोजेक्ट इम्प्लीमेशन यूनिट के सइस्य सेवानिवृत्त मुख्य अभियन्ता अनिल कुमार सिंह सेंगर एवं चयनित कंसल्टेंट मेसर्स टाटा कंसल्टेंसी सर्विस इंजीनियर्स के प्रतिनिधि उपस्थित रहे.

लखनऊः राजधानी लखनऊ के गोमती नदी के किनारे बनने वाले ग्रीन कॉरिडोर प्रोजेक्ट के सम्बंध में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई. लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष अभिषेक प्रकाश ने बताया गया कि लखनऊ ग्रीन कॉरिडोर शहर को एक कोने से दूसरे कोने को जोड़ेगा. वर्तमान समय में लोगों को शहर के एक छोर से दूसरे छोर तक जाने में लगभग 1 घंटे का समय लगता है जोकि ग्रीन कॉरिडोर के बनने के बाद सिर्फ 15 मिनट में पूरा होगा. ग्रीन कॉरिडोर गोमती नदी के किनारे पर करीब 22 किमी लंबा होगा.


एक तरफ से दूसरी तरफ के इन क्षेत्रों को जोड़ेगा ग्रीन कॉरिडोर


एलडीए उपाध्यक्ष अभिषेक प्रकाश ने बताया कि हरदोई रोड, सीतापुर रोड, पुराना लखनऊ व खदरा को गोमतीनगर से ग्रीन कॉरिडोर सीधे जुड़ेगा, जिससे कि आम जनमानस को काफी सुविधा होगी. उन्होंने बताया कि कॉरिडोर के पहले फेस का निर्माण कार्य अक्टूबर से शुरू हो जाएगा. बैठक में कंसल्टेंट द्वारा प्रोजेक्ट का प्रेजेन्टेशन किया गया. उपाध्यक्ष ने निर्देश दिये कि मेसर्स टाटा कंसल्टेंसी सर्विस इंजीनियर्स अपना स्थानीय ऑफिस तीन दिन के अन्दर पूर्ण रूप से प्रारम्भ कर लें और फिजिबिलटी रिपोर्ट डेढ़ माह में उपलब्ध करायें. साथ ही 3 माह के अन्दर डीपीआर प्रस्तुत की जाए.

ग्रीन कॉरिडोर प्रोजेक्ट
ग्रीन कॉरिडोर प्रोजेक्ट

पढें- यूपी के सरकारी स्कूलों को मिला ग्रेड 1, अब टॉप ग्रेड तक पहुंचाने की तैयारी


अलग-अलग फेज के अनुसार बनाई जाएगी डीपीआर रिपोर्ट


बैठक में निर्देश दिये गये कि इस कार्य को आवश्यकतानुसार फेजेज में बांटते हुए अलग-अलग फेजेज की डीपीआर प्रस्तुत की जाये, जिससे कि कार्य का प्रारम्भ शीघ्रताशीघ्र किया जा सके. साथ ही उपाध्यक्ष ने निर्देश दिये गये हैं कि समस्त आवश्यक डाटा 3 दिन के अन्दर सभी सम्बन्धित विभागों द्वारा कंसल्टेंट को उपलब्ध करा दिया जाये. सभी विभागों के समन्वय के लिए सचिव, लखनऊ विकास प्राधिकरण को ओवरऑल नोडल अधिकारी नामित किया गया है. प्रशासनिक सहयोग के लिए अपर जिलाधिकारी-प्रशासन एवं भूमि अर्जन के लिए अपर जिलाधिकारी-भूअर्जन को नोडल अधिकारी नामित किया गया.


बैठक में लखनऊ विकास प्राधिकरण, सिंचाई विभाग, लोक निर्माण विभाग के अधिकारी एवं अपर जिलाधिकारी- भूअर्जन तथा प्रोजेक्ट इम्प्लीमेशन यूनिट के सइस्य सेवानिवृत्त मुख्य अभियन्ता अनिल कुमार सिंह सेंगर एवं चयनित कंसल्टेंट मेसर्स टाटा कंसल्टेंसी सर्विस इंजीनियर्स के प्रतिनिधि उपस्थित रहे.

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