लखनऊ: सीएए-एनआरसी प्रोटेस्ट से चर्चा में आईं लखनऊ की एआईएमआईएम नेता उज़्मा परवीन ने आरोप लगाया है कि बदमाशों ने मंगलवार को हजरतगंज स्थित पार्किग में गाड़ी पार्क करते वक्त उन पर फायरिंग कर दी और धमकाते हुए फरार हो गए. मौके पर पहुंची पुलिस को बुलेट का एक खोका बरामद हुआ है. हजरतगंज इंस्पेक्टर के मुताबिक, फायरिंग की सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस कार्रवाई कर रही है. इस मामले का सीसीटीवी फुटेज खंगाला जा रहा है.
उज़्मा परवीन ने बताया कि मंगलवार रात 9 बजे के आस पास वे अपनी दोस्त तबस्सुम के साथ हजरतगंज शॉपिंग करने के लिए गई थीं. मल्टीलेवल पार्किंग में गाड़ी पार्क करने के बाद जैसे ही दोनों बाहर निकल रही थीं, उसी दौरान दो बाइक से आए 4 लोगों ने बाजारखाला थाने में दर्ज कराए गए केस को वापस लेने का दबाव बनाया. विरोध करने पर बदमाशों ने उज़्मा परवीन के पैर में फायरिंग करने के लिए पिस्टल लगा दी. उज़्मा परवीन ने बदमाशों का हाथ पकड़ लिया और जमीन पर ही फायरिंग हो गई.
पुलिस घटना को बता रही संदिग्ध
इंस्पेक्टर हजरतगंज अखिलेश कुमार मिश्रा ने बताया कि पीड़िता की सूचना मिलते ही मौके पर फोर्स पहुंच गई थी. पीड़िता की तहरीर पर कार्रवाई की जा रही है. वहीं, पार्किंग में लगे सीसीटीवी फुटेज को खंगाला जा रहा है. उन्होंने बताया कि पार्किंग में मौजूद किसी ने भी फायरिंग की आवाज नहीं सुनी थी. ऐसे में घटना संदिग्ध लग रही है. फिर भी इस मामले की जांच की जा रही है.
फोन पर धमकी मिलने पर 2 महीने पहले दर्ज कराई थी FIR
उज़्मा ने बताया कि कर्नाटक का बताने वाला एक युवक गाली-गलौच करते हुए उन्हें रेप करने की धमकी देता था. इसके बाद उन्होंने बाजारखाला थाने में 14 मई को फोन करने वाले अज्ञात शख्स के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज कराया था. इसके बाद से ही उन्हें जान से मारने की धमकी दी जा रही थी.
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AIMIM पार्टी से लखनऊ से लड़ चुकी हैं चुनाव
पीड़िता उज़्मा परवीन साल 2021 से असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम की नेता हैं. साल 2022 के विधानसभा चुनाव में उज़्मा लखनऊ पश्चिमी विधानसभा सीट से पार्टी की प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ चुकी हैं. उज़्मा को एआईएमआईएम के प्रदेश प्रवक्ता असीम वकार के चुनाव लड़ने से मना करने के बाद प्रत्याशी बनाया गया था.
झांसी की रानी नाम से जानी जाती हैं उज़मा, दर्ज हैं दर्जनों मुकदमे
देश में जब सीएए-एनआरसी के खिलाफ बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हो रहे थे, तब लखनऊ के घंटाघर पर अपने अनोखे अंदाज में प्रदर्शन के लिए उज़मा परवीन का नाम चर्चा में आया था. प्रदर्शन के दौरान उज़मा ने अपने छोटे बच्चे को पीठ पर बांधकर सर्द मौसम में सीए-एनआरसी का विरोध जताया था. इसके कारण लोग उन्हें झांसी की रानी के नाम से भी जानते हैं. उज़्मा के खिलाफ घंटाघर में हुए सीए-एनआरसी प्रदर्शन के मामलें में 12 से भी अधिक मुकदमे दर्ज हुए थे.
नूपुर शर्मा के बयान के विरोध में पुलिस ने किया था नजरबंद
नूपुर शर्मा के बयान के विरोध में उज़्मा परवीन ने प्रदर्शन करने को लेकर सोशल मीडिया में पोस्ट किया था. इसे देखते हुए 4 जून को पुलिस ने उज़्मा को उनके घर में नजरबंद कर दिया था. फैक्ट चेकर जुबैर व लूलू मॉल प्रकरण में भी उज़्मा लगातार सोशल सोशल मीडिया पर पोस्ट कर रही थीं.
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