लखनऊ : सीएमओ दफ्तर के जनरेटर रूम में मंगलवार शाम अचानक आग लग गई. धुआं व आग की लपटें उठती देख अफरातफरी मच गई. कर्मचारियों ने जनरेटर रूम को खोलकर फायर उपकरणों की मदद से कुछ ही देर में आग पर काबू पा लिया. इस दौरान दमकल की एक गाड़ी भी मौके पर पहुंच गई.
सीएमओ मनोज अग्रवाल का कहना है कि 'जनरेटर रूम में रखा अधिकतर सामान निकाल लिया गया था. कुछ मामूली सामान जला है. सीएमओ दफ्तर में शाम को अचानक बिजली गुल हो गई थी. शाम करीब पौने पांच बजे जनरेटर ऑन किया गया. कर्मचारी जनरेटर ऑन करके दफ्तर लौट आया. कुछ ही देर में जनरेटर का डीजल पाइप फट गया. जिसकी वजह से आग लग गई थी. धुआं व आग की लपटें उठती देख लोगों ने इसकी जानकारी कर्मचारियों को दी. मौके पर पहुंचे कर्मचारियों ने फायर सिलेंडर की मदद से कुछ ही देर में आग पर काबू पा लिया. इस दौरान स्टोर में रखा स्पीकर समेत अन्य सामान जलकर खाक हो गया.'
भर्ती मरीज को संक्रमण जल्द नहीं छोड़ रहा कोविड : सरकारी संस्थानों में भर्ती बुजुर्ग कोविड रोगियों को संक्रमण आसानी से नहीं छोड़ रहा है. एक दो नहीं बल्कि तीन से चार दिन बाद भी उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आ रही है. इसे लेकर डॉक्टर भी हैरान हैं. डॉक्टरों का कहना है कि 'बुजुर्ग की रोग प्रतिरोधक क्षमता दूसरों के मुकाबले कम होती है. ऐसे में कोविड संक्रमण बीमार बुजुर्ग को और भी सता रहा है. शहर में कोविड के ढाई हजार से अधिक मामले सामने आ चुके हैं. इसमें 99 प्रतिशत मरीजों ने होम आइसोलेशन में कोरोना को मात दे दी. कोविड की वजह से इक्का दुक्का मरीजों को अस्पताल में भर्ती होने की नौबत आई, जो मरीज अस्पतालों में भर्ती हैं वह किसी पुरानी बीमारी या हादसे में जख्मी होने की वजह से भर्ती हुए थे. जांच में वह पॉजिटिव आए. उनमें कोविड के लक्षण भी नहीं हैं. केजीएमयू में बीती 13 अप्रैल को एक बुजुर्ग भर्ती हुए. स्टाॅफ के जरिए उनकी तीन बार कोविड की जांच कराई गई. अभी तक उनकी रिपोर्ट निगेटिव नहीं आई है. इसी तरह दूसरे संस्थानों में भर्ती बुजुर्गों की रिपोर्ट सात दिन बाद भी टेस्ट में निगेटिव नहीं आ रही है. इसे लेकर डॉक्टर भी परेशान हैं. जिला सर्विलांस अधिकारी डॉ. निशांत के मुताबिक, 'बुजुर्ग की सात दिन बाद भी रिपोर्ट निगेटिव नहीं आ रही है.'
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