ETV Bharat / state

होटल लेवाना अग्निकांड के मालिक बोले- मुझे गलत फंसाया गया, शॉर्ट सर्किट से लगी थी आग

लखनऊ के होटल लेवाना में हुए अग्निकांड(Hotel levana fire accident) के आरोपियों को मंगलवार को कोर्ट में पेश किया गया. कोर्ट में पेशी के बाद होटल के मालिकों को न्यायिक हिरासत में 14 दिन के लिए जेल भेज दिया गया.

होटल लेवाना अग्निकांड
होटल लेवाना अग्निकांड
author img

By

Published : Sep 6, 2022, 9:29 PM IST

लखनऊः हजरतगंज स्थित होटेल लेवाना होटल में आग लगने से हुई चार लोगों की मौत और कई लोगों के घायल होने के मामले में गैर इरादतन हत्या करने समेत तमाम आरोपों में गिरफ़्तार किए गए होटल मालिक रोहित अग्रवाल, राहुल अग्रवाल और मैनेजर सागर श्रीवास्तव को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट रवि कुमार गुप्ता ने 19 सितम्बर तक के लिए न्यायायिक हिरासत में जेल भेज दिया है. इसके पूर्व कोर्ट ने अभियुक्तों की न्यायिक रिमांड निरस्त करने की अर्जी को खारिज कर दिया.


हजरतगंज पुलिस ने रोहित अग्रवाल, राहुल अग्रवाल और सागर श्रीवास्तव को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया और उनके 14 दिन न्यायिक रिमांड का अनुरोध किया. वहीं, अभियुक्तों की ओर से रिमांड को निरस्त कर उन्हें रिहा करने की मांग वाली अर्जी देकर कहा गया कि उन्हें इस मामले में गलत फंसाया गया है. घटना शॉर्ट सर्किट के कारण आग लगने से हुई, जोकि महज एक दुर्घटना है. आरोपियों के वकील ने दलील दी कि अभियुक्तों को गैर इरादतन हत्या के आरोप में गिरफ्तर किया है जबकि दुर्घटना होने के करण यह मामला अधिकतम लापरवाही से मौत का बनता है.

इस अर्जी का विरोध करते हुए अभियोजन की ओर से कहा गया कि अभियुक्तों ने नियमों को धता बताते हुए बिना फ़ायर सेफ़्टी की उचित व्यवस्था किए और बिना आकस्मिक निकासी व प्रवेश की व्यवस्था किए होटल का संचालन किया. जिससे स्पष्ट है कि उन्हें पता था कि उनके इस हरकत से कोई घटना हो सकती है. अभियोजन की ओर से बताया गया की मामले की रिपोर्ट हजरतगंज के एसएसआई दयशंकर द्विवेदी ने 5 सितम्बर को दर्ज कराया. एफआईआर में कहा गया है कि सुबह 7 बजे होटल लेवाना होटल में आग लग गई.

इसे भी पढ़ें-लखनऊ लेवाना होटल अग्निकांड: फायर ब्रिगेड की स्पेशल टीम पहुंची, आरोपियों को भेजा गया जेल

पुलिसकर्मी, फायर फाइटर और एसडीआरएफ की काफी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया. इस घटना में चार व्यक्तियों की झुलसने और दम घुटने से मौत हो गई जबकि कई लोग घायल हो गए. कहा गया है कि होटल मालिक और मैनेजर ने होटल में फायर सेफ्टी की कोई व्यवस्था नहीं की थी. यह भी कहा गया कि होटल में विद्युत व्यवस्था अनियमित थी तो धुआं बाहर निकलने का कोई रास्ता नहीं था. होटल के कमरों की खिड़कियों के बाहर लोहे के मोटे मोटे ग्रिल लगे थे, जिसके चलते कोई बाहर नहीं निकल सकता था. इस कारण अग्निशमनकर्मियों को भी खिड़की तोड़ के प्रवेश करने में काफी मुश्किल आईं.

लखनऊः हजरतगंज स्थित होटेल लेवाना होटल में आग लगने से हुई चार लोगों की मौत और कई लोगों के घायल होने के मामले में गैर इरादतन हत्या करने समेत तमाम आरोपों में गिरफ़्तार किए गए होटल मालिक रोहित अग्रवाल, राहुल अग्रवाल और मैनेजर सागर श्रीवास्तव को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट रवि कुमार गुप्ता ने 19 सितम्बर तक के लिए न्यायायिक हिरासत में जेल भेज दिया है. इसके पूर्व कोर्ट ने अभियुक्तों की न्यायिक रिमांड निरस्त करने की अर्जी को खारिज कर दिया.


हजरतगंज पुलिस ने रोहित अग्रवाल, राहुल अग्रवाल और सागर श्रीवास्तव को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया और उनके 14 दिन न्यायिक रिमांड का अनुरोध किया. वहीं, अभियुक्तों की ओर से रिमांड को निरस्त कर उन्हें रिहा करने की मांग वाली अर्जी देकर कहा गया कि उन्हें इस मामले में गलत फंसाया गया है. घटना शॉर्ट सर्किट के कारण आग लगने से हुई, जोकि महज एक दुर्घटना है. आरोपियों के वकील ने दलील दी कि अभियुक्तों को गैर इरादतन हत्या के आरोप में गिरफ्तर किया है जबकि दुर्घटना होने के करण यह मामला अधिकतम लापरवाही से मौत का बनता है.

इस अर्जी का विरोध करते हुए अभियोजन की ओर से कहा गया कि अभियुक्तों ने नियमों को धता बताते हुए बिना फ़ायर सेफ़्टी की उचित व्यवस्था किए और बिना आकस्मिक निकासी व प्रवेश की व्यवस्था किए होटल का संचालन किया. जिससे स्पष्ट है कि उन्हें पता था कि उनके इस हरकत से कोई घटना हो सकती है. अभियोजन की ओर से बताया गया की मामले की रिपोर्ट हजरतगंज के एसएसआई दयशंकर द्विवेदी ने 5 सितम्बर को दर्ज कराया. एफआईआर में कहा गया है कि सुबह 7 बजे होटल लेवाना होटल में आग लग गई.

इसे भी पढ़ें-लखनऊ लेवाना होटल अग्निकांड: फायर ब्रिगेड की स्पेशल टीम पहुंची, आरोपियों को भेजा गया जेल

पुलिसकर्मी, फायर फाइटर और एसडीआरएफ की काफी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया. इस घटना में चार व्यक्तियों की झुलसने और दम घुटने से मौत हो गई जबकि कई लोग घायल हो गए. कहा गया है कि होटल मालिक और मैनेजर ने होटल में फायर सेफ्टी की कोई व्यवस्था नहीं की थी. यह भी कहा गया कि होटल में विद्युत व्यवस्था अनियमित थी तो धुआं बाहर निकलने का कोई रास्ता नहीं था. होटल के कमरों की खिड़कियों के बाहर लोहे के मोटे मोटे ग्रिल लगे थे, जिसके चलते कोई बाहर नहीं निकल सकता था. इस कारण अग्निशमनकर्मियों को भी खिड़की तोड़ के प्रवेश करने में काफी मुश्किल आईं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.