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लखनऊ: मेडिकल कॉलेज घोटाले में हाईकोर्ट के जज सहित 7 पर FIR

मेडिकल कॉलेज में दाखिले को लेकर अनियमितता मामले में सीबीआई ने हाईकोर्ट के जस्टिस एसएन शुक्ला समेत सात लोगों के लखनऊ, मेरठ और दिल्ली स्थित सात ठिकानों पर छापेमारी की. इस दौरान कई महत्वपूर्ण दस्तावेज हाथ लगे. जस्टिस एसएन शुक्ला समेत सात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है.

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हाईकोर्ट के जज सहित सात पर एफआईआर.
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Published : Dec 7, 2019, 11:07 AM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के बहुचर्चित मेडिकल कॉलेज घोटाले में सीबीआई की तरफ से ताबड़तोड़ छापेमारी की गई. घोटाले में हाईकोर्ट के मौजूदा जज जस्टिस एसएन शुक्ला समेत सात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है.

हाईकोर्ट के जज एसएन शुक्ला सहित सात लोग पर FIR
सीबीआई की तरफ से जिन सात लोगों के खिलाफ मेडिकल कॉलेज घोटाले को लेकर एफआईआर दर्ज की गई है, उनमें हाईकोर्ट के मौजूदा जज जस्टिस एसएन शुक्ला, हाईकोर्ट के पूर्व जज आईएम कुद्दुसी, भगवान प्रसाद यादव, एडवोकेट पलाश यादव, सुधीर गिरी, भावना पांडे, मैसर्स प्रसाद एजुकेशन ट्रस्ट के नाम शामिल हैं. भगवान प्रसाद यादव, प्रसाद एजुकेशन ट्रस्ट के मालिक हैं और पलाश यादव, प्रसाद एजुकेशन ट्रस्ट के अधिवक्ता हैं. सुधीर गिरी, वेंकटेश्वर मेडिकल कॉलेज मेरठ के मालिक हैं. इसके अलावा प्रसाद एजुकेशन ट्रस्ट, जिसके अंतर्गत इस पूरे घोटाले की रूपरेखा तैयार की गई.

हाईकोर्ट के जज सहित सात पर एफआईआर.


कभी भी हो सकती है गिरफ्तारी
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर जज सहित सात लोगों के यहां छापेमारी की गई. छापेमारी में महत्वपूर्ण दस्तावेज हाथ लगे हैं. सातों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है. वहीं कहा जा रहा है कि सातों की गिरफ्तारी कभी भी हो सकती है. सूत्रों के अनुसार मेडिकल कॉलेज के पक्ष में फैसला सुनाए जाने को लेकर जस्टिस एसएन शुक्ला को भारी-भरकम रकम उनके आवास पर दी गई थी. इसको लेकर न्यायपालिका के दो शीर्ष संस्थान सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के बीच टकराव की स्थिति सामने आ गई थी. सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस दीपक मिश्रा और मेडिकल कॉलेज में प्रवेश को लेकर फैसला सुनाने वाले हाईकोर्ट के जज जस्टिस एसएन शुक्ला के बीच टकराव हुआ था.

इसे भी पढ़ें:- यूपी में पहली बार हाईकोर्ट के मौजूदा जज के यहां पड़ा सीबीआई छापा

सीबीआई अधिकारियों के अनुसार साल के शुरुआत में जांच एजेंसी को तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की तरफ से सीबीआई को कार्रवाई के निर्देश दिए गए थे. सीबीआई की तरफ से पूर्व मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई को पत्र भी लिखा गया था, जिसमें कहा गया था कि पूर्ववर्ती मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा की सलाह पर जस्टिस शुक्ला और अन्य के खिलाफ जांच पड़ताल की गई. इनमें यह लोग आरोपी साबित हुए हैं. इसके बाद रंजन गोगोई की तरफ से जस्टिस शुक्ला सहित सभी सात लोगों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए गए थे.

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के बहुचर्चित मेडिकल कॉलेज घोटाले में सीबीआई की तरफ से ताबड़तोड़ छापेमारी की गई. घोटाले में हाईकोर्ट के मौजूदा जज जस्टिस एसएन शुक्ला समेत सात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है.

हाईकोर्ट के जज एसएन शुक्ला सहित सात लोग पर FIR
सीबीआई की तरफ से जिन सात लोगों के खिलाफ मेडिकल कॉलेज घोटाले को लेकर एफआईआर दर्ज की गई है, उनमें हाईकोर्ट के मौजूदा जज जस्टिस एसएन शुक्ला, हाईकोर्ट के पूर्व जज आईएम कुद्दुसी, भगवान प्रसाद यादव, एडवोकेट पलाश यादव, सुधीर गिरी, भावना पांडे, मैसर्स प्रसाद एजुकेशन ट्रस्ट के नाम शामिल हैं. भगवान प्रसाद यादव, प्रसाद एजुकेशन ट्रस्ट के मालिक हैं और पलाश यादव, प्रसाद एजुकेशन ट्रस्ट के अधिवक्ता हैं. सुधीर गिरी, वेंकटेश्वर मेडिकल कॉलेज मेरठ के मालिक हैं. इसके अलावा प्रसाद एजुकेशन ट्रस्ट, जिसके अंतर्गत इस पूरे घोटाले की रूपरेखा तैयार की गई.

हाईकोर्ट के जज सहित सात पर एफआईआर.


कभी भी हो सकती है गिरफ्तारी
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर जज सहित सात लोगों के यहां छापेमारी की गई. छापेमारी में महत्वपूर्ण दस्तावेज हाथ लगे हैं. सातों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है. वहीं कहा जा रहा है कि सातों की गिरफ्तारी कभी भी हो सकती है. सूत्रों के अनुसार मेडिकल कॉलेज के पक्ष में फैसला सुनाए जाने को लेकर जस्टिस एसएन शुक्ला को भारी-भरकम रकम उनके आवास पर दी गई थी. इसको लेकर न्यायपालिका के दो शीर्ष संस्थान सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के बीच टकराव की स्थिति सामने आ गई थी. सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस दीपक मिश्रा और मेडिकल कॉलेज में प्रवेश को लेकर फैसला सुनाने वाले हाईकोर्ट के जज जस्टिस एसएन शुक्ला के बीच टकराव हुआ था.

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सीबीआई अधिकारियों के अनुसार साल के शुरुआत में जांच एजेंसी को तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की तरफ से सीबीआई को कार्रवाई के निर्देश दिए गए थे. सीबीआई की तरफ से पूर्व मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई को पत्र भी लिखा गया था, जिसमें कहा गया था कि पूर्ववर्ती मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा की सलाह पर जस्टिस शुक्ला और अन्य के खिलाफ जांच पड़ताल की गई. इनमें यह लोग आरोपी साबित हुए हैं. इसके बाद रंजन गोगोई की तरफ से जस्टिस शुक्ला सहित सभी सात लोगों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए गए थे.

Intro:एंकर
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के बहुचर्चित मेडिकल कॉलेज घोटाले में सीबीआई की तरफ से ताबड़तोड़ छापेमारी के बाद हाईकोर्ट के मौजूदा जज जस्टिस एसएन शुक्ला समेत 7 लोगों के खिलाफ एफ आई आर दर्ज की गई है। एफ आई आर दर्ज किए जाने से पहले सीबीआई की तरफ से 7 लोगों के लखनऊ मेरठ दिल्ली स्थित सात ठिकानों पर छापेमारी की और महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किए।



Body:सीबीआई सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सात गानों पर मारे गए छापे के दौरान मेडिकल कॉलेज घोटाले से संबंधित वित्तीय लेनदेन और बेनामी संपत्ति तथा निवेश समेत कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज सीबीआई के हाथ लगे हैं सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद छापेमारी हुई और उसके बाद मिले दस्तावेजों के आधार पर की गई।
हाईकोर्ट के जज एसएन शुक्ला सहित ये सात लोग हैं एफआईआर में शामिल
सीबीआई की तरफ से जिन 7 लोगों के खिलाफ मेडिकल कॉलेज घोटाले को लेकर एफ आई आर दर्ज की गई है उनमें हाई कोर्ट के मौजूदा जज जस्टिस एसएन शुक्ला हाई कोर्ट के पूर्व जज आई एम कुद्दूसी, भगवान प्रसाद यादव, एडवोकेट पलाश यादव सुधीर गिरी मैसर्स प्रसाद एजुकेशन ट्रस्ट भावना पांडे के नाम शामिल हैं इन 7 लोगों में भगवान प्रसाद यादव प्रसाद एजुकेशन ट्रस्ट के मालिक हैं पलाश यादव प्रसाद एजुकेशन ट्रस्ट के अधिवक्ता है सुधीर गिरी वेंकटेश्वर मेडिकल कॉलेज मेरठ के मालिक हैं इसके अलावा प्रसाद एजुकेशन ट्रस्ट जिसके अंतर्गत इस पूरे घोटाले रूपरेखा तैयार की गई वह शामिल है भावना पांडे दिल्ली की रहने वाली हैं और पूर्व जज आईएम कुद्दुशी के साथ मिलकर आपराधिक षडयंत्र रचने के सीबीआई की तरफ से लगाते हुए एफआईआर दर्ज कराई गई है।

कभी भी हो सकती है गिरफ्तारी
सीबीआई सूत्रों का कहना है कि अब जब सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर जड़ सहित सात लोगों के यहां छापेमारी की गई महत्वपूर्ण दस्तावेज हाथ लगे और एफ आई आर दर्ज कर दी गई है तो सीबीआई के निर्देश पर हम कभी भी इन लोगों को गिरफ्तार कर सकते हैं।
सूत्र बताते हैं कि मेडिकल कॉलेज के पक्ष में फैसला सुनाए जाने को लेकर जस्टिस एसएन शुक्ला को भारी-भरकम घूस की रकम उनके आवास पर दी गई थी जिसको लेकर न्यायपालिका के दो शीर्ष संस्थान सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के बीच टकराव की स्थिति सामने आ गई थी सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस दीपक मिश्रा और मेडिकल कॉलेज में प्रवेश को लेकर फैसला सुनाने वाले हाई कोर्ट के जज जस्टिस एसएन शुक्ला के बीच टकराव हो गया था और इसको लेकर तमाम तरह की बातें भी सामने आई थी।

सीबीआई अधिकारियों के अनुसार इसी साल की शुरुआत में जांच एजेंसी को तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की तरफ से सीबीआई को कार्यवाही के निर्देश दिए गए थे सीबीआई की तरफ से पूर्व मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई को पत्र भी लिखा गया था जिसमें कहा गया था कि पूर्ववर्ती मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा की सलाह पर जस्टिस शुक्ला और अन्य के खिलाफ जांच पड़ताल की गई जिनमें यह लोग आरोपी साबित हुए हैं जिसके बाद रंजन गोगोई की तरफ से जस्टिस शुक्ला सहित सभी 7 लोगों के खिलाफ कार्यवाही के निर्देश दिए गए थे उसके बाद से सीबीआई की तरफ स्व जांच पड़ताल की जा रही थी।



Conclusion:सीबीआई के सूत्रों के अनुसार सीबीआई को हाई कोर्ट के जज जस्टिस एसएन शुक्ला के खिलाफ पर्याप्त सुबूत मिले हैं जिसके बाद ही इस प्रकार की कार्यवाही की गई उत्तर प्रदेश के लिए इतिहास बन गई उत्तर प्रदेश के इतिहास में पहली बार हाई कोर्ट के किसी मौजूदा जज के यहां सीबीआई का छापा पड़ा और इस प्रकार की कार्यवाही की गई सीबीआई के सूत्रों के अनुसार जस्टिस एसएन शुक्ला के खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं कि उन्होंने किस प्रकार से मेडिकल कॉलेज में प्रवेश दिए जाने को लेकर घूस की रकम लेकर फैसला सुनाया था सुप्रीम कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश जस्टिस दीपक मिश्रा के निर्देश पर जांच कमेटी बनी थी और उस जांच रिपोर्ट में भी इन लोगों को दोषी पाया गया था।


धीरज त्रिपाठी 9453099555

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