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लखनऊ: मानवाधिकार आयोग के हस्तक्षेप के बाद दर्ज हुई एफआईआर

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में मानवाधिकार आयोग के हस्तक्षेप के बाद नूतन ठाकुर की तहरीर पर एफआईआर दर्ज की गई है. उन्होंने 16 मार्च को सोशल मीडिया पर उन पर अभद्र भाषा के मामले में गोमती थाने में तहरीर दी थी.

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आरटीआई एक्टिविस्ट नूतन ठाकुर.
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Published : Jul 21, 2020, 5:25 AM IST

लखनऊ: आरटीआई एक्टिविस्ट नूतन ठाकुर के लिए सोशल मीडिया पर अभद्र भाषा का प्रयोग करने वालों के खिलाफ गोमती नगर थाने में एफआईआर दर्ज की गई है. दरअसल, उन्होंने 16 मार्च को थाने में तहरीर दी थी कि उन पर और उनके पति पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर को लेकर सोशल मीडिया पर अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया गया. इसके बाद पुलिस की ओर से उनके द्वारा दी गई इस तहरीर को पहले से दर्ज कराए गए एक मामले में शामिल किया गया था.

इस मामले में अगल एफआईआर दर्ज करने के लिए उन्होंने लखनऊ पुलिस कमिश्नर सुजीत पांडे और मानवाधिकार आयोग में शिकायत की थी. मानवाधिकार आयोग के हस्तक्षेप के बाद गोमतीनगर थाने ने अलग एफआईआर दर्ज की गई है. गोमतीनगर थाने में राघवेन्द्र सिंह सहित 21 लोगों के खिलाफ धारा 501, 504, 506, 509 आईपीसी के तहत मुकदमा दर्ज कर किया गया है.

बता दें कि 16 मार्च 2020 को नूतन ठाकुर द्वारा शिकायत की गई थी कि लखनऊ में नागरिकता संशोधन एक्ट को लेकर हुए हिंसक प्रदर्शन के बाद आरोपियों के खिलाफ लगाए गए होल्डिंग के संदर्भ में हाईकोर्ट के आदेश के बाद सोशल मीडिया पर उन पर और उनके पति के खिलाफ आपत्तिजनक भाषा का प्रयोग किया गया. साथ की जजों के साथ जोड़कर अमर्यादित टिप्पणी की गई. उनकी तहरीर पर गोमतीनगर पुलिस एफआईआर लिखने को तैयार नहीं थी.

वह इससे पहले भी की कई बार अपने बयान और आरटीआई को लेकर सुर्खियों में रही हैं. इतना ही नहीं उन्होंने अक्टूबर 2018 में दावा किया था कि बिना विभागीय सिफारिश के ही सीएम योगी के स्तर से कई नियुक्तियां की गईं हैं. उन्होंने यह दावा कथित आरटीआई अर्जी पर मिले जवाब के आधार पर किया था. उन्होंने दावा किया था समाज कल्याण विभाग द्वारा आरटीआई के तहत उन्हें यह जवाब दिया गया था.

लखनऊ: आरटीआई एक्टिविस्ट नूतन ठाकुर के लिए सोशल मीडिया पर अभद्र भाषा का प्रयोग करने वालों के खिलाफ गोमती नगर थाने में एफआईआर दर्ज की गई है. दरअसल, उन्होंने 16 मार्च को थाने में तहरीर दी थी कि उन पर और उनके पति पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर को लेकर सोशल मीडिया पर अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया गया. इसके बाद पुलिस की ओर से उनके द्वारा दी गई इस तहरीर को पहले से दर्ज कराए गए एक मामले में शामिल किया गया था.

इस मामले में अगल एफआईआर दर्ज करने के लिए उन्होंने लखनऊ पुलिस कमिश्नर सुजीत पांडे और मानवाधिकार आयोग में शिकायत की थी. मानवाधिकार आयोग के हस्तक्षेप के बाद गोमतीनगर थाने ने अलग एफआईआर दर्ज की गई है. गोमतीनगर थाने में राघवेन्द्र सिंह सहित 21 लोगों के खिलाफ धारा 501, 504, 506, 509 आईपीसी के तहत मुकदमा दर्ज कर किया गया है.

बता दें कि 16 मार्च 2020 को नूतन ठाकुर द्वारा शिकायत की गई थी कि लखनऊ में नागरिकता संशोधन एक्ट को लेकर हुए हिंसक प्रदर्शन के बाद आरोपियों के खिलाफ लगाए गए होल्डिंग के संदर्भ में हाईकोर्ट के आदेश के बाद सोशल मीडिया पर उन पर और उनके पति के खिलाफ आपत्तिजनक भाषा का प्रयोग किया गया. साथ की जजों के साथ जोड़कर अमर्यादित टिप्पणी की गई. उनकी तहरीर पर गोमतीनगर पुलिस एफआईआर लिखने को तैयार नहीं थी.

वह इससे पहले भी की कई बार अपने बयान और आरटीआई को लेकर सुर्खियों में रही हैं. इतना ही नहीं उन्होंने अक्टूबर 2018 में दावा किया था कि बिना विभागीय सिफारिश के ही सीएम योगी के स्तर से कई नियुक्तियां की गईं हैं. उन्होंने यह दावा कथित आरटीआई अर्जी पर मिले जवाब के आधार पर किया था. उन्होंने दावा किया था समाज कल्याण विभाग द्वारा आरटीआई के तहत उन्हें यह जवाब दिया गया था.

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