लखनऊ : उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम मुख्यालय (Transport Corporation headquarters) से एक फाइल गायब हो गई है, जिसे लेकर परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक काफी नाराज हैं. बार-बार एमडी अधिकारियों से संबंधित अधिकारी की फाइल तलब कर रहे हैं, लेकिन फाइल खोजे ही नहीं मिल रही है. यह अधिकारी कोई और नहीं लखनऊ परिक्षेत्र के क्षेत्रीय प्रबंधक मनोज पुंडीर हैं. आरोप है कि इस अधिकारी ने सहारनपुर परिक्षेत्र में तैनात रहने के दौरान एक फर्जी डिपो बना दिया था और इस डिपो की बस से दुर्घटना में तीन लोगों की मौत हो गई थी. जिसकी जांच कराई गई थी और अधिकारी को निलंबित करने की संस्तुति भी हुई थी, लेकिन निलंबन की फाइल ही गायब हो गई है.
मामला तकरीबन दो साल पुराना है. चार दिसंबर 2020 को जलालाबाद डिपो के नाम की बस (यूपी 42 एटी 0648) ब्रेक फेल होने से हादसे का शिकार हो गई. पूरे प्रकरण पर परिवहन निगम के तत्कालीन प्रबंध निदेशक धीरज साहू ने जांच कराई. जांच में सहारनपुर क्षेत्र के अंतर्गत जलालाबाद डिपो के नाम से बिना रिकाॅर्ड बस डिपो संचालन का गंभीर मामला सामने आया. उस समय क्षेत्रीय प्रबंधक मनोज पुंडीर पर परिवहन निगम मुख्यालय से बिना अनुमति बस अड्डा संचालन का आरोप तय करते हुए निलंबन की संस्तुति हुई थी, हालांकि मुख्यालय तक जुगाड़ कर उन्होंने अपने ऊपर कोई कार्रवाई नहीं होने दी. इसके बाद फाइल ही गायब कर दी गई. अब ये फाइल प्रबंध निदेशक संजय कुमार के कई बार तलब करने के बाद भी नहीं दी जा रही.
जानकारी के मुताबिक, नीलामी की 28 बसों से क्षेत्रीय प्रबंधक मनोज पुंडीर ने फर्जी बस अड्डा बना दिया था. जांच में सामने आया था कि क्षेत्रीय स्तर पर निर्णय लेकर बस स्टेशन बनाया गया. मुख्यालय से इसकी अनुमति तक नहीं ली गई. खटारा 28 बसों का संचालन इस डिपो से कराया गया था. हर रोज 100 किलोमीटर बस संचालन का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन बस स्टेशन पर बिना सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक, फोरमैन और कर्मचारी तैनात किए बिना बसों को फर्राटा भराया जा रहा था. फिलहाल अब एक बार फिर से कार्रवाई के लिए फाइल तलब की गई है.
उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक संजय कुमार भी मानते हैं कि ये मामला बेहद गंभीर है. उनका कहना है कि संबंधित मामले की फाइल तलब की गई है. फाइल मिलते ही कार्रवाई की जाएगी. दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा.
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