ETV Bharat / state

चिड़ियाघर में मादा हिप्पो आशी की मौत, सूना हुआ बाड़ा - मादा हिप्पो आशी की मौत

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के नवाब वाजिद अली शाह प्राणी उद्यान में मादा हिप्पो की मौत हो गई. वह गर्भवती थी और कुछ समय से बीमार चल रही थी.

pregnant hippopotamus died in lucknow zoological park
नवाब वाजिद अली शाह प्राणी उद्यान में मादा हिप्पो की मौत.
author img

By

Published : Apr 15, 2021, 1:30 AM IST

लखनऊ : राजधानी के नवाब वाजिद अली शाह प्राणी उद्यान यानी कि चिड़ियाघर की मादा हिप्पो आशी की बुधवार दोपहर मौत हो गई है. आशी गर्भवती थी. वह कुछ समय से बीमार चल रही थी. पोस्टमार्टम में बच्चे के भ्रूण में संक्रमण होने से मौत होने की बात सामने आई है. देश विदेश के चिकित्सकों की राय के बावजूद उसे बचाया नहीं जा सका.

चिड़ियाघर के उप निदेशक डॉ. उत्कर्ष शुक्ला ने बताया कि बुधवार दोपहर मादा हिप्पो अपने बाड़े में मृत पाई गई. वह गर्भवती थी. पांच फरवरी से वह बीमार चल रही थी और भोजन भी नहीं खा रही थी. इस बारे में बरेली के भारतीय पशु चिकित्सा केंद्र के प्रभारी डॉ. अभिजीत पावड़े की भी सलाह ली गई थी. इसके अलावा इलाज के लिए कानपुर और दिल्ली समेत कई चिड़ियाघरों के पशु चिकित्सकों के भी सुझाव मांगे गए थे. वह 24 साल की थी और पिछले फरवरी से प्रसव नहीं होने के चलते बीमार चल रही थी.

स्टाफ में छाई मायूसी
आशी के गुजर जाने से उसकी देखभाल में लगे स्टाफ में मायूसी है. नवाब वाजिद अली शाह में दो हिप्पो यानी दरियाई घोड़े थे. मादा दरियाई घोड़ा आशी के गर्भवती होने की खबर से दर्शक भी छोटे हिप्पो का इंतजार कर रहे थे. अपने गर्भकाल के 240 दिन बाद भी उसे कोई बच्चा नहीं हुआ, जिसका प्रभाव उसके व्यवहार में दिखने लगा. उसने चारा खाना बंद कर दिया. अपने बाड़े में अक्सर गुमसुम दिखाई देती रही, जिसके बाद प्राणि उद्यान ने देश-विदेश के वन्यजीव चिकित्सकों और विशेषज्ञों से संपर्क कर उसका इलाज शुरू किया. बीच में वह बेहतर निगरानी के चलते अवसाद से उबरने भी लगी थी.

चिड़ियाघर प्रशासन पर उठे सवाल
प्राणी उद्यान निदेशक आरके सिंह ने बताया कि मादा हिप्पो आशी के गुजर जाने के बाद उसका पोस्टमार्टम किया गया. पशुपालन विभाग बादशाहनगर के अधीक्षक पॉलीक्लिनिक डॉ. नरवीर सिंह, डॉ. विनीत यादव, उपनिदेशक डॉ. उत्कर्ष शुक्ल, पशु चिकित्सक डॉ. अशोक कश्यप, डॉ. बृजेंद्र मणि यादव की टीम ने पोस्टमार्टम किया. पोस्टमार्टम में भ्रूण में संक्रमण की वजह से मौत बताई गई. हालांकि इस पर सवाल खड़े हो रहे हैं कि चिड़ियाघर प्रशासन यह तक पता नहीं कर पाया कि आशी के पेट में पल रहे बच्चे की क्या स्थिति है.

लखनऊ : राजधानी के नवाब वाजिद अली शाह प्राणी उद्यान यानी कि चिड़ियाघर की मादा हिप्पो आशी की बुधवार दोपहर मौत हो गई है. आशी गर्भवती थी. वह कुछ समय से बीमार चल रही थी. पोस्टमार्टम में बच्चे के भ्रूण में संक्रमण होने से मौत होने की बात सामने आई है. देश विदेश के चिकित्सकों की राय के बावजूद उसे बचाया नहीं जा सका.

चिड़ियाघर के उप निदेशक डॉ. उत्कर्ष शुक्ला ने बताया कि बुधवार दोपहर मादा हिप्पो अपने बाड़े में मृत पाई गई. वह गर्भवती थी. पांच फरवरी से वह बीमार चल रही थी और भोजन भी नहीं खा रही थी. इस बारे में बरेली के भारतीय पशु चिकित्सा केंद्र के प्रभारी डॉ. अभिजीत पावड़े की भी सलाह ली गई थी. इसके अलावा इलाज के लिए कानपुर और दिल्ली समेत कई चिड़ियाघरों के पशु चिकित्सकों के भी सुझाव मांगे गए थे. वह 24 साल की थी और पिछले फरवरी से प्रसव नहीं होने के चलते बीमार चल रही थी.

स्टाफ में छाई मायूसी
आशी के गुजर जाने से उसकी देखभाल में लगे स्टाफ में मायूसी है. नवाब वाजिद अली शाह में दो हिप्पो यानी दरियाई घोड़े थे. मादा दरियाई घोड़ा आशी के गर्भवती होने की खबर से दर्शक भी छोटे हिप्पो का इंतजार कर रहे थे. अपने गर्भकाल के 240 दिन बाद भी उसे कोई बच्चा नहीं हुआ, जिसका प्रभाव उसके व्यवहार में दिखने लगा. उसने चारा खाना बंद कर दिया. अपने बाड़े में अक्सर गुमसुम दिखाई देती रही, जिसके बाद प्राणि उद्यान ने देश-विदेश के वन्यजीव चिकित्सकों और विशेषज्ञों से संपर्क कर उसका इलाज शुरू किया. बीच में वह बेहतर निगरानी के चलते अवसाद से उबरने भी लगी थी.

चिड़ियाघर प्रशासन पर उठे सवाल
प्राणी उद्यान निदेशक आरके सिंह ने बताया कि मादा हिप्पो आशी के गुजर जाने के बाद उसका पोस्टमार्टम किया गया. पशुपालन विभाग बादशाहनगर के अधीक्षक पॉलीक्लिनिक डॉ. नरवीर सिंह, डॉ. विनीत यादव, उपनिदेशक डॉ. उत्कर्ष शुक्ल, पशु चिकित्सक डॉ. अशोक कश्यप, डॉ. बृजेंद्र मणि यादव की टीम ने पोस्टमार्टम किया. पोस्टमार्टम में भ्रूण में संक्रमण की वजह से मौत बताई गई. हालांकि इस पर सवाल खड़े हो रहे हैं कि चिड़ियाघर प्रशासन यह तक पता नहीं कर पाया कि आशी के पेट में पल रहे बच्चे की क्या स्थिति है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.