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विधान परिषदः पिता संग बेटा सीखेगा उच्च सदन का ककहरा, पहली बार दोनों दिखेंगे साथ

उत्तर प्रदेश विधान परिषद सदन की कार्यवाही में पिता और पुत्र पहली बार एक साथ दिखेंगे. चलिए जानते हैं इनके बारे में.

विधान परिषदः पिता संग बेटा सीखेगा उच्च सदन का ककहरा, सदन में पहली बार दोनों दिखेंगे साथ
विधान परिषदः पिता संग बेटा सीखेगा उच्च सदन का ककहरा, सदन में पहली बार दोनों दिखेंगे साथ
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Published : Apr 13, 2022, 3:17 PM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधान परिषद सदन की कार्यवाही में पिता और पुत्र पहली बार एक साथ दिखेंगे. भारतीय जनता पार्टी से विधान परिषद सदस्य निर्वाचित होने वाले यशवंत सिंह का बेटा विक्रांत सिंह उर्फ रिशू सिंह निर्दलीय स्थानीय प्राधिकारी सीट से एमएलसी निर्वाचित हुआ है. बीजेपी ने पिछले दिनों यशवंत सिंह को भले ही पार्टी से निष्कासित कर दिया हो लेकिन अब पिता-पुत्र उच्च सदन की कार्यवाही में एक साथ नजर आएंगे.

भारतीय जनता पार्टी से विधान परिषद सदस्य मनोनीत हुए यशवंत सिंह वर्तमान समय में भारतीय जनता पार्टी से निष्कासित कर दिए गए हैं. इसके पीछे का कारण उनके बेटे विक्रांत सिंह का पार्टी के खिलाफ निर्दलीय चुनाव लड़ना था. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने उन्हें छह साल के लिए निष्कासित कर दिया था.

यह बोले राजनीतिक विश्लेषक.

जानकार बताते हैं कि विधान परिषद में ऐसा पहली बार हो रहा है जब पिता और पुत्र एक साथ सदन की कार्यवाही में भाग लेंगे. इसके पहले ऐसा कभी कोई मौका नहीं आया. ऐसे में अब यशवंत सिंह अपने बेटे विक्रांत सिंह के साथ सदन में नजर आएंगे. एमएलसी यशवंत सिंह बेटे विधान परिषद सदस्य विक्रांत सिंह को सदन में किस प्रकार से काम करना है, कार्यवाही में कैसे भाग लेना है और किन नियमों के अंतर्गत कौन से मुद्दे उठाने हैं इन सबकी जानकारी देंगे.

इस बारे में राजनीतिक विश्लेषक डॉ. दिलीप अग्निहोत्री कहते हैं कि चुनाव के दौरान तो कई बार ऐसे मौके आए हैं जब पिता-पुत्र साथ साथ चुनाव लड़े थे. कई बार ऐसा भी हुआ है कि एक दूसरे के खिलाफ एक ही परिवार के लोग चुनाव लड़ते हुए नजर आए हैं लेकिन यह एक ऐसा संयोग बना है कि विधान परिषद में पिता-पुत्र एक साथ सदन की कार्यवाही में हिस्सा लेंगे.भाजपा एमएलसी यशवंत सिंह वंश परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं.

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लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधान परिषद सदन की कार्यवाही में पिता और पुत्र पहली बार एक साथ दिखेंगे. भारतीय जनता पार्टी से विधान परिषद सदस्य निर्वाचित होने वाले यशवंत सिंह का बेटा विक्रांत सिंह उर्फ रिशू सिंह निर्दलीय स्थानीय प्राधिकारी सीट से एमएलसी निर्वाचित हुआ है. बीजेपी ने पिछले दिनों यशवंत सिंह को भले ही पार्टी से निष्कासित कर दिया हो लेकिन अब पिता-पुत्र उच्च सदन की कार्यवाही में एक साथ नजर आएंगे.

भारतीय जनता पार्टी से विधान परिषद सदस्य मनोनीत हुए यशवंत सिंह वर्तमान समय में भारतीय जनता पार्टी से निष्कासित कर दिए गए हैं. इसके पीछे का कारण उनके बेटे विक्रांत सिंह का पार्टी के खिलाफ निर्दलीय चुनाव लड़ना था. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने उन्हें छह साल के लिए निष्कासित कर दिया था.

यह बोले राजनीतिक विश्लेषक.

जानकार बताते हैं कि विधान परिषद में ऐसा पहली बार हो रहा है जब पिता और पुत्र एक साथ सदन की कार्यवाही में भाग लेंगे. इसके पहले ऐसा कभी कोई मौका नहीं आया. ऐसे में अब यशवंत सिंह अपने बेटे विक्रांत सिंह के साथ सदन में नजर आएंगे. एमएलसी यशवंत सिंह बेटे विधान परिषद सदस्य विक्रांत सिंह को सदन में किस प्रकार से काम करना है, कार्यवाही में कैसे भाग लेना है और किन नियमों के अंतर्गत कौन से मुद्दे उठाने हैं इन सबकी जानकारी देंगे.

इस बारे में राजनीतिक विश्लेषक डॉ. दिलीप अग्निहोत्री कहते हैं कि चुनाव के दौरान तो कई बार ऐसे मौके आए हैं जब पिता-पुत्र साथ साथ चुनाव लड़े थे. कई बार ऐसा भी हुआ है कि एक दूसरे के खिलाफ एक ही परिवार के लोग चुनाव लड़ते हुए नजर आए हैं लेकिन यह एक ऐसा संयोग बना है कि विधान परिषद में पिता-पुत्र एक साथ सदन की कार्यवाही में हिस्सा लेंगे.भाजपा एमएलसी यशवंत सिंह वंश परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं.

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