लखनऊ : समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष, पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता विरोधी दल अखिलेश यादव ने कहा है कि प्रदेश में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से फसलों को भारी नुकसान हुआ है. किसान संकट में हैं. बुन्देलखंड से लेकर पूर्वी उत्तर प्रदेश तक गेहूं, सरसों, आलू, चना समेत अन्य फसलें बर्बाद हो गई हैं. पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मंगलवार को जारी बयान में कहा है कि हमीरपुर, महोबा, ललितपुर, बदायूं, पीलीभीत, आगरा, अलीगढ़, वाराणसी, गाजीपुर, प्रयागराज, प्रतापगढ़, बाराबंकी, लखनऊ समेत कई अन्य जिलों में किसानों की फसलें तबाह हो गई हैं. लखनऊ के ग्रामीण इलाकों में तेज बारिश और ओले पड़ने से गेहूं तथा आम की फसल को नुकसान हुआ है. प्रदेश के कई जिलों में छोटे किसानों की तो पूरी खेती तबाह हो गई है. उनके सामने परिवार के पालन-पोषण का संकट पैदा हो गया है. प्रदेश सरकार किसानों के लिए तत्काल राहत और मुआवजा की घोषणा करे.
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार में किसानों की कोई सुनवाई नहीं हो रही है. भाजपा सरकार ने किसानों को आंकड़ों के मकड़जाल में उलझा दिया है. किसानों को कोई राहत नहीं मिल रही है. किसान बेसहारा और परेशान है. भाजपा सरकार किसानों को लगातार धोखा दे रही है. पहले भी मौसम के चलते बर्बाद हुई फसलों का किसानों को मुआवजा नहीं मिला है. सरकार झूठे वादे करती है. भाजपा ने किसानों की आय दोगुनी करने का वादा किया था, परन्तु भाजपा ने न तो किसानों की आय दोगनी की और न ही किसानों की फसल को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) मिला. उन्होंने कहा कि आज उत्तर प्रदेश में लाखों किसान बर्बादी के कगार पर पहुंच गए हैं. उनकी मेहनत की कमाई डूब गई है. सरकार उनकी मदद करने के बजाय 33 प्रतिशत नुकसान के कागजी आंकड़े का इंतजार कर रही है. भाजपा सरकार हमेशा से किसानों को लेकर संवेदनहीन रही है. भाजपा सरकार के रहते किसानों का भला होने वाला नहीं है. किसान ही वर्ष 2024 में अपनी तकदीर बदलने के लिए भाजपा सरकार को बदलेगा.
पूर्व मंत्री के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने की अखिलेश यादव से मुलाकात : वहीं नेता विरोधी दल अखिलेश यादव ने आज विधायक एवं पूर्व मंत्री अवधेश प्रसाद के साथ सैकड़ों की संख्या में आए कार्यकर्ताओं से भेंट की. अवधेश प्रसाद ने अखिलेश यादव को संविधान की प्रति भेंट करते हुए कहा कि उनके नेतृत्व में ही संविधान की रक्षा हो सकेगी. यादव ने कहा कि आज लोकतंत्र और संविधान दोनों खतरे में है. इस लड़ाई में समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं को विशेष जिम्मेदारी निभानी है. भाजपा सरकार विपक्षियों का दमन कर रही है और सरकारी सम्पत्तियां बेच रही है. उन्होंने 2024 के लोकसभा चुनाव में सभी 80 सीटों पर जीत का लक्ष्य लेकर चलने को कहा. यादव ने कार्यकर्ताओं से बूथस्तर तक संगठन को मजबूत बनाने और मतदाता सूची में कटे नाम जुड़वाने का अभियान चलाने का सुझाव दिया. उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग को पिछले चुनाव में 15 हजार नामों की सूची दी थी, जिनके नाम कटे थे, पर कुछ नहीं हुआ.
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