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मौसम के उतार-चढ़ाव से किसानों की बढ़ी परेशानी, करें ये उपाय...

बदलते मौसम ने किसानों के माथे पर पसीना ला दिया है. मौसम में उतार-चढ़ाव के बीच शुक्रवार को बारिश भी हुई, जिससे फसलों को काफी नुकसान हुआ है.

मौसम के उतार चढ़ाव से किसानों की बढ़ी परेशानी
मौसम के उतार चढ़ाव से किसानों की बढ़ी परेशानी
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Published : Mar 14, 2021, 3:54 PM IST

लखनऊ: शुक्रवार को मौसम में अचानक परिवर्तन से राजधानी के कुछ क्षेत्रों में बारिश हुई, जिससे फसलों के नुकसान का अनुमान है. इस समय तेज हवा से गेहूं की फसल गिरने का अधिक खतरा रहता है. फसल गिर जाने से 50 से 70 प्रतिशत तक नुकसान होने की‌ आशंका होती है.

फसल पर बढ़ेगी कीटों की संख्या

जिले के काकोरी, मलिहाबाद, माल एवं इटौंजा के कुछ क्षेत्रों में आम की फसल पर इस समय कीटनाशकों का छिड़काव किया जा रहा है. मौसम में परिवर्तन होने से कीटनाशक का प्रभाव बिल्कुल समाप्त हो जाएगा और फसल के ऊपर कीटों की संख्या बढ़ेगी. इससे आम की फसल बहुत प्रभावित होती है.

कीटों के प्रकोप से फसलों को ऐसे बचाएं

चंद्रभानु गुप्ता कृषि स्नातकोत्तर महाविद्यालय के सहायक आचार्य डॉ. सत्येंद्र कुमार सिंह ने बताया कि मौसम के उतार चढ़ाव से आम की फसल पर भुंनगा कीट का प्रकोप अधिक होगा. इसे प्रबंधित करना बहुत जरूरी है. यदि इसका समय से प्रबंधन नहीं किया जाता है तो किसानों को अधिक नुकसान होगा. इसको प्रबंधित करने के लिए इमिडाक्लोप्रिड की 0.5 एमएल मात्रा को 1 लीटर पानी के दर से घोल बनाकर छिड़काव लाभदायक होगा. बेमौसम बरसात हो जाने के कारण कद्दू वर्गीय सब्जियों और तरबूज एवं खरबूजा की बुआई लेट हो जाएगी. इससे किसानों को अधिक निगरानी करनी होगी.

लखनऊ: शुक्रवार को मौसम में अचानक परिवर्तन से राजधानी के कुछ क्षेत्रों में बारिश हुई, जिससे फसलों के नुकसान का अनुमान है. इस समय तेज हवा से गेहूं की फसल गिरने का अधिक खतरा रहता है. फसल गिर जाने से 50 से 70 प्रतिशत तक नुकसान होने की‌ आशंका होती है.

फसल पर बढ़ेगी कीटों की संख्या

जिले के काकोरी, मलिहाबाद, माल एवं इटौंजा के कुछ क्षेत्रों में आम की फसल पर इस समय कीटनाशकों का छिड़काव किया जा रहा है. मौसम में परिवर्तन होने से कीटनाशक का प्रभाव बिल्कुल समाप्त हो जाएगा और फसल के ऊपर कीटों की संख्या बढ़ेगी. इससे आम की फसल बहुत प्रभावित होती है.

कीटों के प्रकोप से फसलों को ऐसे बचाएं

चंद्रभानु गुप्ता कृषि स्नातकोत्तर महाविद्यालय के सहायक आचार्य डॉ. सत्येंद्र कुमार सिंह ने बताया कि मौसम के उतार चढ़ाव से आम की फसल पर भुंनगा कीट का प्रकोप अधिक होगा. इसे प्रबंधित करना बहुत जरूरी है. यदि इसका समय से प्रबंधन नहीं किया जाता है तो किसानों को अधिक नुकसान होगा. इसको प्रबंधित करने के लिए इमिडाक्लोप्रिड की 0.5 एमएल मात्रा को 1 लीटर पानी के दर से घोल बनाकर छिड़काव लाभदायक होगा. बेमौसम बरसात हो जाने के कारण कद्दू वर्गीय सब्जियों और तरबूज एवं खरबूजा की बुआई लेट हो जाएगी. इससे किसानों को अधिक निगरानी करनी होगी.

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