ETV Bharat / state

उत्तर प्रदेश में कृषि बिल के विरोध में किसानों के साथ विपक्षी दलों ने किया प्रदर्शन

संसद में कृषि बिल के पास होने के बाद से ही किसान इसका विरोध कर रहे हैं. इसी क्रम में शुक्रवार को किसानों ने देशव्यापी प्रदर्शन किया, जिसमें विपक्षी पार्टियों ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया. इस दौरान सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई.

protest against farm bills in uttar pradesh
यूपी में कृषि बिल के विरोध में किसानों के साथ ही राजनीतिक दलों ने किया प्रदर्शन.
author img

By

Published : Sep 26, 2020, 1:10 PM IST

Updated : Oct 20, 2020, 4:25 PM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के कई जिलों में शुक्रवार को किसानों ने देशव्यापी प्रदर्शन किया और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. इसमें उन्हें विपक्षी दलों का भी साथ मिला. किसानों के साथ ही विपक्षी दलों ने भी सरकार से कृषि बिल को वापस लेने की मांग की.

भारतीय किसान यूनियन का देशव्यापी चक्का जाम
मुजफ्फरनगर: दिल्ली-देहरादून राष्ट्रीय राजमार्ग-58 पर धरना प्रदर्शन कर रहे भारतीय किसान यूनियन के कार्यकर्ताओं के बीच पहुंचे राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि किसानों का प्रदर्शन पूरे देश में हो रहा है. जिले में भी 10 से 15 जगहों पर किसान प्रदर्शन कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि कृषि बिल किसान विरोधी है. हमारी डिमांड है कि इसे वापस लिया जाए. सरकार बैठकर बातचीत करे कि क्यों इसको लाना चाहती है. अगर ये आये तो इसमें क्या संसोधन हो सकता है.

राकेश टिकैत ने कहा कि नए बिल से मंडियां खत्म होंगी. मंडी में खरीद नहीं होगी. मंडी के बाहर टैक्स फ्री खरीद होगी. मंडी में लेकर फसल लेकर जाएंगे तो टैक्स लगेगा. धीरे-धीरे हमारा मंडी सेक्टर बर्बाद हो जाएगा. उन्होंने कहा कि सरकार ने कभी किसानों से बात नहीं की. आम आदमी पार्टी के जिला उपाध्यक्ष रोहन त्यागी ने बताया कि उनकी पार्टी पूरे देश में भारतीय किसान यूनियन का साथ दे रही है. रामपुर तिराहे पर सभी कार्यकर्ता भारतीय किसान यूनियन के समर्थन में धरने पर बैठे हुए हैं. जब तक धरना चलेगा, आम आदमी पार्टी का भी समर्थन जारी रहेगा. संसद से लेकर सड़क तक हम संघर्ष करते रहेंगे

पीएम मोदी और सीएम योगी के खिलाफ लगे नारे

सुलतानपुर: हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन के बैनर तले बड़ी संख्या में पदाधिकारी व कार्यकर्ता शहर के तिकोनिया पार्क में जमा हुए और एक स्वर में कृषि बिल का विरोध किया. इस दौरान योगी सरकार और मोदी सरकार मुर्दाबाद के नारे लगाए गए. एसडीएम सदर और सीओ सिटी भी मौके पर पहुंचे.

प्रदर्शनकारियों ने सागर के तिकोनिया पार्क में सबसे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी मुर्दाबाद के नारे लगाए. इस दौरान उन्होंने अंबानी और अडानी के व्यक्तिगत सम्बन्धों पर भी आक्षेप किया. प्रदर्शनकारियों ने कहा कि देश को बेचने के लिए सरकार अंबानी और अडानी जैसे व्यापारियों से हाथ मिला चुकी है. जो देश के लिए घातक है.

सपा ने प्रदर्शन कर सरकार पर साधा निशाना
बहराइच: कृषि बिल के खिलाफ सपाइयों ने कलेक्ट्रेट के सामने प्रदर्शन कर राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा. सपा कार्यकर्ताओं ने बिल को किसान विरोधी बताते हुए इसे वापस लिए जाने की मांग की है.

सपा जिलाध्यक्ष रामहर्ष यादव ने कहा कि लोकसभा में गत दिनों बिना बहुमत के भाजपा सरकार ने किसान विरोधी बिल पास करके किसानों को कॉरपोरेट घरानों और पूंजीपतियों के हाथों गिरवी रख दिया है. उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने लोकतंत्र की हत्या की है.

कृषि बिल के विरोध में सपा का कलेक्ट्रेट पर धरना
भदोही: कृषि बिल के विरोध में पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के निर्देश पर शुक्रवार को समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया. शारीरिक दूरी बनाए रखते हुए सपा कार्यकर्ताओं ने कृषि एवं श्रम कानूनों के विरोध में जिलाधिकारी को राज्यपाल महोदया को प्रेषित ज्ञापन सौंपा. इस मौके पर सपा जिलाध्यक्ष बाल विकास यादव ने कहा कि किसानों के हितों की अनदेखी करने वाला जो कृषि विधेयक भारत सरकार लाई है, उससे किसान अपनी जमीन का मालिक न रहकर मजदूर हो जाएगा. कृषि उत्पादन मण्डी की समाप्ति और विधेयक में न्यूनतम समर्थन मूल्य मिलना सुनिश्चित न होने से किसान अब औने-पौने दामों पर अपनी फसल बेचने को मजबूर होगा.

सपा जिलाध्यक्ष ने कहा कि गेहूं और धान की फसल को आवश्यक वस्तु अधिनियम से हटाये जाने से किसान को बड़े आढ़तियों और व्यापारिक घरानों की शर्तों पर अपनी फसल बेचना मजबूरी होगी. पूर्व विधायक जाहिद बेग ने कहा कि संसद से पारित श्रमिक कानून से श्रमिकों के हित बुरी तरह प्रभावित होंगे. अभी तक 100 कर्मचारियों वाले उद्योगों को बिना सरकारी अनुमति छंटनी का अधिकार नहीं था, लेकिन नया कानून 300 कर्मचारियों वाले उद्योगों को भी जब चाहे छंटनी करने का अधिकार दे रहा है. इससे श्रमिकों में असुरक्षा की भावना बढ़ेगी और वे अपनी जायज मांग भी नहीं उठा सकेंगे. वे उद्योगपतियों के बंधुआ मजदूर बनकर रह जाएंगे.

कृषि बिल के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन, सौंपा ज्ञापन

अमेठी: कृषि क्षेत्र में सुधारों के लिए संसद में पास कराए गए कृषि बिलों के विरोध में शुक्रवार को भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) समेत विभिन्न किसान संगठनों ने प्रदर्शन किया. इसी क्रम में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के संसदीय क्षेत्र अमेठी में भी भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) गुट ने कृषि बिल के विरोध में जोरदार प्रदर्शन किया. प्रदर्शन कर रहे किसानों का आरोप है कि केंद्र के इस बिल से न्यूनतम समर्थन मूल्य की व्यवस्था खत्म हो जाएगी और कृषि क्षेत्र बड़े पूंजीपतियों के हाथों में चला जाएगा. किसानों ने कहा कि तीनों विधेयक वापस लिए जाने तक वे अपनी लड़ाई जारी रखेंगे.

किसान नेता और भाकियू के जिलाध्यक्ष हरीश सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार आनन-फानन में जो ये कृषि अध्यादेश लेकर आई है, हम लोग इसका विरोध कर रहे हैं. हरीश ने कहा कि इतने सालों से देश का किसान अपने किसान आयोग की मांग कर रहा है, लेकिन उस पर ध्यान न देकर इस किसान विरोधी अध्यादेश को लागू किया गया है. वहीं उपजिलाधिकारी मुसाफिरखाना रामशंकर ने बताया कि किसानों ने कादूनाला स्थित शहीद स्मारक के पास एक विरोध प्रदर्शन किया, जिसमें किसानों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संबोधित एक ज्ञापन सौंपा है. इस ज्ञापन को जिलाधिकारी को भेज दिया जाएगा.

बिल के विरोध में भारतीय किसान यूनियन ने नेशनल हाईवे किया जाम
अमरोहा: जनपद के नेशनल हाईवे-9 पर कृषि विधेयक बिल के विरोध में भारतीय किसान यूनियन (भानू) ने जोरदार प्रदर्शन कर हाईवे जाम कर दिया. किसान नेताओं की मांग थी कि सरकार कृषि विधेयक बिल को वापस ले और एमएसपी का कानून बनाए. भारतीय किसान यूनियन भानु के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष चौधरी दिवाकर सिंह ने कहा कि सरकार ने बिना सोचे समझे तीन ऐसे विधेयक ले कर आई, जो किसान विरोधी हैं और किसानों के हित में नहीं हैं. उन्होंने कहा कि यह तीनों बिल किसानों के लिए एक काला अध्याय है. सरकार को इस अध्यदेश को वापस लेना ही पड़ेगा.

चौधरी दिवाकर सिंह ने कहा कि देश का किसान जब सरकार बना सकता है तो सरकार को गिरा भी सकता है. अगर सरकार इस बिल को वापस नहीं लेती है तो किसानों के द्वारा लगातार आंदोलन चलते रहेंगे. उन्होंने कहा कि देश की जीडीपी को बचाने का काम लॉकडाउन और कोरोना वायरस जैसे समय में भी देश के किसानों ने किया है. अगर इस बिल के इतने ही फायदे हैं तो सरकार जगह-जगह कार्यशाला आयोजित कर इस बिल का लाभ किसानों को बताएं और अगर सरकार किसान का भला चाहती है तो एमएसपी का कानून बनाए.

कृषि विधेयक को लेकर सपाइयों ने किया विरोध प्रदर्शन
अयोध्या: केंद्र सरकार द्वारा जारी किए गए कृषि विधेयक को लेकर संसद से सड़क तक विपक्ष का विरोध प्रदर्शन जारी है. समाजवादी पार्टी के प्रदेश नेतृत्व के आह्वान पर अयोध्या में भी समाजवादी पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने कचहरी पहुंचकर विरोध प्रदर्शन किया. कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन करने वालों में पूर्व कैबिनेट मंत्री अवधेश प्रसाद, पूर्व सपा विधायक अभय सिंह, एमएलसी लीलावती कुशवाहा, सपा जिलाध्यक्ष गंगा सिंह यादव, अनूप सिंह, पारसनाथ सिंह सहित सपा के कई अन्य बड़े नेता शामिल रहे. सपा नेताओं ने संयुक्त रूप से राज्यपाल को संबोधित एक ज्ञापन एडीएम सिटी वैभव शर्मा को सौंपा है.

पूर्व विधायक और समाजवादी पार्टी की सरकार में राज्यमंत्री रहे तेज नारायण पांडे 'पवन' ने कहा कि केंद्र सरकार और प्रदेश सरकार सभी मोर्चों पर विफल है. बेरोजगारों को रोजगार नहीं मिल रहा है, महिलाओं के साथ अपराध की घटनाएं बढ़ी हैं. उत्तर प्रदेश में आम इंसान का जीवन सुरक्षित नहीं है. इन सबके बीच केंद्र सरकार किसान विरोधी कानून लाकर किसानों की कमर तोड़ने का काम करने जा रही है. उन्होंने कहा कि सरकार अगर यह विधेयक वापस नहीं लेती है तो इसके लिए संसद से सड़क तक जोरदार आंदोलन होगा, जिसके लिए केंद्र सरकार और प्रदेश सरकार जिम्मेदार होगी.

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के कई जिलों में शुक्रवार को किसानों ने देशव्यापी प्रदर्शन किया और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. इसमें उन्हें विपक्षी दलों का भी साथ मिला. किसानों के साथ ही विपक्षी दलों ने भी सरकार से कृषि बिल को वापस लेने की मांग की.

भारतीय किसान यूनियन का देशव्यापी चक्का जाम
मुजफ्फरनगर: दिल्ली-देहरादून राष्ट्रीय राजमार्ग-58 पर धरना प्रदर्शन कर रहे भारतीय किसान यूनियन के कार्यकर्ताओं के बीच पहुंचे राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि किसानों का प्रदर्शन पूरे देश में हो रहा है. जिले में भी 10 से 15 जगहों पर किसान प्रदर्शन कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि कृषि बिल किसान विरोधी है. हमारी डिमांड है कि इसे वापस लिया जाए. सरकार बैठकर बातचीत करे कि क्यों इसको लाना चाहती है. अगर ये आये तो इसमें क्या संसोधन हो सकता है.

राकेश टिकैत ने कहा कि नए बिल से मंडियां खत्म होंगी. मंडी में खरीद नहीं होगी. मंडी के बाहर टैक्स फ्री खरीद होगी. मंडी में लेकर फसल लेकर जाएंगे तो टैक्स लगेगा. धीरे-धीरे हमारा मंडी सेक्टर बर्बाद हो जाएगा. उन्होंने कहा कि सरकार ने कभी किसानों से बात नहीं की. आम आदमी पार्टी के जिला उपाध्यक्ष रोहन त्यागी ने बताया कि उनकी पार्टी पूरे देश में भारतीय किसान यूनियन का साथ दे रही है. रामपुर तिराहे पर सभी कार्यकर्ता भारतीय किसान यूनियन के समर्थन में धरने पर बैठे हुए हैं. जब तक धरना चलेगा, आम आदमी पार्टी का भी समर्थन जारी रहेगा. संसद से लेकर सड़क तक हम संघर्ष करते रहेंगे

पीएम मोदी और सीएम योगी के खिलाफ लगे नारे

सुलतानपुर: हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन के बैनर तले बड़ी संख्या में पदाधिकारी व कार्यकर्ता शहर के तिकोनिया पार्क में जमा हुए और एक स्वर में कृषि बिल का विरोध किया. इस दौरान योगी सरकार और मोदी सरकार मुर्दाबाद के नारे लगाए गए. एसडीएम सदर और सीओ सिटी भी मौके पर पहुंचे.

प्रदर्शनकारियों ने सागर के तिकोनिया पार्क में सबसे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी मुर्दाबाद के नारे लगाए. इस दौरान उन्होंने अंबानी और अडानी के व्यक्तिगत सम्बन्धों पर भी आक्षेप किया. प्रदर्शनकारियों ने कहा कि देश को बेचने के लिए सरकार अंबानी और अडानी जैसे व्यापारियों से हाथ मिला चुकी है. जो देश के लिए घातक है.

सपा ने प्रदर्शन कर सरकार पर साधा निशाना
बहराइच: कृषि बिल के खिलाफ सपाइयों ने कलेक्ट्रेट के सामने प्रदर्शन कर राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा. सपा कार्यकर्ताओं ने बिल को किसान विरोधी बताते हुए इसे वापस लिए जाने की मांग की है.

सपा जिलाध्यक्ष रामहर्ष यादव ने कहा कि लोकसभा में गत दिनों बिना बहुमत के भाजपा सरकार ने किसान विरोधी बिल पास करके किसानों को कॉरपोरेट घरानों और पूंजीपतियों के हाथों गिरवी रख दिया है. उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने लोकतंत्र की हत्या की है.

कृषि बिल के विरोध में सपा का कलेक्ट्रेट पर धरना
भदोही: कृषि बिल के विरोध में पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के निर्देश पर शुक्रवार को समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया. शारीरिक दूरी बनाए रखते हुए सपा कार्यकर्ताओं ने कृषि एवं श्रम कानूनों के विरोध में जिलाधिकारी को राज्यपाल महोदया को प्रेषित ज्ञापन सौंपा. इस मौके पर सपा जिलाध्यक्ष बाल विकास यादव ने कहा कि किसानों के हितों की अनदेखी करने वाला जो कृषि विधेयक भारत सरकार लाई है, उससे किसान अपनी जमीन का मालिक न रहकर मजदूर हो जाएगा. कृषि उत्पादन मण्डी की समाप्ति और विधेयक में न्यूनतम समर्थन मूल्य मिलना सुनिश्चित न होने से किसान अब औने-पौने दामों पर अपनी फसल बेचने को मजबूर होगा.

सपा जिलाध्यक्ष ने कहा कि गेहूं और धान की फसल को आवश्यक वस्तु अधिनियम से हटाये जाने से किसान को बड़े आढ़तियों और व्यापारिक घरानों की शर्तों पर अपनी फसल बेचना मजबूरी होगी. पूर्व विधायक जाहिद बेग ने कहा कि संसद से पारित श्रमिक कानून से श्रमिकों के हित बुरी तरह प्रभावित होंगे. अभी तक 100 कर्मचारियों वाले उद्योगों को बिना सरकारी अनुमति छंटनी का अधिकार नहीं था, लेकिन नया कानून 300 कर्मचारियों वाले उद्योगों को भी जब चाहे छंटनी करने का अधिकार दे रहा है. इससे श्रमिकों में असुरक्षा की भावना बढ़ेगी और वे अपनी जायज मांग भी नहीं उठा सकेंगे. वे उद्योगपतियों के बंधुआ मजदूर बनकर रह जाएंगे.

कृषि बिल के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन, सौंपा ज्ञापन

अमेठी: कृषि क्षेत्र में सुधारों के लिए संसद में पास कराए गए कृषि बिलों के विरोध में शुक्रवार को भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) समेत विभिन्न किसान संगठनों ने प्रदर्शन किया. इसी क्रम में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के संसदीय क्षेत्र अमेठी में भी भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) गुट ने कृषि बिल के विरोध में जोरदार प्रदर्शन किया. प्रदर्शन कर रहे किसानों का आरोप है कि केंद्र के इस बिल से न्यूनतम समर्थन मूल्य की व्यवस्था खत्म हो जाएगी और कृषि क्षेत्र बड़े पूंजीपतियों के हाथों में चला जाएगा. किसानों ने कहा कि तीनों विधेयक वापस लिए जाने तक वे अपनी लड़ाई जारी रखेंगे.

किसान नेता और भाकियू के जिलाध्यक्ष हरीश सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार आनन-फानन में जो ये कृषि अध्यादेश लेकर आई है, हम लोग इसका विरोध कर रहे हैं. हरीश ने कहा कि इतने सालों से देश का किसान अपने किसान आयोग की मांग कर रहा है, लेकिन उस पर ध्यान न देकर इस किसान विरोधी अध्यादेश को लागू किया गया है. वहीं उपजिलाधिकारी मुसाफिरखाना रामशंकर ने बताया कि किसानों ने कादूनाला स्थित शहीद स्मारक के पास एक विरोध प्रदर्शन किया, जिसमें किसानों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संबोधित एक ज्ञापन सौंपा है. इस ज्ञापन को जिलाधिकारी को भेज दिया जाएगा.

बिल के विरोध में भारतीय किसान यूनियन ने नेशनल हाईवे किया जाम
अमरोहा: जनपद के नेशनल हाईवे-9 पर कृषि विधेयक बिल के विरोध में भारतीय किसान यूनियन (भानू) ने जोरदार प्रदर्शन कर हाईवे जाम कर दिया. किसान नेताओं की मांग थी कि सरकार कृषि विधेयक बिल को वापस ले और एमएसपी का कानून बनाए. भारतीय किसान यूनियन भानु के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष चौधरी दिवाकर सिंह ने कहा कि सरकार ने बिना सोचे समझे तीन ऐसे विधेयक ले कर आई, जो किसान विरोधी हैं और किसानों के हित में नहीं हैं. उन्होंने कहा कि यह तीनों बिल किसानों के लिए एक काला अध्याय है. सरकार को इस अध्यदेश को वापस लेना ही पड़ेगा.

चौधरी दिवाकर सिंह ने कहा कि देश का किसान जब सरकार बना सकता है तो सरकार को गिरा भी सकता है. अगर सरकार इस बिल को वापस नहीं लेती है तो किसानों के द्वारा लगातार आंदोलन चलते रहेंगे. उन्होंने कहा कि देश की जीडीपी को बचाने का काम लॉकडाउन और कोरोना वायरस जैसे समय में भी देश के किसानों ने किया है. अगर इस बिल के इतने ही फायदे हैं तो सरकार जगह-जगह कार्यशाला आयोजित कर इस बिल का लाभ किसानों को बताएं और अगर सरकार किसान का भला चाहती है तो एमएसपी का कानून बनाए.

कृषि विधेयक को लेकर सपाइयों ने किया विरोध प्रदर्शन
अयोध्या: केंद्र सरकार द्वारा जारी किए गए कृषि विधेयक को लेकर संसद से सड़क तक विपक्ष का विरोध प्रदर्शन जारी है. समाजवादी पार्टी के प्रदेश नेतृत्व के आह्वान पर अयोध्या में भी समाजवादी पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने कचहरी पहुंचकर विरोध प्रदर्शन किया. कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन करने वालों में पूर्व कैबिनेट मंत्री अवधेश प्रसाद, पूर्व सपा विधायक अभय सिंह, एमएलसी लीलावती कुशवाहा, सपा जिलाध्यक्ष गंगा सिंह यादव, अनूप सिंह, पारसनाथ सिंह सहित सपा के कई अन्य बड़े नेता शामिल रहे. सपा नेताओं ने संयुक्त रूप से राज्यपाल को संबोधित एक ज्ञापन एडीएम सिटी वैभव शर्मा को सौंपा है.

पूर्व विधायक और समाजवादी पार्टी की सरकार में राज्यमंत्री रहे तेज नारायण पांडे 'पवन' ने कहा कि केंद्र सरकार और प्रदेश सरकार सभी मोर्चों पर विफल है. बेरोजगारों को रोजगार नहीं मिल रहा है, महिलाओं के साथ अपराध की घटनाएं बढ़ी हैं. उत्तर प्रदेश में आम इंसान का जीवन सुरक्षित नहीं है. इन सबके बीच केंद्र सरकार किसान विरोधी कानून लाकर किसानों की कमर तोड़ने का काम करने जा रही है. उन्होंने कहा कि सरकार अगर यह विधेयक वापस नहीं लेती है तो इसके लिए संसद से सड़क तक जोरदार आंदोलन होगा, जिसके लिए केंद्र सरकार और प्रदेश सरकार जिम्मेदार होगी.

Last Updated : Oct 20, 2020, 4:25 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.