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कंपनियों की नजर जमीन पर, देशभर के लोगों को आंदोलन के लिए करेंगे एकजुट : राकेश टिकैत

किसान नेता राकेश टिकैत मंगलवार को नेतरहाट पहुंचे. टिकैत यहां चल रहे नेतरहाट सत्याग्रह में शामिल हुए. इस दौरान फील्ड फायरिंग रेंज विरोधी आंदोलन को अपना समर्थन दिया. राकेश टिकैत ने किसानों को भी संबोधित किया.

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किसान नेता राकेश टिकैत
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Published : Mar 22, 2022, 10:35 PM IST

लातेहार : लातेहार के नेतरहाट के टुटुवापानी में प्रस्तावित फील्ड फायरिंग रेंज के विरोध में मंगलवार को दो दिवसीय विरोध प्रदर्शन शुरू हुआ. इस विरोध प्रदर्शन में बतौर मुख्य अतिथि किसान नेता राकेश टिकैत ने सरकार द्वारा प्रस्तावित फील्ड फायरिंग रेंज का खुलकर विरोध किया. उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में देशभर में किसानों की जमीन लूटने की साजिश चल रही है. कंपनियों की इस पर नजर है. इसके खिलाफ देश भर में जाएंगे और लोगों को एकजुट कर जल्द ही देशभर में बड़ा आंदोलन चलाया जाएगा.

गौरतलब है कि कुछ वक्त पहले सरकार ने लातेहार और गुमला जिले की सीमा क्षेत्र पर स्थित नेतरहाट के पास फील्ड फायरिंग रेंज स्थापना की घोषणा की थी. इसके चलते वर्ष 1993 में सरकार की ओर से क्षेत्र के 200 से अधिक गांवों को विस्थापित करने की योजना बनाई गई थी. इसके खिलाफ ग्रामीण गोलबंद हो गए और 1994 में फील्ड फायरिंग रेंज के विरोध में उतर आए. तभी से ग्रामीण इसके खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं.

ये भी पढ़ें- फिरोजाबाद में क्यों दो सगी बहनें चलती ट्रेन से कूदीं?

किसान आंदोलन से भी बड़ा आंदोलन : कार्यक्रम में किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि देश की सरकार हमेशा किसानों का शोषण करती रही है. किसानों की फसलों को औने पौने दाम पर बेचे जाने के बावजूद सरकार द्वारा फसल के लिए उचित मूल्य का निर्धारण नहीं किया जा रहा जबकि किसानों की जमीन को पूंजीपतियों के हाथ बेचा जा रहा है. सरकार चाहती है कि देश के किसान मजदूर बन जाएं. इस मानसिकता के खिलाफ देशभर में जल्द ही आंदोलन चलाया जाएगा. यह आंदोलन किसान आंदोलन से भी बड़ा और लंबा होगा. उन्होंने कहा कि वर्तमान में सरकार किसानों को सुविधा देने के नाम पर कर्जदार बना रही है और फिर किसानों की जमीन को नीलाम कर रही है.

आदिवासियों की तारीफ : किसान नेता राकेश टिकैत ने आंदोलन कर रहे आदिवासियों की जमकर तारीफ की. उन्होंने कहा कि यहां के आदिवासी अपनी जमीन किसी भी कीमत में बेचने को तैयार नहीं है. इनका आंदोलन पैसे के लिए नहीं बल्कि अपने अस्तित्व को बचाने के लिए है. यह काफी काबिले तारीफ है.

विधानसभा में उठाया मामला : विरोध प्रदर्शन में शामिल होने आए विधायक विनोद सिंह ने कहा कि यह आंदोलन रूकेगा नहीं. उन्होंने कहा कि आदिवासियों की जमीन लूटे जाने के मामले को उन्होंने विधानसभा में उठाया है. यदि न्याय नहीं मिला तो उनका आंदोलन सड़क पर भी आरंभ होगा. उन्होंने कहा कि सरकार एक तरफ इस पूरे इलाके को इको सेंसेटिव जोन घोषित कर ग्रामीणों को विस्थापित करने पर तुली है. वहीं, दूसरी ओर फील्ड फायरिंग रेंज स्थापित करना चाह रही है. यह दोहरी नीति नहीं चलेगी.

बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने लिया भाग : इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित हुए. कार्यक्रम में जेरोम जेराल्ड, अनिल मनोहर आदि लोगों ने पूरे कार्यक्रम की रूपरेखा बताई. बाद में स्थानीय लोगों ने जुलूस निकालकर जान देंगे. जमीन नहीं देंगे के नारे लगाए. विरोध प्रदर्शन गुरुवार को भी चलेगा. दोपहर 2:00 बजे इसका समापन होगा. विरोध प्रदर्शन में भाग लेने आए सभी प्रदर्शनकारी रातभर सभा स्थल पर ही रूके रहेंगे.

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लातेहार : लातेहार के नेतरहाट के टुटुवापानी में प्रस्तावित फील्ड फायरिंग रेंज के विरोध में मंगलवार को दो दिवसीय विरोध प्रदर्शन शुरू हुआ. इस विरोध प्रदर्शन में बतौर मुख्य अतिथि किसान नेता राकेश टिकैत ने सरकार द्वारा प्रस्तावित फील्ड फायरिंग रेंज का खुलकर विरोध किया. उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में देशभर में किसानों की जमीन लूटने की साजिश चल रही है. कंपनियों की इस पर नजर है. इसके खिलाफ देश भर में जाएंगे और लोगों को एकजुट कर जल्द ही देशभर में बड़ा आंदोलन चलाया जाएगा.

गौरतलब है कि कुछ वक्त पहले सरकार ने लातेहार और गुमला जिले की सीमा क्षेत्र पर स्थित नेतरहाट के पास फील्ड फायरिंग रेंज स्थापना की घोषणा की थी. इसके चलते वर्ष 1993 में सरकार की ओर से क्षेत्र के 200 से अधिक गांवों को विस्थापित करने की योजना बनाई गई थी. इसके खिलाफ ग्रामीण गोलबंद हो गए और 1994 में फील्ड फायरिंग रेंज के विरोध में उतर आए. तभी से ग्रामीण इसके खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं.

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किसान आंदोलन से भी बड़ा आंदोलन : कार्यक्रम में किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि देश की सरकार हमेशा किसानों का शोषण करती रही है. किसानों की फसलों को औने पौने दाम पर बेचे जाने के बावजूद सरकार द्वारा फसल के लिए उचित मूल्य का निर्धारण नहीं किया जा रहा जबकि किसानों की जमीन को पूंजीपतियों के हाथ बेचा जा रहा है. सरकार चाहती है कि देश के किसान मजदूर बन जाएं. इस मानसिकता के खिलाफ देशभर में जल्द ही आंदोलन चलाया जाएगा. यह आंदोलन किसान आंदोलन से भी बड़ा और लंबा होगा. उन्होंने कहा कि वर्तमान में सरकार किसानों को सुविधा देने के नाम पर कर्जदार बना रही है और फिर किसानों की जमीन को नीलाम कर रही है.

आदिवासियों की तारीफ : किसान नेता राकेश टिकैत ने आंदोलन कर रहे आदिवासियों की जमकर तारीफ की. उन्होंने कहा कि यहां के आदिवासी अपनी जमीन किसी भी कीमत में बेचने को तैयार नहीं है. इनका आंदोलन पैसे के लिए नहीं बल्कि अपने अस्तित्व को बचाने के लिए है. यह काफी काबिले तारीफ है.

विधानसभा में उठाया मामला : विरोध प्रदर्शन में शामिल होने आए विधायक विनोद सिंह ने कहा कि यह आंदोलन रूकेगा नहीं. उन्होंने कहा कि आदिवासियों की जमीन लूटे जाने के मामले को उन्होंने विधानसभा में उठाया है. यदि न्याय नहीं मिला तो उनका आंदोलन सड़क पर भी आरंभ होगा. उन्होंने कहा कि सरकार एक तरफ इस पूरे इलाके को इको सेंसेटिव जोन घोषित कर ग्रामीणों को विस्थापित करने पर तुली है. वहीं, दूसरी ओर फील्ड फायरिंग रेंज स्थापित करना चाह रही है. यह दोहरी नीति नहीं चलेगी.

बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने लिया भाग : इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित हुए. कार्यक्रम में जेरोम जेराल्ड, अनिल मनोहर आदि लोगों ने पूरे कार्यक्रम की रूपरेखा बताई. बाद में स्थानीय लोगों ने जुलूस निकालकर जान देंगे. जमीन नहीं देंगे के नारे लगाए. विरोध प्रदर्शन गुरुवार को भी चलेगा. दोपहर 2:00 बजे इसका समापन होगा. विरोध प्रदर्शन में भाग लेने आए सभी प्रदर्शनकारी रातभर सभा स्थल पर ही रूके रहेंगे.

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