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श्रवण साहू हत्याकांड: अभियुक्त फैसल उर्फ बबलू की जमानत याचिका खारिज

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Published : Mar 10, 2021, 8:43 PM IST

राजधानी लखनऊ में श्रवण साहू हत्या मामले में सीबीआई के विशेष जज अजय विक्रम सिंह ने अभियुक्त फैसल उर्फ बबलू की जमानत अर्जी खारिज कर दी है.

प्रतीकात्मक तस्वीर.
प्रतीकात्मक तस्वीर.

लखनऊ: राजधानी में हुए सनसनीखेज श्रवण साहू हत्या मामले में सीबीआई के विशेष जज अजय विक्रम सिंह ने अभियुक्त फैसल उर्फ बबलू की जमानत अर्जी खारिज कर दी है. कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि श्रवण साहू की हत्या इसलिए की गई थी कि वह अपने पुत्र आयुष की हत्या के मामले में गवाही नहीं दे सके. ऐसे में अभियुक्त को जमानत पर रिहा करने से गवाहों को प्रभावित करने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता.

जानें पूरा मामला
1 फरवरी 2017 को राजधानी के बाजारखाला इलाके में श्रवण साहू की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. वह अपने पुत्र आयूष साहू की हत्या के मामले में अहम गवाह थे और आयुष के मुकदमे की पैरवी कर रहे थे. आयूष की हत्या में अकील अंसारी नामजद था. श्रवण साहू हत्याकांड मामले में भी उसका नाम सामने आया लेकिन, वह पहले से जेल में था. पुलिस ने उसके खिलाफ श्रवण साहू की हत्या की साजिश रचने तथा साक्ष्य मिटाने की साजिश का भी आरोप पाया था. बाद में पुलिस ने इस चर्चित हत्याकांड मामले का पर्दाफाश करते हुए अन्य अभियुक्त अमन सिंह, सत्यम पटेल, अजय पटेल, विवेक वर्मा और रोहित मिश्रा को भी गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है.

16 फरवरी, 2017 को पुलिस ने अभियुक्तों की निशानदेही पर हत्या में प्रयुक्त रिवाल्वर और खोखा भी बरामद किया है. लेकिन, 20 मार्च, 2017 को हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने इस मामले में पुलिसवालों की मिलीभगत सामने आने पर मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी. 9 मई, 2017 को सीबीआई ने अपनी जांच के बाद इन्हीं अभिुयक्तों के खिलाफ आईपीसी की धारा 302, 201 और 120B के तहत आरोप पत्र दाखिल किया. बाद में विवेचना के दौरान अभियुक्त फैसल उर्फ बबलू और बाबू खां का भी नाम सामने आने पर इनके खिलाफ भी पूरक आरोप पत्र दाखिल किया.

लखनऊ: राजधानी में हुए सनसनीखेज श्रवण साहू हत्या मामले में सीबीआई के विशेष जज अजय विक्रम सिंह ने अभियुक्त फैसल उर्फ बबलू की जमानत अर्जी खारिज कर दी है. कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि श्रवण साहू की हत्या इसलिए की गई थी कि वह अपने पुत्र आयुष की हत्या के मामले में गवाही नहीं दे सके. ऐसे में अभियुक्त को जमानत पर रिहा करने से गवाहों को प्रभावित करने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता.

जानें पूरा मामला
1 फरवरी 2017 को राजधानी के बाजारखाला इलाके में श्रवण साहू की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. वह अपने पुत्र आयूष साहू की हत्या के मामले में अहम गवाह थे और आयुष के मुकदमे की पैरवी कर रहे थे. आयूष की हत्या में अकील अंसारी नामजद था. श्रवण साहू हत्याकांड मामले में भी उसका नाम सामने आया लेकिन, वह पहले से जेल में था. पुलिस ने उसके खिलाफ श्रवण साहू की हत्या की साजिश रचने तथा साक्ष्य मिटाने की साजिश का भी आरोप पाया था. बाद में पुलिस ने इस चर्चित हत्याकांड मामले का पर्दाफाश करते हुए अन्य अभियुक्त अमन सिंह, सत्यम पटेल, अजय पटेल, विवेक वर्मा और रोहित मिश्रा को भी गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है.

16 फरवरी, 2017 को पुलिस ने अभियुक्तों की निशानदेही पर हत्या में प्रयुक्त रिवाल्वर और खोखा भी बरामद किया है. लेकिन, 20 मार्च, 2017 को हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने इस मामले में पुलिसवालों की मिलीभगत सामने आने पर मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी. 9 मई, 2017 को सीबीआई ने अपनी जांच के बाद इन्हीं अभिुयक्तों के खिलाफ आईपीसी की धारा 302, 201 और 120B के तहत आरोप पत्र दाखिल किया. बाद में विवेचना के दौरान अभियुक्त फैसल उर्फ बबलू और बाबू खां का भी नाम सामने आने पर इनके खिलाफ भी पूरक आरोप पत्र दाखिल किया.

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