लखनऊ : भातखंडे संस्कृति विश्वविद्यालय में संगीत, नृत्य, क्लासिकल म्यूजिक, कथक व अन्य शास्त्रीय संगीत से जुड़े विधाओं के विशेषज्ञों द्वारा छात्रों को संबंधित क्षेत्र के बारे में जानकारी दी जाएगी. इसके विश्वविद्यालय प्रशासन ने सभी विषयों के विशेषज्ञों को जो इस क्षेत्र में महारत रखते हैं, उनको बुलाकर छात्रों के लिए एक दिन से लेकर एक सप्ताह तक का वर्कशॉप व ट्रेनिंग करवा रहा है. इस वर्कशॉप व ट्रेनिंग का मुख्य उद्देश्य विशेषज्ञ के माध्यम से बच्चों को उनके विषय में बारीकियां को सिखाना है. साथ ही छात्रों को विशेषज्ञों के माध्यम से उनके क्षेत्र की विधाओं में अपने को कैसे पारंगत करें इसके बारे में भी जानकारी मिलेगी. भातखंडे संस्कृति विश्वविद्यालय के गठन होने के बाद पहले कुलपति प्रोफेसर मांडवी सिंह की ओर से इस पहल की शुरुआत की गई है. विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि परियोजना का बीते दिनों शुभारंभ ठीक कर दिया गया है.
तीन विशेषज्ञ को बुलाया जा चुका है, आगे के लिए प्रस्ताव तैयार हो रहे
विश्वविद्यालय की कुल सचिव डॉ. सृष्टि धवन ने बताया कि संगीत, गायन, नृत्य, शास्त्रीय संगीत व कथक सहित सभी विधाओं के लिए विशेषज्ञों के माध्यम से छात्रों को बारीकियां सिखाने की योजना शुरू की गई है. इस योजना के तहत अभी तक शास्त्रीय संगीत में बनारस घराने के पंडित सजन मिश्रा द्वारा तीन दिनों का एक वर्कशाप आयोजित हुआ था. इस वर्कशॉप में पंडित सजन मिश्रा द्वारा शास्त्रीय संगीत के बारे में बच्चों को बारीकियां सिखाई गई. जिसमें विशेष तौर पर शास्त्रीय संगीत के रियाज और संगीत साधना के बारे में बच्चों को विस्तार से उनके द्वारा बताया गया. इसी तरह दिल्ली से आए पंडित अरविंद कुमार 'आजाद' ने बच्चों को तबला सहित विभिन्न वाद्य यंत्रों को बजाने और उसके प्रयोग के बारे में जानकारी दी जा चुकी है. स्विट्जरलैंड की पाली चंद्र के द्वारा गीत गोविंद पर एक कार्यशाला का भी आयोजन हुआ था.
कुल सचिव ने बताया कि इसके अलावा कत्थक को लेकर दिल्ली संगीत नाटक अकादमी के आठ लोगों द्वारा एक पूरा वर्कशॉप किया गया था. जिसमें दिल्ली एसएनए से आए कथक के विशेषज्ञों ने विश्वविद्यालय के छात्रों को कथक से जुड़ी हुई भर्तियों के बारे में जानकारी दी. कुलसचिव ने बताया कि विश्वविद्यालय इस पूरे सत्र में और भी विशेषज्ञों को बुलाने के लिए उन्हें आमंत्रण पत्र भेज रहा है. इसके अलावा बच्चे इन विशेषज्ञों के साथ सीखने के बाद उसे पर अपना एक लाइव परफॉर्मेंस वह कार्यक्रम भी आयोजित करेंगे. विश्वविद्यालय के कुलपति की ओर से नई शिक्षा नीति के तहत बच्चों को सीखने के पूरे अवसर प्रदान करने की योजना पर कम कर रही है. किसी के तहत इस प्रक्रिया के तहत इस पहल की शुरुआत की गई है. इसे आगे जारी रखने के लिए भी देश के मशहूर लोगों को विश्वविद्यालय में बुलाए जाने की तैयारी है.
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