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मां गंगा को हृदय की बीमारी थी, सरकार ने दांतों के डॉक्टर लगा दिए: जल पुरुष राजेंद्र सिंह

जल पुरुष राजेन्द्र सिंह ने कहा कि 2014 में लोगों ने वादा किया था कि गंगा के लिए काम करेंगे और टिकट लेकर चुनाव लड़ने के लिए वाराणसी आए थे. लेकिन आज भी गंगा के को साफ नहीं किया जा सका.

जल पुरुष राजेंद्र सिंह.
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Published : Oct 16, 2019, 8:59 PM IST

लखनऊः जल पुरुष राजेंद्र सिंह ने कहा 2014 में 2013 में जब हम लोगों आमरण अनशन कर रहे थे, तभी लोगों ने वादा किया था कि गंगा के लिए काम करेंगे, जो आपकी मांगे हैं वह सब पूरी करेंगे. इस वादे के आधार पर हमारा आंदोलन रुक गया था. आपको जानकर दुख होगा कि जब यह अपना टिकट लेकर चुनाव लड़ने के लिए वाराणसी गए थे, नारा दिया था मैं गंगा का बेटा मां गंगा ने मुझे बुलाया है. प्रधानमंत्री बनने के बाद इन्होंने गंगा के लिए 20 हजार करोड़ रुपये क्यों बांटे?

बातचीत करते जल पुरुष राजेंद्र सिंह.
घाट तो बना दिए, लेकिन गंगा की सेहत ठीक नहीं
राजेंद्र सिंह ने कहा कि गंगा को माई कहकर सिर्फ कमाई करने वाले लोगों ने गंगा के नाम पर घाट तो बना दिए, लेकिन कहीं भी गंगा की सेहत ठीक करने के लिए गंगा के पानी में सुधारा का फ्लो ठीक नहीं किया गया. बीमारी के कारण गंगा जी आईसीयू में भर्ती है, उनके इलाज के लिए कोई काम नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि मां गंगा को निर्मल बनाने के नाम पर पैसा खर्च हो रहा है, लेकिन गंगा की सेहत खराब हो रही है. गंगा के जल न तो आचमन के लायक हैं न पीने के. इससे आप अंदाज लगा सकते हैं कि यह गंगा की दिन प्रति दिन हालत क्यों बिगड़ रही है. उन्होंने सरकार पर तंज करते हुए कहा कि कहा कि गंगा जी की बीमारी है हृदय की और इन्होंने वहां दांतों के डॉक्टर बुलाकर लगा दिए.
गंगा को माई कहकर कमाई करने वाले लोग
बातचीत के दौरान राजेंद्र सिंह ने कहा कि इनका गंगा के प्रति सचमुच न कोई सम्मान था. वे गंगा को माई कहकर कमाई करने वाले लोग थे. गंगा की सेहत जिस तरह से खराब हो रही है उसके बारे में कोई बोल नहीं रहा. सेहत खराब होने का कारण गंगा की अविरल धारा निर्मल नहीं है. जब तक आप गंगा की अविरलता को बाधा पहुंचाते रहेंगे, तब तक गंगा साफ नहीं होगी. गंगा जल में जो विशिष्ट गुण थे, जिनको बायोफौज कहते हैं, हिंदी में जिसे गंगा और संस्कृत में ब्रह्मसत्व कहते हैं. यह गुण लगातार नष्ट होता जा रहा है. आप गंगा के नाम पर पैसा कितना भी खर्च कर लें उससे गंगा ठीक नहीं होगी. उन्होंने कहा कि जब तक हम गंगा जी के संरक्षण का काम नहीं करेंगे तब तक गंगा को साफ नहीं किया जा सकता है.

लखनऊः जल पुरुष राजेंद्र सिंह ने कहा 2014 में 2013 में जब हम लोगों आमरण अनशन कर रहे थे, तभी लोगों ने वादा किया था कि गंगा के लिए काम करेंगे, जो आपकी मांगे हैं वह सब पूरी करेंगे. इस वादे के आधार पर हमारा आंदोलन रुक गया था. आपको जानकर दुख होगा कि जब यह अपना टिकट लेकर चुनाव लड़ने के लिए वाराणसी गए थे, नारा दिया था मैं गंगा का बेटा मां गंगा ने मुझे बुलाया है. प्रधानमंत्री बनने के बाद इन्होंने गंगा के लिए 20 हजार करोड़ रुपये क्यों बांटे?

बातचीत करते जल पुरुष राजेंद्र सिंह.
घाट तो बना दिए, लेकिन गंगा की सेहत ठीक नहीं
राजेंद्र सिंह ने कहा कि गंगा को माई कहकर सिर्फ कमाई करने वाले लोगों ने गंगा के नाम पर घाट तो बना दिए, लेकिन कहीं भी गंगा की सेहत ठीक करने के लिए गंगा के पानी में सुधारा का फ्लो ठीक नहीं किया गया. बीमारी के कारण गंगा जी आईसीयू में भर्ती है, उनके इलाज के लिए कोई काम नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि मां गंगा को निर्मल बनाने के नाम पर पैसा खर्च हो रहा है, लेकिन गंगा की सेहत खराब हो रही है. गंगा के जल न तो आचमन के लायक हैं न पीने के. इससे आप अंदाज लगा सकते हैं कि यह गंगा की दिन प्रति दिन हालत क्यों बिगड़ रही है. उन्होंने सरकार पर तंज करते हुए कहा कि कहा कि गंगा जी की बीमारी है हृदय की और इन्होंने वहां दांतों के डॉक्टर बुलाकर लगा दिए.
गंगा को माई कहकर कमाई करने वाले लोग
बातचीत के दौरान राजेंद्र सिंह ने कहा कि इनका गंगा के प्रति सचमुच न कोई सम्मान था. वे गंगा को माई कहकर कमाई करने वाले लोग थे. गंगा की सेहत जिस तरह से खराब हो रही है उसके बारे में कोई बोल नहीं रहा. सेहत खराब होने का कारण गंगा की अविरल धारा निर्मल नहीं है. जब तक आप गंगा की अविरलता को बाधा पहुंचाते रहेंगे, तब तक गंगा साफ नहीं होगी. गंगा जल में जो विशिष्ट गुण थे, जिनको बायोफौज कहते हैं, हिंदी में जिसे गंगा और संस्कृत में ब्रह्मसत्व कहते हैं. यह गुण लगातार नष्ट होता जा रहा है. आप गंगा के नाम पर पैसा कितना भी खर्च कर लें उससे गंगा ठीक नहीं होगी. उन्होंने कहा कि जब तक हम गंगा जी के संरक्षण का काम नहीं करेंगे तब तक गंगा को साफ नहीं किया जा सकता है.
Intro:
जल आचमन लायक नहीं और गंगा आईसीयू में, गंगा को माई बताकर खूब की गई कमाई
एंकर
लखनऊ। जल पुरुष राजेंद्र सिंह ने मोदी सरकार द्वारा गंगा सफाई के नाम पर करोड़ों रुपए खर्च करने के बावजूद गंगा का जल आचमन लायक नहीं और गंगा आईसीयू में पहुंचने के सवाल पर कहा 2014 में 2013 में जब हम लोगों आमरण अनशन कर रहे थे तो तभी लोगों ने वादा किया था कि गंगा के लिए काम करेंगे जो आपकी मांगे हैं वह सब पूरी करेंगे और यह वादा करके हमारा आंदोलन के कहने से रुक गया था आपको जानकर यह दुख होगा कि जब यह अपना टिकट लेकर चुनाव लड़ने के लिए वाराणसी गए थे नारा दिया था मैं गंगा का बेटा मां गंगा ने मुझे बुलाया है अब आप लोगों को इमोशन और भावनाओं को तो ऐसे कर सकते हैं और प्रधानमंत्री बनने के बाद इन्होंने गंगा के लिए 20 हजार करोड रुपए काहे काम के लिए बांटे गंगा जी की जो बीमारी है वह है हृदय रोग के और वहां पर उन्होंने दांतों के डॉक्टर बुलाकर दूसरी जगह से लगा दिए जिनका गंगा से सचमुच कोई सम्मान है।




Body:गंगा जी को माई बताकर खूब कमाई हुई
गंगा जी गंगा को माई कहकर सिर्फ कमाई करने वाले लोग वह लोग थे तो उन्होंने गंगा के नाम पर घाट तो बना दिए लेकिन कहीं भी गंगा की सेहत ठीक करने के लिए गंगा के पानी में को सुधारा का फ्लो ठीक हो निर्मल हो गंगा की बीमारी जो हुआ ठीक हो गंगा की बीमारी कारण गंगा जी आईसीयू में भर्ती है उसके इलाज के लिए कोई काम नहीं हुआ क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि कोई व्यक्ति बीमार हृदय रोग से हो और दातों का इलाज करें उसमें इंजेक्शन भी लगाएंगे और दवा भी देंगे लेकिन मां तो ठीक नहीं होगी ना पैसा खर्च हो जाएगा आज गंगा की एक्यूरेट ऐसी है कि गंगा इलाज के नाम पर गंगा को निर्मल बनाने के नाम पर लगा था पैसा खर्च हो रहा लेकिन गंगा की सेहत खराब हो रही है गंगा के जल ना तो आसमान के लायक है ना पीने लायक इससे आप अंदाज लगा सकते हैं कि यह गंगा की हर दिन में दिन क्यों बिगड़ रही है और इनके जो मीडिया के लोग हमेशा बड़ाई करते हैं।




Conclusion:गंगा की सेहत जिस तरह से खराब हो रही है उसके बारे में कोई बोल नहीं रहा यह सेहत खराब होने का कारण गंगा की अविरल निर्मल नहीं होना है जब आप गंगा की अविरल ताको बाधा पहुंचाते हैं तो गंगा जल में जो विशिष्ट गुण थे जिनको बायोफ़ौज कहते हैं जिस हिंदी में जिसे गंगा में गंगा तो कहते हैं संस्कृत में जिसे ब्रह्मसत्व कहते हैं बांध बनने के बाद वह नीचे पहुंच जाता है और ऊपर सिर्फ पानी रहता है गंगा को जो विशिष्ट गुण है वह लगातार नष्ट होता जा रहा है आप गंगा के नाम पर पैसा कितना भी खर्च कर ले उससे गंगा ठीक नहीं होगी जब तक हम गंगा गंगा जी समझकर उनके संरक्षण का काम और एक ठीक तरह से प्रवाह देने का काम नहीं करेंगे तो मां गंगा ठीक नहीं होगी मां गंगा ठीक करने के नाम पर इस देश से पैसे की बर्बादी मत कीजिए मां को प्रदान करो और मां की बीमारी से ही ठीक होगी यह जो निर्मलता के नाम पर घाट पर घाट बनाए रहे हो इससे गंगा ठीक नहीं होंगी।


फीड कैमरा सहयोगी धीरज कुमार ने एफ़टीपी से भेजी है,

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