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ईटीवी भारत से बोले स्वास्थ्य मंत्री, कोरोना से जंग जारी, अपने संसाधनों से कर रहे हैं बचाव

उत्तर प्रदेश सरकार के स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह ने ईटीवी भारत से कोरोना संक्रमण को लेकर खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कहा कि कोरोना से जंग जारी है और हम अपने संसाधनों से बचाव और लड़ाई लड़ने का काम कर रहे हैं.

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स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह
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Published : Apr 20, 2020, 9:03 PM IST

लखनऊ: सूबे के स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह ने कहा कि यूपी में जब कोरोना वायरस की शुरुआत हुई, तब से हम लगातार काम कर रहे हैं. सारी व्यवस्थाएं बेहतर कर दिए. डॉक्टरों की टीम बनाकर काम शुरू कर दिया था. जैसे-जैसे हमारे केस बढ़ रहे हैं उस हिसाब से हम काम कर रहे हैं. इस समय 1176 केस आ चुके हैं. प्रदेश के अंदर 1030 केस ऐसे हैं, जो तबलीगी जमात से जुड़े हुए हैं. वह भी हमारे लिए एक परेशानी है.

ईटीवी संवाददाता से बात करते यूपी के स्वास्थ्य मंत्री.

स्वास्थ्य मंत्री जयप्रताप सिंह कोरोना से निपटने के आगामी इंतजाम और मामले न बढ़ने के सवाल पर कहते हैं कि मामले आगे न बढ़े यह कह पाना अभी कठिन है, क्योंकि पूरा देश कोरोना से प्रभावित है. हमारे पास जितने केस चयनित होकर आ रहे हैं चाहे वह यूपी के लोग हो या बाहर के लोग. हम सबकी जांच और उनके इलाज की चिंता कर रहे हैं. हम लोग पूरी व्यवस्था करके हर तरह की जांच कर रहे हैं, जिससे कहीं कोई संदिग्ध छूट न जाए.

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रैपिड डायग्नोस्टिक टेस्ट लिए जा रहे हैं, जिसे तत्काल आधे घंटे के अंदर पता चल जाता है कि कि वह लक्षण संक्रमण के हैं या नहीं. मेडिकल इक्विपमेंट्स की गुणवत्ता को लेकर उठ रहे सवाल पर स्वास्थ्य मंत्री जया प्रताप सिंह ने कहा कि पीपीई किट के जो मामला सामने आया था. मेडिकल एजुकेशन के पत्र के माध्यम से खुलासा हुआ. मैं इसको स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि इसमें कहीं कोई भ्रष्टाचार की बात नहीं नहीं है. यह जो पीपीई किट जिसे भेज दिया गया था. मेरठ और नोएडा में अक्टूबर 2019 में खरीदी गई थी. एक समिति मेडिकल कॉरपोरेशन के माध्यम से आईएसओ स्टैंडर्ड के माध्यम से खरीदा गया था. उस समय हमारे यहां स्वाइन फ्लू का प्रकोप था.

वहां के टेस्टिंग के लिए इंफेक्शन बचाने के लिए डॉक्टरों को 115 रुपये की पीपीई किट दी गई थी. उस समय चल भी रही थी. इसके बाद जब कोरोना आया, अचानक पूरे देश में पीपीई की कमी आ गई. हमारे पास जो स्टॉक में था इस नाते उसके को भेजा गया.

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निजी अस्पतालों की भूमिका सवालों के घेरे में होने के सवाल पर और क्या कार्रवाई होने की बात पर जय प्रताप सिंह ने कहा कि निजी अस्पतालों को बोल दिया गया है कि यदि कोरोना संक्रमण की शंका है तो उसको इलाज नहीं करेंगे. सीएमओ को जानकारी देंगे. कई हॉस्पिटल में इस तरह का काम किया था. आगरा में पारस हॉस्पिटल था, जिसकी वजह से काफी संख्या में मरीजों की संख्या बढ़ी, पर उसको सील कर दिया गया.

स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह ने कहा कि कोरोना की आगे की लड़ाई हम बेहतर ढंग से रहे हैं. सभी इंतजाम किए गए हैं. इस समय उत्तर प्रदेश में टेस्टिंग लैब की संख्या 14 की गई है और लगातार हम जांच कर के इस कोरोना वायरस की रोकथाम के प्रयास कर रहे हैं. इस समय 3000 से 4000 सैंपल हो रहे हैं. दो-तीन और हमारे अर्ध सरकारी लैब हैं, ये भी तैयार होने जा रहे हैं और वहां पर भी जांच की सुविधा उपलब्ध हो रही है. टेस्टिंग की संख्या हमने काफी आगे बढ़ाने का काम किया है.

लखनऊ: सूबे के स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह ने कहा कि यूपी में जब कोरोना वायरस की शुरुआत हुई, तब से हम लगातार काम कर रहे हैं. सारी व्यवस्थाएं बेहतर कर दिए. डॉक्टरों की टीम बनाकर काम शुरू कर दिया था. जैसे-जैसे हमारे केस बढ़ रहे हैं उस हिसाब से हम काम कर रहे हैं. इस समय 1176 केस आ चुके हैं. प्रदेश के अंदर 1030 केस ऐसे हैं, जो तबलीगी जमात से जुड़े हुए हैं. वह भी हमारे लिए एक परेशानी है.

ईटीवी संवाददाता से बात करते यूपी के स्वास्थ्य मंत्री.

स्वास्थ्य मंत्री जयप्रताप सिंह कोरोना से निपटने के आगामी इंतजाम और मामले न बढ़ने के सवाल पर कहते हैं कि मामले आगे न बढ़े यह कह पाना अभी कठिन है, क्योंकि पूरा देश कोरोना से प्रभावित है. हमारे पास जितने केस चयनित होकर आ रहे हैं चाहे वह यूपी के लोग हो या बाहर के लोग. हम सबकी जांच और उनके इलाज की चिंता कर रहे हैं. हम लोग पूरी व्यवस्था करके हर तरह की जांच कर रहे हैं, जिससे कहीं कोई संदिग्ध छूट न जाए.

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रैपिड डायग्नोस्टिक टेस्ट लिए जा रहे हैं, जिसे तत्काल आधे घंटे के अंदर पता चल जाता है कि कि वह लक्षण संक्रमण के हैं या नहीं. मेडिकल इक्विपमेंट्स की गुणवत्ता को लेकर उठ रहे सवाल पर स्वास्थ्य मंत्री जया प्रताप सिंह ने कहा कि पीपीई किट के जो मामला सामने आया था. मेडिकल एजुकेशन के पत्र के माध्यम से खुलासा हुआ. मैं इसको स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि इसमें कहीं कोई भ्रष्टाचार की बात नहीं नहीं है. यह जो पीपीई किट जिसे भेज दिया गया था. मेरठ और नोएडा में अक्टूबर 2019 में खरीदी गई थी. एक समिति मेडिकल कॉरपोरेशन के माध्यम से आईएसओ स्टैंडर्ड के माध्यम से खरीदा गया था. उस समय हमारे यहां स्वाइन फ्लू का प्रकोप था.

वहां के टेस्टिंग के लिए इंफेक्शन बचाने के लिए डॉक्टरों को 115 रुपये की पीपीई किट दी गई थी. उस समय चल भी रही थी. इसके बाद जब कोरोना आया, अचानक पूरे देश में पीपीई की कमी आ गई. हमारे पास जो स्टॉक में था इस नाते उसके को भेजा गया.

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निजी अस्पतालों की भूमिका सवालों के घेरे में होने के सवाल पर और क्या कार्रवाई होने की बात पर जय प्रताप सिंह ने कहा कि निजी अस्पतालों को बोल दिया गया है कि यदि कोरोना संक्रमण की शंका है तो उसको इलाज नहीं करेंगे. सीएमओ को जानकारी देंगे. कई हॉस्पिटल में इस तरह का काम किया था. आगरा में पारस हॉस्पिटल था, जिसकी वजह से काफी संख्या में मरीजों की संख्या बढ़ी, पर उसको सील कर दिया गया.

स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह ने कहा कि कोरोना की आगे की लड़ाई हम बेहतर ढंग से रहे हैं. सभी इंतजाम किए गए हैं. इस समय उत्तर प्रदेश में टेस्टिंग लैब की संख्या 14 की गई है और लगातार हम जांच कर के इस कोरोना वायरस की रोकथाम के प्रयास कर रहे हैं. इस समय 3000 से 4000 सैंपल हो रहे हैं. दो-तीन और हमारे अर्ध सरकारी लैब हैं, ये भी तैयार होने जा रहे हैं और वहां पर भी जांच की सुविधा उपलब्ध हो रही है. टेस्टिंग की संख्या हमने काफी आगे बढ़ाने का काम किया है.

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