लखनऊ : उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 (UP Assembly Election 2022) के दौरान अवैध शराब के उपयोग को रोकने के लिए आबकारी और पुलिस विभाग का संयुक्त एक्शन प्लान तैयार है. इस पर औपचारिक शासन की मुहर लगना बाकी है. इस बार दूसरे प्रदेशों से आने वाली शराब की आमद रोकने पर बल है. साथ ही साथ प्रदेश के ग्रामीण अंचलों में बनने वाली अवैध शराब के कारोबार को ध्वस्त करने का भी खाका तैयार किया गया है.
आबकारी आयुक्त सेंथिल पांडियन ने बताया कि चुनाव के दौरान आसपास के प्रदेशों से तस्करी कर शराब लाई जाती है. जहां शराब सस्ती है वहां से लाकर इसका प्रयोग यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में किए जाने की सूचना है. इसे रोकने के लिए विभाग ने अभी से प्रयास शुरू कर दिए हैं. चुनाव आयोग के पूर्व के निर्देशों के दृष्टिगत इस पर काम किया जा रहा है. एक विशेष अभियान शुरू किया गया है, जिसके तहत अब तक 56000 लीटर शराब बरामद की जा चुकी है. अभियान के दौरान उन लोगों पर भी नजर रखी जाएगी जो पूर्व में धंधे में शामिल रहे हैं. साथ ही जिन प्रदेशों से तस्करी कर शराब उत्तर प्रदेश में लाई जाती है, उन प्रदेशों से संपर्क कर इसे रोके जाने की भी योजना है.
आबकारी आयुक्त ने बताया कि हमारा पूरा प्लान लगभग तैयार है, जिस पर अमल भी शुरू कर दिया गया है. आबकारी विभाग के साथ-साथ पुलिस भी इस अभियान में शामिल है. इस मामले में जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई जा रही है. अभियान के दौरान यह भी कोशिश की जा रही है कि समाज के कमजोर तबके के जो लोग इस कार्य में लगे हुए हैं, उन्हें इससे हटाकर अन्यत्र सरकार की योजनाओं का लाभ दिलाकर रोजगार उपलब्ध कराया जाए. इससे हमेशा हमेशा के लिए संबंधित क्षेत्र में अवैध शराब बनाने के धंधे पर रोक लगाई जा सकेगी. दूसरे प्रदेशों व खास तौर पर नेपाल से तस्करी कर लाई जाने वाली अवैध शराब को रोकने के भी पूरे इंतजाम किए जा रहे हैं. फिलहाल एक्शन प्लान शासन के दिशा निर्देशन में चल रहा है. इसके बाद चुनाव आयोग का जो भी निर्देश होगा, उसके अनुरूप अभियान चलाया जाएगा.
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आबकारी आयुक्त ने बताया कि अवैध शराब के धंधे में कुछ बड़े लोग भी शामिल हैं. इन पर पूरी नजर रखी जा रही है. उत्तर प्रदेश की सीमा जिन 20 जिलों में नेपाल को टच करती है वहां नजर रखी जा रही है. कोशिश यह की जा रही है कि दूसरे प्रदेशों में जहां से उसकी निकासी होती है वहीं पर इसे रोक दिया जाए. इसके लिए विभाग ने पूरी कार्य योजना तैयार की है. मिलावट और जहरीली शराब के कारोबार को रोकने के लिए कड़े प्रावधान किए जा रहे हैं.