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लखनऊ में हर मिनट एक व्यक्ति तोड़ रहा Traffic Rules, छह हजार लोगों को नहीं है मौत का डर

उत्तर प्रदेश में यातायात माह चल रहा है. ट्रैफिक पुलिस रोजाना लोगों के चालान करने के साथ लोगों को जागरूक कर रही है. इसके बावजूद लोग सबक नहीं ले रहे हैं. आंकड़ों के अनुसार लखनऊ में हर मिनट एक व्यक्ति Traffic Rules तोड़ रहा है. देखें विस्तृत खबर..

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 18, 2023, 12:00 PM IST

Updated : Nov 18, 2023, 2:16 PM IST

लखनऊ : राजधानी लखनऊ में हर मिनट एक वाहन चालक ट्रैफिक नियमों की धज्जियां उड़ा रहा है. ये तब है जब यूपी में यातायात माह चलाया जा रहा है और सड़कों पर ट्रैफिक पुलिसकर्मियों की भारी फौज तैनात है. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या राजधानी की सड़कों के बिगड़ैल कानून व पुलिस से खौफजदा नहीं है या फिर सिर्फ चालान कटने और वसूली के लिए किसी भी प्रकार की सख्ती न होने से लोगों के अंदर डर बैठ नहीं पा रहा है.

यूपी में यातायात माह.
यूपी में यातायात माह.




नुक्कड़ नाटक, जागरूकता अभियान चला सतर्क कर रही पुलिस : राजधानी लखनऊ समेत पूरे प्रदेश में 1 नवंबर को यातायात माह की शुरुआत की गई. इस दौरान हर रोज ट्रैफिक विभाग के अधिकारी और कर्मी अलग अलग चौराहों, स्कूलों, व्यावसायिक स्थलों में जाकर लोगों से ट्रैफिक नियमों के पालन करने को लेकर वर्कशॉप कर रही है. इसके अलावा नुक्कड़ नाटकों और जागरूकता कार्यक्रम चला लोगों से ट्रैफिक नियमों को पालन करने के लिए अपील कर रहे हैं. बावजूद इसके सड़कों पर नियमों को धता बताने वाले बिगड़ैल मानने को तैयार नहीं है. हर मिनट एक वाहन चालक सड़क पर ट्रैफिक नियम तोड़ देता है. जिसकी गवाही रोजाना होने वाले ट्रैफिक चालान देते है, जो रोजाना सैकड़ों की संख्या में हो रहे हैं.

ट्रैफिक रूल तोड़ने पर जुर्माना.
ट्रैफिक रूल तोड़ने पर जुर्माना.

जानिए क्यों नहीं है लोगों को चालान होने का डर

  • बीते दिनों ट्रैफिक विभाग ने एक लिस्ट जारी की थी, जिसमें 484 लोग ऐसे थे, जो बार बार ट्रैफिक नियमों को तोड़ रहे थे. हर एक व्यक्ति पर लाखों का जुर्माना हुआ, लेकिन वह भरा नहीं गया.
  • ऐसे में यातायात नियमों को ताक पर रखने का एक प्रमुख कारण है कि चालान होने के बाद जुर्माना वसूली के लिए कोई सख्त नियम ही नहीं है.
  • लोगों का चालान होता रहता है और वो उसे अनदेखा करते है क्योंकि वह जानते हैं कि चालान तभी भरना जरूरी होगा जब वह गाड़ी किसी अन्य के नाम ट्रांसफर कराएंगे. ऐसे में डर का न होना उन्हें नियमों को तोड़ने पर बल देता है.
  • एडीसीपी ट्रैफिक कहते हैं कि ट्रैफिक पुलिस चालान करने के 15 दिन बाद कोर्ट भेज देती है. जिसके बाद कोर्ट वाहन स्वामी को समन भेजती है. उसके बाद भी जुर्माना नहीं भरा जाता है. ऐसे में हमारे सामने चुनौती तो है ही ऐसे लोगों से जुर्माना वसूलना.
यूपी में यातायात माह.
यूपी में यातायात माह.

हेलमेट व सीट बेल्ट लगाते नहीं लखनऊ के लोग : एक नवंबर से यातायात माह की शुरुआत हुई. जिसमें ट्रैफिक व नागरिक पुलिस लोगों को यातायात नियमों को पालन करने के लिए अपील करने वाली थी. एक माह तक चलने वाले इस अभियान का उद्देश्य लोगों को ट्रैफिक नियमों के बारे में बताना और उसे पालन करने के लिए तैयार करना है, लेकिन कुछ ऐसे है जिन्हें इस अभियान से फिलहाल कुछ भी लेना देना नहीं है. लिहाजा हेलमेट न लगा कर चलना, बाइक पर तीन सवारी बैठ कर फर्राटा भरना, कार सवारों का सीट बेल्ट न लगाना, रोंग साइड से निकल कर शॉर्टकट मारना और कहीं भी गाड़ी खड़ी कर देना जैसे नियमों को तोड़े जा रहे हैं.



15 दिनों में 23 हजार लोगों ने तोड़ डाले यातायात नियम : ट्रैफिक विभाग के आंकड़ों के मुताबिक बीते 15 दिनों में कुल 23 हजार 46 चालान किए गए हैं. ये चालान बाइक चलाते समय हेलमेट के न लगाने, बाइक पर तीन सवारी बैठा कर चलाने, चार पहिया चलाते समय सीट बेल्ट न लगाने, लाइसेंस न होने, प्रदूषण सर्टिफिकेट के न होने, रॉन्ग साइड गाड़ी चलाने और नो पार्किंग पर गाड़ी खड़ी करने के चलते हुए हैं. ताजुब की बात यह है कि जो हेलमेट बाइक चलाते समय चालक का जीवन बचाता है, उसके सबसे अधिक चालान हुए है. बीते 15 दिनों में सबसे अधिक बिना हेलमेट के 6,695 चालान हुए हैं. यानी कि लखनऊ की सड़कों पर हर मिनट एक बिगड़ैल यातायात के नियमों को तोड़ रहा है.






यह भी पढ़ें : लखनऊ: SSP कलानिधि नैथानी ने तोड़ा ट्रैफिक रूल, बिना सीट बेल्ट आए नजर

पुलिस लगाएगी चौराहों पर चौपाल, पढ़ाएगी यातायात के नियमों का पाठ

लखनऊ : राजधानी लखनऊ में हर मिनट एक वाहन चालक ट्रैफिक नियमों की धज्जियां उड़ा रहा है. ये तब है जब यूपी में यातायात माह चलाया जा रहा है और सड़कों पर ट्रैफिक पुलिसकर्मियों की भारी फौज तैनात है. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या राजधानी की सड़कों के बिगड़ैल कानून व पुलिस से खौफजदा नहीं है या फिर सिर्फ चालान कटने और वसूली के लिए किसी भी प्रकार की सख्ती न होने से लोगों के अंदर डर बैठ नहीं पा रहा है.

यूपी में यातायात माह.
यूपी में यातायात माह.




नुक्कड़ नाटक, जागरूकता अभियान चला सतर्क कर रही पुलिस : राजधानी लखनऊ समेत पूरे प्रदेश में 1 नवंबर को यातायात माह की शुरुआत की गई. इस दौरान हर रोज ट्रैफिक विभाग के अधिकारी और कर्मी अलग अलग चौराहों, स्कूलों, व्यावसायिक स्थलों में जाकर लोगों से ट्रैफिक नियमों के पालन करने को लेकर वर्कशॉप कर रही है. इसके अलावा नुक्कड़ नाटकों और जागरूकता कार्यक्रम चला लोगों से ट्रैफिक नियमों को पालन करने के लिए अपील कर रहे हैं. बावजूद इसके सड़कों पर नियमों को धता बताने वाले बिगड़ैल मानने को तैयार नहीं है. हर मिनट एक वाहन चालक सड़क पर ट्रैफिक नियम तोड़ देता है. जिसकी गवाही रोजाना होने वाले ट्रैफिक चालान देते है, जो रोजाना सैकड़ों की संख्या में हो रहे हैं.

ट्रैफिक रूल तोड़ने पर जुर्माना.
ट्रैफिक रूल तोड़ने पर जुर्माना.

जानिए क्यों नहीं है लोगों को चालान होने का डर

  • बीते दिनों ट्रैफिक विभाग ने एक लिस्ट जारी की थी, जिसमें 484 लोग ऐसे थे, जो बार बार ट्रैफिक नियमों को तोड़ रहे थे. हर एक व्यक्ति पर लाखों का जुर्माना हुआ, लेकिन वह भरा नहीं गया.
  • ऐसे में यातायात नियमों को ताक पर रखने का एक प्रमुख कारण है कि चालान होने के बाद जुर्माना वसूली के लिए कोई सख्त नियम ही नहीं है.
  • लोगों का चालान होता रहता है और वो उसे अनदेखा करते है क्योंकि वह जानते हैं कि चालान तभी भरना जरूरी होगा जब वह गाड़ी किसी अन्य के नाम ट्रांसफर कराएंगे. ऐसे में डर का न होना उन्हें नियमों को तोड़ने पर बल देता है.
  • एडीसीपी ट्रैफिक कहते हैं कि ट्रैफिक पुलिस चालान करने के 15 दिन बाद कोर्ट भेज देती है. जिसके बाद कोर्ट वाहन स्वामी को समन भेजती है. उसके बाद भी जुर्माना नहीं भरा जाता है. ऐसे में हमारे सामने चुनौती तो है ही ऐसे लोगों से जुर्माना वसूलना.
यूपी में यातायात माह.
यूपी में यातायात माह.

हेलमेट व सीट बेल्ट लगाते नहीं लखनऊ के लोग : एक नवंबर से यातायात माह की शुरुआत हुई. जिसमें ट्रैफिक व नागरिक पुलिस लोगों को यातायात नियमों को पालन करने के लिए अपील करने वाली थी. एक माह तक चलने वाले इस अभियान का उद्देश्य लोगों को ट्रैफिक नियमों के बारे में बताना और उसे पालन करने के लिए तैयार करना है, लेकिन कुछ ऐसे है जिन्हें इस अभियान से फिलहाल कुछ भी लेना देना नहीं है. लिहाजा हेलमेट न लगा कर चलना, बाइक पर तीन सवारी बैठ कर फर्राटा भरना, कार सवारों का सीट बेल्ट न लगाना, रोंग साइड से निकल कर शॉर्टकट मारना और कहीं भी गाड़ी खड़ी कर देना जैसे नियमों को तोड़े जा रहे हैं.



15 दिनों में 23 हजार लोगों ने तोड़ डाले यातायात नियम : ट्रैफिक विभाग के आंकड़ों के मुताबिक बीते 15 दिनों में कुल 23 हजार 46 चालान किए गए हैं. ये चालान बाइक चलाते समय हेलमेट के न लगाने, बाइक पर तीन सवारी बैठा कर चलाने, चार पहिया चलाते समय सीट बेल्ट न लगाने, लाइसेंस न होने, प्रदूषण सर्टिफिकेट के न होने, रॉन्ग साइड गाड़ी चलाने और नो पार्किंग पर गाड़ी खड़ी करने के चलते हुए हैं. ताजुब की बात यह है कि जो हेलमेट बाइक चलाते समय चालक का जीवन बचाता है, उसके सबसे अधिक चालान हुए है. बीते 15 दिनों में सबसे अधिक बिना हेलमेट के 6,695 चालान हुए हैं. यानी कि लखनऊ की सड़कों पर हर मिनट एक बिगड़ैल यातायात के नियमों को तोड़ रहा है.






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पुलिस लगाएगी चौराहों पर चौपाल, पढ़ाएगी यातायात के नियमों का पाठ

Last Updated : Nov 18, 2023, 2:16 PM IST
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