लखनऊ: कोरोना वायरस के नए वैरिएंट का प्रसार देश में बढ़ रहा है. विभिन्न राज्यों में 23 के करीब केस पाए जा चुके हैं. वहीं, यूपी में भी विदेश से लौटे कई लोग पॉजिटिव पाए गए हैं. इनमें कौन सा वैरिएंट है, यह पता लगाने के लिए जीन सीक्वेंसिंग टेस्ट किए जा रहे हैं. वहीं, यह वायरस कितना घातक है, इस पर वैक्सीन कितना असर करेगी, एंटीबॉडी को यह कैसे चकमा दे सकता है, इसके बारे में ईटीवी भारत ने लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के डॉ सुब्रत चंद्रा से बात की.
डॉ सुब्रत चंद्रा के मुताबिक, नए वैरिएंट ओमिक्रोन (बी.1.1.1.529) में देखे गए के 417एन और ई484ए म्यूटेशन वैक्सीन से बनी एंटीबाडीज को चकमा देने की क्षमता रखते हैं. इसके अलावा एन440के और एस 477एन म्यूटेशन इसे एंटीबाडी से बचने में माहिर बनाता है. कोरोना के इस वैरिएंट में पी681एच और एन679के म्यूटेशन का भी पता चला है, जो पहली बार देखे गए हैं.
अब तक हुए अध्ययन में वैज्ञानिकों का दावा है कि इसकी प्रकृति गंभीर जटिलताओं का कारण बन सकती है. इसमें 32 म्यूटेशन देखे गए हैं, जो इसे काफी संक्रामक बनाते हैं. इसका पहला केस नवंबर 2021 को साउथ अफ्रीका में पाया गया. यह अब तक 30 से अधिक देशों में पांव पसार चुका है. ऐसे में सभी आयु वर्ग के लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है. इसके अलावा, संक्रमित होकर ठीक होने वाला व्यक्ति हो या फिर वैक्सीन की दोनों डोज ले चुके लोग, सभी बचाव को लेकर सजग रहें.
वेंटिलेटर से लौटे रोगी रहें सतर्क, गर्भवती भी रखें ध्यान
कोरोना से पीड़ित कई मरीज वेंटिलेटर पर रहे. ऐसे में उनके फेफड़ों में फाइब्रोसिस हो गई. इसके अलावा सीओपीडी के मरीज के फेफड़े कमजोर होते हैं. ब्लैकफंगस का प्रकोप भी फेफड़ों तक देखा गया. वहीं,बच्चों को अभी वैक्सीन नहीं लगी है. इन मरीजों के साथ-साथ बुजुर्ग व गर्भवती महिलाएं भी सतर्क रहें. ऐसे में लोग मास्क लगाकर ही बाहर निकलें. इसके अलावा, कोविड प्रोटोकाल का सख्ती से अनुपालन करें.
ओमिक्रोन के लक्षण
सामान्य लक्षण: बुखार, खांसी, कमजोरी-थकान, स्वाद व सूंघने की क्षमता में कमी.
गंभीर लक्षण : गले में खराश, सिर दर्द, बदन दर्द, डायरिया, त्वचा पर चकत्ते. हाथ-पैर की अंगुलियों का रंग बदलना, आंखों में लालिमा, खुजली.
अति गंभीर : सांस फूलना, आवाज का रुकना, चलने-फिरने में असमर्थता, याददाश्त में कमी, छाती में दर्द होना.
लक्षण होने पर क्या करें
कोविड के लक्षण होने पर तत्काल आरटीपीसीआर टेस्ट कराएं. नए स्ट्रेन की पुष्टि के लिए जीन सीक्वेंसिंग टेस्ट कराएं. कोरोना पाजिटिव होने पर कोविड हेल्पलाइन पर सम्पर्क करें. खुद को आइसोलेट करें. कोविड प्रोटोकाल का पालन करें. डॉक्टर की सलाह पर दवाएं लें. तबीयत बिगड़ती देख नजदीकी कोविड अस्पताल से संपर्क करें. बेवजह दूसरे अस्पतालों में चक्कर न लगाएं.
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इनका रखना होगा खास ध्यान
बुजुर्ग, बच्चे, गर्भवती महिलाएं, स्तनपान कराने वाली माताएं सतर्क रहें. फेफड़े के रोगी, शुगर, हाइपरटेंशन, हार्ट, किडनी, लिवर, कैंसर, पूर्व में कोविड निमोनिया से ग्रसित होने वाले रोगी, आर्गन ट्रांसप्लांट के रोगी बचाव करें. अपनी दवाएं ब्रेक न करें. ऑक्सीजन सपोर्ट पर कई दिनों तक रहने वाले, स्टेरायड थेरेपी-इम्युनो सप्रेशन थेरेपी वाले भी सतर्क रहें. इनकी प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है. घर के बाहर जाने वाले वे लोग, जिनके घर में उपरोक्त रोगी हैं, वे वापस आने पर इनके संपर्क में आने से बचें. बेवजह भीड़भाड़ वाले इलाकों में जाने से बचें. दूर-दराज की यात्राएं आवश्यक न हों तो फिलहाल टाल दें. घर का वेंटिलेशन दुरुस्त रखें. कोरोना के दोनों टीके लगवाएं, इसमें हीलाहवाली न करें.
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