लखनऊ: 4300 करोड़ रुपये के बाइक बोट घोटाले (Bike Boat Scam) में ईओडब्ल्यू मेरठ यूनिट के प्रभारी राम सुरेश यादव की टीम शनिवार शाम लखनऊ पहुंच गई. लखनऊ पुलिस ने निगोहां स्थित गोदाम से बरामद की गई 143 बाइकें ईओडब्ल्यू के सुपुर्द कर दी. पुलिस गिरफ्त में आए दोनों आरोपियों से ईओडब्ल्यू की टीम ने पूछताछ शुरू कर दी है. आरोपियों को कैंट थाने में रखा गया है.
ईओडब्ल्यू के मेरठ यूनिट प्रभारी के मुताबिक, बाइक बोर्ड घोटाले की जांच में उत्तर प्रदेश के लखनऊ, नोएडा समेत कई जिलों में बाइकें को छिपा कर रखने की जानकारी मिली थी. इसकी सभी जिलों के कप्तान को पत्र लिखकर जानकारी दी गई थी. इसी के तहत लखनऊ कमिश्नरेट पुलिस ने बीते शुक्रवार रात कार्रवाई करते हुए निगोहां स्थित एक गोदाम में छापेमारी कर 143 से अधिक बाइक बोट बरामद की है. पुलिस ने गोदाम मालिक कुलदीप शुक्ला और सदर निवासी अमित अग्रवाल को हिरासत में लिया है.
एडीसीपी पूर्वी कासिम आब्दी के मुताबिक, सदर के रहने वाले अमित अग्रवाल ने लखनऊ जनपद की बाइक बोट कम्पनी की फ्रेंचाइजी ले रखी थी. कुलदीप शुक्ला फ्रेंचाइजी में बराबर के पार्टनर थे. मोहनलालगंज कोतवाली के भावाखेड़ा गांव में हाइवे किनारे स्थित कुलदीप के कार्यालय के बेसमेंट से 117 व निगोहा थाना क्षेत्र के ब्रम्हदासपुर स्थित घर से 26 बाइक के साथ दोनों स्थानों से 143 बाइकें बरामद की गई थी. सभी बाइकें और दोनों आरोपियों को ईओडब्ल्यू के सुपुर्द कर दिया गया है. ईओडब्ल्यू इस मामले की जांच कर रही है.
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ये है पूरा मामला
बता दें कि 4300 करोड़ रुपए के बाइक बोट घोटाले मामले में नोएडा में दर्जनों मुकदमे दर्ज किए गए थे. आर्थिक अपराध शाखा इन मुकदमों की जांच कर रही है. इस मामले में अब तक मास्टर माइंड बीएन तिवारी समेत 12 से ज्यादा आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है. सभी अभी जेल में ही हैं. इसके तहत लोगों की गाढ़ी कमाई को हड़प कर अर्जित की गई, संपत्तियों पर पुलिस की पैनी निगाह है. आरोपियों के पास मिली संपत्तियों को जब्त करने की लगातार कार्रवाई की जा रही है.