लखनऊ: उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड के कर्मचारियों के भविष्य निधि घोटाले मामले में ईओडब्ल्यू ने दो चार्टर्ड अकाउंटेंट को किया गिरफ्तार किया है. मामले की जांच कर रही आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने फर्जी फर्म के आधार पर पैसों को दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (डीएचएलएफ) में निवेश करने में संदिग्ध भूमिका को लेकर चार्टर्ड अकाउंटेंट इशांत अग्रवाल और मनोज गोयल को गिरफ्तार किया है.
- बीते दिनों उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड में कर्मचारियों के भविष्य निधि को दीवान हाउसिंग फाइनेंस डीएचएलएफ में निवेश करने का घोटाला उजागर हुआ था.
- इसमें पीएफ फंड के लगभग 2200 करोड़ रुपये डूब गए हैं.
- इसको लेकर ईओडब्ल्यू जांच कर रही है.
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ईओडब्लू की जांच में इस बात का खुलासा हुआ था कि उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड के कर्मचारियों के भविष्य निधि के पैसे को डीएचएलएफ में निवेश करने के लिए कई निजी फर्मों का सहारा लिया गया था, जिनमें से कई फर्म फेक थी.
ईओडब्ल्यू की जांच में इस बात का भी खुलासा हुआ था कि इन फर्मों की मदद से ब्लैकमनी को व्हाइट किया गया है. फर्म के चार्टर्ड अकाउंटेंट की भूमिका संदिग्ध मानी जा रही थी. पिछले दिनों ईओडब्ल्यू ने चार फर्म के चार्टर्ड अकाउंटेंट को सिग्नेचर बिल्डिंग स्थित कार्यालय पर बुलाकर पूछताछ की थी. इसके बाद अब कार्रवाई करते हुए फर्म के दो चार्टर्ड अकाउंटेंट इशांत अग्रवाल व मनोज गोयल को गिरफ्तार किया गया है.