लखनऊ : राजधानी में ठेकेदारों और इंजीनियरों के बीच चल रहा शीत युद्ध कभी भी विस्फोटक हो सकता है. दोनों पक्षों में चल रही इस तनातनी के चलते इंजीनियरों ने कई प्रमुख कामों से हाथ भी खींच लिए हैं. इतना ही नहीं इन्होंने ठेकेदारों और अधिकारियों पर मिलीभगत के आरोप भी लगाए हैं.
लखनऊ विकास प्राधिकरण में ठेकेदारों की दबंगई इस कदर बढ़ गई है कि वह ऐलान करके इंजीनियरों का तबादला करा दे रहे हैं. प्राधिकरण के अवर अभियंता नसरुद्दीन ने इस मामले में खुली शिकायत की है और ठेकेदारों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. हालांकि वह कैमरे के सामने बोलने के लिए तैयार नहीं हैं, लेकिन लखनऊ विकास प्राधिकरण के अभियंता संघ को उन्होंने अपनी शिकायत दे दी है.
नसरुद्दीन के अनुसार ऐशबाग टावर के ठेकेदार से उनका विवाद हुआ तो ठेकेदार ने उनसे कहा कि हमसे झगड़ा करने वाला इस जोन में काम नहीं कर पाएगा. अवर अभियंता का आरोप है कि ठेकेदार से झगड़ा होने की शाम को ही उनका तबादला कर दिया गया. तबादला आदेश जारी करने वाले मुख्य अभियंता इंदु शेखर सिंह ने अवर अभियंता को बताया कि उसके खिलाफ ठेकेदार ने शिकायत की है. शिकायत की जांच होने तक उसे जोन में नहीं रखा जा सकता. चीफ इंजीनियर ने यह भी कहा कि आरोपी जूनियर इंजीनियर के खिलाफ कई तरह की और शिकायतें भी थीं, जिसके बाद कार्रवाई की गई है.
अभियंता संघ का कहना है की नसरुद्दीन से पहले भी कई इंजीनियरों को ठेकेदारों की शिकायत पर हटाया गया है और यह ठेकेदार अधिकारी मिलीभगत का उदाहरण है. लखनऊ विकास प्राधिकरण के इंजीनियरों में इस घटना के बाद खासा रोष है. बताया जाता है कि कई प्रोजेक्ट से इंजीनियरों ने अपने हाथ खींच लिए हैं. पिछले दो दिन से कई साइट पर इंजीनियरों ने निरीक्षण नहीं किया है. ऐसे में लखनऊ विकास प्राधिकरण प्रशासन अब दोनों पक्षों में समझौता कराने की जुगत तलाश रहा है.