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लखनऊ: KGMU के बाहर अभी भी बोलती है प्राइवेट एंबुलेंस की तूती, जानें पूरा मामला

लखनऊ में ट्रामा सेंटर के बाहर और केजीएमयू के बाहर लग रहे अतिक्रमण को हाल ही में पुलिस ने हटाया था. वहीं अस्पताल के सामने ही कई सारी प्राइवेट एंबुलेंस का जमावड़ा आज भी लगा हुआ है.

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Published : May 8, 2019, 1:40 PM IST

प्राइवेट एंबुलेंस का जमावड़ा

लखनऊ: अभी हाल ही में कुछ दिनों पहले हाई कोर्ट के आदेश के बाद पुलिस के द्वारा केजीएमयू के बाहर से अतिक्रमण हटाया गया था. इसके बाद अतिक्रमण तो हटा लेकिन पुलिस अस्पताल के बाहर फैले प्राइवेट एंबुलेंस का फैला जाल नहीं हटा पाई. इसकी वजह से अभी स्थिति पहले जैसी ही बनी हुई है.

KGMU के बाहर अभी भी लगा है प्राइवेट एंबुलेंस का अतिक्रमण

क्या है समस्या

  • लखनऊ में ट्रामा सेंटर के बाहर और केजीएमयू के बाहर लग रहे अतिक्रमण को पुलिस ने हटाया था.
  • अस्पताल के बाहर लगाई जा रही सारी छोटी-बड़ी दुकानें हटा दी गई थीं.
  • वहीं अस्पताल के सामने ही कई सारी प्राइवेट एंबुलेंस का जमावड़ा आज भी लगा हुआ है.
  • इन प्राइवेट एंबुलेंस के जमावड़े की वजह से आए दिन कोई न कोई मरीज अस्पताल तक नहीं पहुंच पाता और कोई न कोई घटना हो जाती है.
  • ये एंबुलेंस का गिरोह केजीएमयू के ट्रामा सेंटर के बाहर आने वाले मरीजों को गुमराह करके प्राइवेट अस्पतालों में ले जाने का काम भी करते हैं.

लखनऊ: अभी हाल ही में कुछ दिनों पहले हाई कोर्ट के आदेश के बाद पुलिस के द्वारा केजीएमयू के बाहर से अतिक्रमण हटाया गया था. इसके बाद अतिक्रमण तो हटा लेकिन पुलिस अस्पताल के बाहर फैले प्राइवेट एंबुलेंस का फैला जाल नहीं हटा पाई. इसकी वजह से अभी स्थिति पहले जैसी ही बनी हुई है.

KGMU के बाहर अभी भी लगा है प्राइवेट एंबुलेंस का अतिक्रमण

क्या है समस्या

  • लखनऊ में ट्रामा सेंटर के बाहर और केजीएमयू के बाहर लग रहे अतिक्रमण को पुलिस ने हटाया था.
  • अस्पताल के बाहर लगाई जा रही सारी छोटी-बड़ी दुकानें हटा दी गई थीं.
  • वहीं अस्पताल के सामने ही कई सारी प्राइवेट एंबुलेंस का जमावड़ा आज भी लगा हुआ है.
  • इन प्राइवेट एंबुलेंस के जमावड़े की वजह से आए दिन कोई न कोई मरीज अस्पताल तक नहीं पहुंच पाता और कोई न कोई घटना हो जाती है.
  • ये एंबुलेंस का गिरोह केजीएमयू के ट्रामा सेंटर के बाहर आने वाले मरीजों को गुमराह करके प्राइवेट अस्पतालों में ले जाने का काम भी करते हैं.
Intro:एंकर- अभी हाल में पिछले कुछ दिनों पहले हाई कोर्ट के आदेश के बाद केजीएमयू के बाहर से अतिक्रमण पुलिस के द्वारा हटाया गया था। लेकिन अतिक्रमण तो हटा लेकिन पुलिस प्राइवेट एंबुलेंस का फैला जाल हिला तक नहीं पाई। इसकी वजह से अभी स्थिति पहले जैसी ही बनी हुई है।


Body:वी.ओ-वी.ओ- रसोई लखनऊ की ताजी अभी अस्पताल के बाहर अभी कुछ दिन पहले ही पुलिस द्वारा ट्रामा सेंटर के बाहर और केजीएमयू के बाहर लग रहे अतिक्रमण को हटाया गया था। जिसके बाद वहां पर उस दिन तक की दुकान नहीं चल पाई थी। जो की सख्त कार्यवाही करके हटाया गया है उसके ठीक बाद वहीं पर सामने ही कई सारी प्राइवेट एंबुलेंस का जमावड़ा भी लगा हुआ था। लेकिन पुलिस की नजर उस प्राइवेट एंबुलेंस के मामले पर नहीं गई। प्राइवेट एंबुलेंस की वजह से तमाम घटनाएं सामने आती हैं। जिनकी वजह से मरीजों की जान चली जाती है सबसे पहले तो एंबुलेंस की वजह से इस पूरे रूट पर जाम की स्थिति बनी रहती है, यातायात व्यवस्था बिगड़ती है। इसके बाद यह एंबुलेंस का गिरोह केजीएमयू ट्रामा सेंटर के बाहर आने वाले मरीजों को गुमराह करके प्राइवेट एंबुलेंस में प्राइवेट अस्पतालों में ले जाने का काम भी करते हैं जिसकी तमाम घटनाएं सामने आती है कि प्राइवेट एंबुलेंस में लेकर के प्राइवेट अस्पताल ले जाया जाता है। वही प्राइवेट अस्पताल में मरीज को महंगी शर्तों पर इलाज करवाया जाता है। इसके बाद इन झोलाछाप डॉक्टरों के द्वारा कभी-कभी हालात बद से बदतर हो जाते हैं और मरीज को अपनी जान तक गंवानी पड़ती है। लेकिन राजधानी लखनऊ की पुलिस इस अतिक्रमण को हटाने के लिए आई तो उसने सभी ठेले आदि सब को तो हटाने का प्रयास किया। लेकिन उसकी नजर इन प्राइवेट एम्बुलेंस पर नही पड़ी।

वाक थ्रू- अस्पताल नके बाहर से।
बाइट- डी. पी तिवारी, क्षेत्राधिकारी चौक,लखनऊ पुलिस


Conclusion:
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