लखनऊः उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उत्पादन निगम के 18 कर्मचारियों की लंबे समय से बगैर सूचना के अनुपस्थित थे. जिससे इन कर्मचारियों की बिना सेवा समाप्त कर दी गयी है. उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन व उत्पादन निगम के अध्यक्ष एम. देवराज की समीक्षा बैठक में दिये गये निर्देशों के बाद ये फैसला लिया गया.
बता दें कि विद्युत उत्पादन निगम के 18 कर्मचारी लंबे समय से अनुपस्थित चल रहे थे. जिसके बाद उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन( Uttar Pradesh Power Corporation) व उत्पादन निगम के अध्यक्ष एम. देवराज की समीक्षा बैठक चल रही थी. जिसमें अध्यक्ष को बताया गया कि निगम में अनेक अधिकारी और कर्मचारी कई वर्षों से बगैर सूचना के अनुपस्थित चल रहे हैं. उन्होंने नौकरी से त्यागपत्र भी नहीं स्वीकृत कराया है. इसके अलावा न ही कोई सूचना दी है. इस पर अध्यक्ष ने निर्देशित किया था कि ऐसे कर्मचारियों को विधि संवत तरीके से निगम से बाहर किया जाए. क्योंकि इससे एक तरफ जहां विभागीय कार्य प्रभावित होता है. वहीं दूसरे योग्य और बेरोजगार व्यक्ति को नौकरी नहीं मिल पाती है.
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पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष के निर्देश के बाद 39 कार्मिकों ने त्याग पत्र स्वीकृत कराया. इसके अलावा 71 लाख रुपए बंधपत्र के तहत जमा हुए. जिन कार्मिकों को बर्खास्त किया गया है उनमें बबिता (प्रवक्ता) हरदुआगंज, कुमार ललितेष (रसायनज्ञ श्रेणी-2) हरदुआगंज, प्रषान्त पाण्डेय (टीजी-2) अनपरा, प्रदीप कुमार (टीजी-2) पनकी, अरुण कुमार सिंह (श्रमिक) अनपरा, दूधनाथ (श्रमिक) अनपरा, साधना बाथम (अनुसेवक) पनकी, रज्जन लाल (श्रमिक) पनकी, संतोष कुमार (श्रमिक) ओबरा संजय कुमार (धावक) पनकी, दशराम (श्रमिक) अनपरा, मुन्ना प्रसाद गुप्त (रसायनज्ञ श्रेणी-2) ओबरा, प्रवीन सिंह (रसायनज्ञ श्रेणी-2) ओबरा, अशोक कुमार (टेक-2) ओबरा, सुनील जॉर्ज (श्रमिक) हरदुआगंज, उरूज अहमद (श्रमिक) पारीछा, सुनील कुमार (श्रमिक) ओबरा और अमर सिंह (सहायक) पनकी शामिल हैं.
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