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शिक्षा विभाग कार्यालयों का कामकाज ठप, कर्मचारियों ने लगाया तबादले में गड़बड़ी का आरोप

उत्तर प्रदेश में शिक्षा विभाग के कर्मचारियों ने तबादलों में गड़बड़ी का आरोप लगाकर बेसिक शिक्षा निदेशक के कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन किया. कर्मचारियों ने तबादलों में अनियमितता की शिकायत बेसिक शिक्षा निदेशक प्रयागराज से की है.

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शिक्षा विभाग के कर्मचारियों ने तबादलों में गड़बड़ी का आरोप लगाकर धरना प्रदर्शन किया
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Published : Jul 28, 2022, 7:32 PM IST

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में शिक्षा विभाग के कर्मचारियों ने गुरुवार को पूरा कामकाज ठप कर दिया. कर्मचारियों ने शिक्षा विभाग में बीते दिनों हुए तबादलों में गड़बड़ी का आरोप लगाया है. उत्तर प्रदेश एजुकेशनल मिनिस्ट्रियल ऑफिसर्स एसोसिएशन (UP Educational Ministerial Officers Association) की अपील पर प्रदेश भर से आए कर्मचारियों ने शिक्षा निदेशक (बेसिक) कार्यालय पर धरना प्रदर्शन दिया.


उत्तर प्रदेश एजुकेशनल मिनिस्ट्रियल ऑफिसर्स एसोसिएशन की ओर से उच्च अधिकारियों को पत्र लिखकर आपत्ति दर्ज कराई गई है. संगठन का दावा है कि शिक्षा विभाग के तबादलों में गड़बड़ियां खुलकर सामने आई हैं. कई ऐसे कार्यालय हैं, जहां पद खाली न होने के बावजूद भी तबादले किए गए हैं. हालत यह हो गया है कि कई कार्यालयों में तबादले के बाद पहुंचे कर्मचारी पद खाली न होने के कारण ज्वाइनिंग के लिए भटक रहे हैं. संगठन की तरफ से सत्र 2022-23 में हुए तबादलों की उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग उठाई गई है. 238 कर्मचारियों के तबादलों में अनियमितता की शिकायत अपर बेसिक शिक्षा निदेशक प्रयागराज समेत अन्य अधिकारियों से की गई है.

संगठन प्रांतीय महामंत्री राजेश चन्द्र श्रीवास्तव ने बताया कि कार्मिक विभाग द्वारा सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों की वार्षिक स्थानान्तरण नीति वर्ष 2022-23 के लिए 15 जून को आदेश जारी किए गए थे. इसके अनुसार, समूह ' ग ' और समूह ' घ ' के कार्मियों के स्थानान्तरण संवर्गवार कुल कार्यरत कर्मिकों की संख्या के अधिकतम 10 प्रतिशत की सीमा तक किए जाने थे. जहां उक्त निर्धारित 10 प्रतिशत से अधिक और अधिकतम 20 प्रतिशत की सीमा तक स्थानान्तरण अपरिहार्यता की स्थिति में प्रशासकीय विभाग द्वारा विभागीय मंत्री के अनुमोदन से स्थानान्तरण किये जाने थे. इस स्थानान्तरण से कर्मचारी संघ पूरी तरह से सहमत है. निश्चित रूप से स्थानान्तरण नीति कर्मचारियों के हित को दृष्टिगत रखते हुए ही बनाई गई है.

यह भी पढ़ें-'Don't talk to me' संसद में जब स्मृति ईरानी से बोलीं सोनिया गांधी, हुई नोकझोंक
संगठन के जनपदीय अध्यक्ष लोकेश गुप्ता ने बताया कि लखनऊ के जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय और जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय समेत शिक्षा विभाग के अन्य कार्यालय पर कामकाज पूरी तरह से ठप रहा है. इसी तरह की स्थिति में प्रदेश के अन्य जिलों में भी देखने को मिली है.

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में शिक्षा विभाग के कर्मचारियों ने गुरुवार को पूरा कामकाज ठप कर दिया. कर्मचारियों ने शिक्षा विभाग में बीते दिनों हुए तबादलों में गड़बड़ी का आरोप लगाया है. उत्तर प्रदेश एजुकेशनल मिनिस्ट्रियल ऑफिसर्स एसोसिएशन (UP Educational Ministerial Officers Association) की अपील पर प्रदेश भर से आए कर्मचारियों ने शिक्षा निदेशक (बेसिक) कार्यालय पर धरना प्रदर्शन दिया.


उत्तर प्रदेश एजुकेशनल मिनिस्ट्रियल ऑफिसर्स एसोसिएशन की ओर से उच्च अधिकारियों को पत्र लिखकर आपत्ति दर्ज कराई गई है. संगठन का दावा है कि शिक्षा विभाग के तबादलों में गड़बड़ियां खुलकर सामने आई हैं. कई ऐसे कार्यालय हैं, जहां पद खाली न होने के बावजूद भी तबादले किए गए हैं. हालत यह हो गया है कि कई कार्यालयों में तबादले के बाद पहुंचे कर्मचारी पद खाली न होने के कारण ज्वाइनिंग के लिए भटक रहे हैं. संगठन की तरफ से सत्र 2022-23 में हुए तबादलों की उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग उठाई गई है. 238 कर्मचारियों के तबादलों में अनियमितता की शिकायत अपर बेसिक शिक्षा निदेशक प्रयागराज समेत अन्य अधिकारियों से की गई है.

संगठन प्रांतीय महामंत्री राजेश चन्द्र श्रीवास्तव ने बताया कि कार्मिक विभाग द्वारा सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों की वार्षिक स्थानान्तरण नीति वर्ष 2022-23 के लिए 15 जून को आदेश जारी किए गए थे. इसके अनुसार, समूह ' ग ' और समूह ' घ ' के कार्मियों के स्थानान्तरण संवर्गवार कुल कार्यरत कर्मिकों की संख्या के अधिकतम 10 प्रतिशत की सीमा तक किए जाने थे. जहां उक्त निर्धारित 10 प्रतिशत से अधिक और अधिकतम 20 प्रतिशत की सीमा तक स्थानान्तरण अपरिहार्यता की स्थिति में प्रशासकीय विभाग द्वारा विभागीय मंत्री के अनुमोदन से स्थानान्तरण किये जाने थे. इस स्थानान्तरण से कर्मचारी संघ पूरी तरह से सहमत है. निश्चित रूप से स्थानान्तरण नीति कर्मचारियों के हित को दृष्टिगत रखते हुए ही बनाई गई है.

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संगठन के जनपदीय अध्यक्ष लोकेश गुप्ता ने बताया कि लखनऊ के जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय और जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय समेत शिक्षा विभाग के अन्य कार्यालय पर कामकाज पूरी तरह से ठप रहा है. इसी तरह की स्थिति में प्रदेश के अन्य जिलों में भी देखने को मिली है.

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