लखनऊ : युवा स्वावलंबन तथा आत्मनिर्भर भारत बनाने के उद्देश्य से बृहस्पतिवार को राजभवन में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की अध्यक्षता में एक प्रजेंटेशन कार्यक्रम का आयोजन किया गया. अहमदाबाद (गुजरात) स्थित भारतीय उद्यमिता विकास संस्थान के महानिदेशक डाॅ. सुनील शुक्ला ने अपने प्रोजेक्ट को प्रस्तुत किया.
इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि हमें उत्तर प्रदेश के बच्चों को स्वावलंबी बनाने के लिए हर संभव उपाय करना है. अतः उद्यमिता विकास को बढ़ावा देने के लिए राज्य विश्वविद्यालय और प्रदेश का एमएसएमई विभाग आगे आकर प्रयास करे.
इस कार्य के लिए उद्यमिता विकास संस्थानों का सहयोग भी लिया जाए. कहा कि उत्तर प्रदेश के बच्चे मेहनती हैं. लगनशील हैं व कार्य करने के इच्छुक भी हैं. आवश्यकता है कि उन्हें उचित मार्गदर्शन तथा प्रोत्साहन दिया जाए.
ये कार्य विश्वविद्यालय आसानी से कर सकते हैं. इसलिए अधिक से अधिक रोजगार प्रोत्साहन के पाठ्यक्रम भारतीय उद्यमिता विकास संस्थान के माध्यम से चलाये जाएं. सही व्यक्ति को उद्यमिता के लिए कैसे तैयार करें, इस पर गंभीरता से विचार करने की जरूरत है.
कार्यक्रम में उद्यमिता विकास संस्थान के महानिदेशक डाॅ. सुनील शुक्ला ने बताया कि उद्यमिता विकास कार्यक्रम उद्यमियों को विकसित करने का एक प्रभावी तरीका है. यह सामाजिक-आर्थिक विकास, संतुलित क्षेत्रीय विकास तथा स्थानीय स्तर पर उपलब्ध संसाधनों के अधिकतम उपयोग को बढ़ावा देने में मदद करता है.
उन्होंने कहा कि उद्यमिता विकास कार्यक्रम मुख्य रूप से पहली पीढ़ी के उद्यमियों को विकसित करने के लिए है जो अपने दम पर सफल उद्यमी नहीं बन सकते हैं. यही कारण है कि इसमें उद्यम शुरू करने, चलाने के लिए जरूरी कौशल और संबंधित विषय की संपूर्ण जानकारी इसके प्रशिक्षण में शामिल की गयी है.
कहा कि औद्योगीकरण किसी भी देश के लिए बेरोजगारी की समस्या का समाधान है. यही कारण है कि उद्यमिता विकास अर्थव्यवस्था को विकसित करने के साथ-साथ विकास क्षमता और नवाचार पर अधिक केंद्रित है.
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उद्यमिता से जुड़ी नीतियां बनानी चाहिए
डाॅ. सुनील शुक्ला ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार को क्षेत्रीय आवश्यकता को ध्यान में रखकर उद्यमिता से जुड़ी नीतियां बनानी चाहिए जो नित नए हो रहे बदलाव के अनुसंधान पर आधारित हो. इसका लाभ समाज के अंतिम छोर पर बैठे व्यक्ति को भी मिले, इस तरह इन्हें लागू करना चाहिए.
कहा कि ऐसे कार्यक्रम शुरूआती तौर पर प्रदेश के 10 से 12 विश्वविद्यालयों से शुरू किए जा सकते हैं. इन्हें आवश्यकतानुसार आगे बढ़ाया जा सकता है. कहा कि भारतीय उद्यमिता विकास संस्थान उत्तर प्रदेश में एसआरएलएम, साइंस एंड टेक्नोलॉजी तथा खनिज विभाग के साथ उद्यमिता विकास का कार्य कर रहा है.
इसके सार्थक परिणाम सामने आये हैं. डाॅ. शुक्ला ने कहा कि हमारे यहां जन्मजात परिवारिक व्यवसाय को ही अधिकांश लोग व्यवसाय के रूप में अपनाते हैं. हालांकि अब उद्यमिता प्रशिक्षण देकर उद्यमी पैदा किए जा सकते हैं. हर हुनरमंद व्यक्ति अपनी रुचि के उद्योग व्यवसाय में प्रशिक्षण प्राप्त कर अपना उद्योग व व्यवसाय आसानी से शुरू कर सकते हैं.
उद्यमिता विकास को प्रोत्साहन देने के लिए उद्यम सारथी एप तैयार
एमएसएमई के अपर मुख्य सचिव नवनीत सहगल ने बताया कि प्रदेश में उद्यमिता विकास को प्रोत्साहन देने के लिए उद्यम सारथी एप तैयार किया गया है. इसके माध्यम से नव उद्यमी प्रोजेक्ट के संबंध में संपूर्ण जानकारी प्राप्त कर सकते हैं.
बताया कि उद्यमी इस एप को अपने मोबाइल में डाउनलोड करके ऑनलाइन क्लास तथा उद्यम से जुड़ी जानकारी भी प्राप्त कर सकते हैं. प्रदेश सरकार का विजन है कि प्रदेश के युवा स्वावलंबन की दिशा में आगे बढ़ें और आत्मनिर्भर बनें.
बताया कि प्रदेश सरकार का प्रयास है कि एक स्किल हब बनाया जाए ताकि उसमें विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े उत्कृष्ट उद्यमी जुड़ें. साथ ही प्रदेश के ओडीओपी के उद्यमी भी शामिल हों ताकि उद्यमियों को उद्यम स्थापना की प्रेरणा मिल सकें.
इस अवसर पर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री एवं उच्च शिक्षा मंत्री डाॅ. दिनेश शर्मा, राज्यपाल के अपर मुख्य सचिव महेश कुमार गुप्ता तथा भारतीय उद्यमिता विकास संस्थान के पूर्व सदस्य एके शर्मा सहित कई विश्वविद्यालयों के कुलपतिगण उपस्थित रहे.