लखनऊ: उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में से केवल 11 महिला उम्मीदवार चुनाव जीती हैं. प्रदेश भर में 104 महिला उम्मीदवार चुनाव मैदान में थीं. वे अपने-अपने क्षेत्रों की जनता का प्रतिनिधित्व संसद में करेंगी. भाजपा तो महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण की वकालत करने वाली पार्टी है, लेकिन उसने भी कम प्रत्याशी चुनाव में उतारे. कांग्रेस ने 12, भाजपा ने 10, अपना दल (एस) ने एक, सपा ने छह और बसपा ने चार महिला प्रत्याशियों को टिकट दिया था.
यूपी से 11 महिलाएं करेंगी संसद में प्रतिनिधित्व
- देश की सबसे बड़ी पंचायत में आधी आबादी के प्रतिनिधित्व को लेकर सवाल उठते हैं.
- हर बार चुनाव के दौरान महिलाओं की भागीदारी को लेकर चर्चा शुरू होती है.
- चुनाव के साथ ही यह मुद्दा भी गायब हो जाता है.
- इस बार यूपी से 11 महिलाएं संसद में पहुंची हैं, जिनमें भाजपा की सर्वाधिक आठ महिलाएं सांसद चुनी गई हैं.
- साल 2014 के लोकसभा चुनाव की बात करें तो यूपी से 13 महिला सांसद चुनी गई थीं.
इन महिला प्रत्याशियों ने दर्ज की जीत
- केंद्रीय कपड़ा मंत्री और अमेठी से भाजपा उम्मीदवार स्मृति ईरानी दूसरी बार में अमेठी से चुनाव लड़ीं.
- इस बार वह राहुल गांधी का किला फतह करने में कामयाब हुईं.
- भाजपा की अन्य महिला प्रत्याशियों में सुल्तानपुर से केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी, फतेहपुर से केंद्रीय राज्यमंत्री साध्वी निरंजन ज्योति एक बार फिर जीत दर्ज की हैं.
- इलाहाबाद से प्रदेश की पर्यटन मंत्री डॉ. रीता बहुगुणा जोशी, फूलपुर से केशरी देवी पटेल, धौरहरा से रेखा वर्मा और बदायूं से संघमित्रा मौर्य ने चुनाव जीता है.
- मथुरा से हेमा मालिनी ने दूसरी बार भाजपा के टिकट पर जीत दर्ज की हैं.
भारतीय जनता पार्टी महिलाओं की भागीदारी बढ़े, इसकी पक्षधर है, लेकिन टिकट उन्हें दिया जाता है, जो आवेदन करते हैं. आवेदन के हिसाब से पार्टी ने महिलाओं को टिकट दिया है. सबसे ज्यादा महिला सांसद भाजपा की ही उत्तर प्रदेश से संसद पहुंच रही है. निश्चित तौर पर भाजपा चाहती है कि हर क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी बढ़े।
-हरीश चंद्र श्रीवास्तव, प्रदेश प्रवक्ता, बीजेपी