लखनऊ: सरकार द्वारा किए जा रहे विद्युत संस्थानों के निजीकरण के खिलाफ बिजलीकर्मी बड़े स्तर पर विरोध जताएंगे.आल इंडिया फेडेरेशन ऑफ पावर डिप्लोमा इंजीनियर्स के राष्ट्रीय अध्यक्ष इंजीनियर आरके त्रिवेदी ने केंद्र सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार निजी घरानों को फायदा पहुंचाने के लिए देश के सभी सरकारी संस्थानों और विद्युत क्षेत्रों को निजी घरानों को सौंपने की तैयारी में है.
'सामने आया सरकार का दोहरा चरित्र'
उन्होंने कहा कि सरकार की इसी चाल को भांपकर जागरुकता के लिए देशव्यापी ध्यानाकर्षण आन्दोलन किया जा रहा है. समय-समय पर आंदोलनों की दिशा परिवर्तित करने के लिए केंद्र सरकार एवं उत्तर प्रदेश सरकार विभिन्न बैठकों के माध्यम से विद्युत संस्थाओं को निजीकरण करने के लिए प्रस्ताव को नकारने के दोहरे चरित्र को अपनाती है. अब बजट सत्र के दौरान खुले-आम केंद्रीय वित्त मंत्री ने देश के समस्त सरकारी क्षेत्रों का निजीकरण किए जाने के लिए सरकार की नीतियों की घोषणा कर दी है. अब सरकार का असली चेहरा सामने आ गया है.
हर हाल में रोकेंगे निजीकरण
ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ पावर डिप्लोमा इंजीनियर्स के राष्ट्रीय महासचिव इंजीनियर अभिमन्यु धनकड़ ने कहा कि तीन फरवरी के लिए घोषित देशव्यापी आंदोलन कार्यक्रम में आल इंडिया फेडेरेशन ऑफ पावर डिप्लोमा इंजीनियर्स देश के सभी प्रदेशों में शत-प्रतिशत सहभागिता करेगा. प्रदेश और देश की जनता के हित में किसी भी हद तक जा कर सरकारी संस्थाओं के निजीकरण को रोकना ही उद्देश्य है.