लखनऊः उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी अजय कुमार शुक्ला ने बताया कि विधानसभा चुनाव में शुचिता को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने जारी आदेश के क्रम में अगर कोई राजनैतिक दल आपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवारों का चयन करता है, तो उम्मीदवारों के चयन के 48 घंटे के भीतक राजनैतिक दल को समाचार पत्रों, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एवं पार्टी की वेबसाइट पर प्रसारित करना होगा कि उक्त उम्मीदवार का चयन पार्टी ने क्यों किया है.
जारी आदेश में कहा गया है कि राजनैतिक दलों को इसकी सूचना भारत निर्वाचन आयोग को दी जानी होगी. विधानसभा सामान्य निर्वाचन 2022 के प्रथम चरण की अधिसूचना 14 जनवरी 2022 को जारी हो चुकी है. 21 जनवरी 2022 को नामांकन की आखिरी तिथि है. भारत निर्वाचन आयोग द्वारा उपरोक्त के क्रम में केवाईएसी एप विकसित किया गया है. जिसे एन्ड्रॉएड और आईओएस दोनों तरह के फोन प्ले स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है. इसके लिए अगर कोई शख्स प्ले स्टोर, ऐप स्टोर में केवाईसी टाइप करता है, तो ये एक एप प्रदर्शित हो जाता है, जिसे डाउनलोड किया जा सकता है.
इस ऐप में प्रदेश में निर्वाचन लड़ने वाले सभी अभ्यर्थियों की लिस्ट एवं उनके द्वारा दाखिल किये गए शपथ पत्र उपलब्ध हैं. ऐप में ये भी व्यवस्था की गई है कि प्रत्येक प्रत्याशी के आपराधिक पृष्ठभूमि होने या न होने को स्पष्ट रूप से हां या नहीं में अंकित किया गया है.
सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के क्रम में भारत निर्वाचन आयोग एवं मुख्य निर्वाचन अधिकारी की तरफ से इस बात के प्रयास किये जा रहे हैं कि सभी जन सामान्य को प्रत्याशियों के सम्बन्ध में सूचनायें प्राप्त हो सकें. इस प्रकार आपराधिक पृष्ठभूमि के दृष्टिगत इस सूचना को जन सामान्य तक पहुंचाने के लिए जिम्मेदार प्रत्याशी एवं राजनैतिक दल दोनों को दी गई है. समाजवादी पार्टी, राष्ट्रीय लोक दल एवं भारतीय जनता पार्टी द्वारा अभी तक प्रथम चरण के आपराधिक पृष्ठभूमि वाले 28 उम्मीदवारों के चयन के सम्बन्ध में सूचना मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय को दी गई है. उनके द्वारा मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय को यह भी अवगत कराया गया है कि उनके द्वारा सूचना का प्रकाशन विभिन्न समाचार पत्रों में कराया जा चुका है.
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शेष दलों से यह सूचना प्राप्त किये जाने हेतु मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय द्वारा पत्र के माध्यम से अनुरोध किया गया है.
भारत निर्वाचन आयोग द्वारा 80 वर्ष से अधिक उम्र के मतदाताओं एवं कोविड सस्पेक्ट एवं क्वारण्टाइन मतदाताओं के लिए पोस्टल बैलट की व्यवस्था शुरू की गई है. जिसके तहत प्रथम चरण में 2.1 प्रतिशत 80 वर्ष से अधिक उम्र के मतदाताओं द्वारा, 2.3 प्रतिशत दिव्यांग मतदाताओं द्वारा पोस्टल बैलट के माध्यम से मतदान करने का विकल्प चुना गया है.