लखनऊ: उत्तर प्रदेश की 7 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव का प्रचार-प्रसार रविवार की शाम 5 बजे थम गया. सभी राजनीतिक दलों और निर्दलीय प्रत्याशियों ने आज चुनाव प्रचार के आखिरी दिन अपनी पूरी ताकत झोंकते हुए मतदाताओं को रिझाने की कोशिश की. इस दौरान कई जगहों पर रोड़ शो सहित अन्य तरह से चुनाव प्रचार किया गया. सभी उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला 3 नवंबर को मतदान के दिन ईवीएम में कैद हो जाएगा. सोमवार से सभी जिलों में जिला मुख्यालयों से चुनाव कराने के लिए पोलिंग पार्टियां अपने-अपने मतदान केंद्रों के लिए रवाना होंगी.
शाम तक हुआ चुनाव प्रचार, प्रत्याशियों ने झोंकी ताकत
उत्तर प्रदेश की 7 विधानसभा सीटों पर हो रहे उपचुनाव के लिए मतदान 3 नवंबर को होगा और चुनाव परिणाम की घोषणा 10 नवंबर को की जाएगी. इससे पहले सभी राजनीतिक दलों के उम्मीदवारों के समर्थन में पार्टी के बड़े नेताओं ने चुनाव प्रचार करते हुए जनता से वोट मांगा.
इन विधानसभा सीटों पर हो रहे उपचुनाव
उत्तर प्रदेश की जिन 7 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं. उनमें फिरोजाबाद की टूंडला, उन्नाव की बांगरमऊ, बुलंदशहर की बुलंदशहर सदर, जौनपुर की मल्हनी, कानपुर की घाटमपुर, अमरोहा की नौगांव सादात, देवरिया की देवरिया सदर सीट शामिल है.
छह पर बीजेपी तो एक पर सपा का कब्जा
जिन 7 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने वाले हैं. इनमें छह पर बीजेपी तो एक पर समाजावादी पार्टी का कब्जा था. अब बीजेपी और समाजवादी पार्टी को अपना प्रदर्शन दोहराते हुए और अधिक बेहतर करने की चुनौती होगी.
राज्य निर्वाचन आयोग के अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी योगेश्वर राम मिश्रा ने ईटीवी भारत को फोन पर बताया कि उपचुनाव के लिए सभी चुनावी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. रविवार की शाम को चुनाव प्रचार थम गया है. सोमवार को सभी मतदान केंद्रों के लिए चुनाव प्रक्रिया संपन्न कराने के लिए पोलिंग पार्टियां अपने-अपने जिलों से पोलिंग स्टेशन के लिए रवाना होंगी. पैरामिलिट्री फोर्स के साथ-साथ माइक्रो ऑब्जर्वर की निगरानी में सीसीटीवी की वीडियो रिकॉर्डिंग में चुनाव संपन्न कराए जाएंगे. चुनाव के दौरान कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करते हुए सभी चुनावी प्रक्रिया पूरी की जाएगी.
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