लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार इस बार 28 लाख के बजाय 40 लाख रुपये खर्च कर सकेंगे. आयोग ने कार के किराए की रकम 1000 प्रतिदिन तय की है. इसमें डीजल पेट्रोल का खर्च शामिल नहीं है. मोटरसाइकिल से प्रचार पर 300 रुपये प्रतिदिन जोड़े जाएंगे. ट्रक का किराया ढाई हजार रुपये और ट्रैक्टर का 800 रुपये निर्धारित किया गया है. उम्मीदवार यदि अपने किसी समर्थक अथवा कार्यकर्ता को चाय भी पिलाते हैं तो उसके लिए भी उन्हें उस खर्च शामिल करना होगा. वहीं, बता दें कि आयोग ने प्रति चाय कप चाय की कीमत 6 रुपये निर्धारित की है.
चुनाव प्रचार के दौरान भोजन की थाली के लिए 80 रुपये और चाय के दाम 6 रुपये जोड़े जाएंगे. आयोग ने इस बार यह भी अनिवार्य कर दिया है कि प्रत्याशी को अधिकांश खर्च डिजिटल पेमेंट में करना होगा या फिर चेक के जरिए. साथ ही उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए खाता खोलना होगा और उसे 10 हजार रुपये ही एक बार में खर्च करने की अनुमति होगी.
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आयोग ने फ्लेक्स का दाम साढ़े 300 रुपये तो प्रति गेट के निर्माण के लिए 60 रुपये प्रति नग हैंड बिल 350 से 450 प्रति हजार निर्धारित किया गया है. पांडाल की दर 8 रुपये प्रति वर्ग फीट, कपड़े का बैनर 7 रुपये प्रति वर्ग फीट तथा कपड़े का झंडा 500 रुपये प्रति सैकड़ा निर्धारित है. चुनाव प्रचार के लिए प्रयुक्त की जाने वाली टोपी की कीमत 30 रुपये की तथा अंगोछा 100 रुपये का होगा. वहीं इन सब का लेखा-जोखा प्रत्याशी को चुनाव आयोग को निर्धारित किए गए रजिस्टर में दर्ज करना होगा.
खर्च की निगरानी के लिए लगाए गए विशेषज्ञ
चुनाव आयोग ने विधानसभा चुनाव में प्रत्याशियों की खर्च सीमा तय करने के साथ ही खर्च के अनुवीक्षण के लिए विशेषज्ञ तैनात कर दिए गए हैं. नामांकन के साथ ही खर्च का आकलन शुरू हो जाएगा. चुनाव में खर्च के आकलन के लिए आयोग ने पहले से ही दरें तय कर दी है. निर्वाचन कार्य में जुड़े अधिकारियों के मुताबिक बाजार में कराए गए सर्वे के मुताबिक दरें निर्धारित की गई है. आयोग के पर्यवेक्षक इस बात का भी ध्यान रखेंगे की प्रत्याशी व्यय की गई रकम से कम खर्च तो नहीं दिखा रहे हैं.
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