लखनऊ : उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा ने बताया है कि 'प्रदेश में उपभोक्ताओं को निर्बाध और बेहतर विद्युत आपूर्ति देने के लिए ऊर्जा विभाग जमीनी स्तर पर काम कर रहा है. केन्द्र की 17 हजार करोड़ रुपये की आरडीएसएस योजना के तहत प्रदेश की ऊर्जा जरूरतों के मुताबिक इन्फ्रास्ट्रक्चर को नए सिरे से खड़ा करने का प्रयास हो रहा है. जर्जर लाइनों और विद्युत पोल को बदलने का कार्य किया जा रहा है. प्रदेश के बढ़ते विद्युत लोड के अनुरूप ही उपकेन्द्रों, फीडरों और ट्रांसफार्मर की क्षमता वृद्धि की जा रही है. जरूरत के अनुसार नए उपकेन्द्र, फीडर बनाये जा रहे हैं और नये ट्रांसफार्मर भी लगाये जा रहे हैं. इससे निर्बाध बिजली उपभोक्ताओं को दी जा सकेगी. बार-बार होने वाली ट्रिपिंग, फाल्ट के कारण बिजली जाने की समस्या से भी छुटकारा मिलेगा.'
ऊर्जा मंत्री ने बताया कि 'पिछले माह भीषण गर्मी और उमस होने के चलते बिजली की मांग अप्रत्याशित रूप से बढ़ गयी थी. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के इतिहास में अभी तक सबसे ज्यादा बिजली की आपूर्ति 28,284 मेगावाट इस वर्ष हुई. विद्युत की निर्बाध आपूर्ति के लिए बिजली के आधारभूत ढांचे को ठीक करने का भी प्रयास किया जा रहा है. विभाग की चार महत्वपूर्ण योजनाओं के जरिए बिजली के आधारभूत ढाचे को मजबूत करने का प्रयास चल रहा है. ऊर्जा मंत्री ने बताया कि एडीबी की तरफ से सहायता प्राप्त योजना के अर्न्तगत सर्विस एबी केबिल लगाने और फीडर अलग करने का कार्य चल रहा है. इसमें 20 हजार मजरों को आच्छादित किया जा चुका है. जुलाई और अगस्त 2023 के मात्र दो माह में 14,409 ऐसे कार्यों को पूरा किया गया. इसी तरह फीडर अलग करने का कार्य किया जा रहा है. अभी तक 500 से ऊपर फीडर को अलग किया गया. लगभग 17 हजार करोड़ रुपये के खर्च से अमल में लाई गई. आरडीएसएस योजना तेजी से क्रियान्वित हो रही है, जिसमें जुलाई और अगस्त 2023 के दो माह में 1,76,589 खम्भे लगाये गए और चार लाख किलोमीटर एचटी लाइन और लगभग 1.5 लाख किलोमीटर एलटी लाइनों व जर्जर तारों को बदलने का काम किया गया. 25 हजार सर्किट किलो मीटर फीडर विभाजन का भी काम हुआ.'
ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने बताया कि 'बिजनेस प्लान 2023-24 के अन्तर्गत जुलाई व अगस्त के दो माह में बड़े पैमाने पर छोटे विद्युत उपकेन्द्रों की क्षमता वृद्धि का कार्य किया गया, जिसमें 33/11 केवी के 100 से अधिक सब स्टेशन शामिल हैं. साथ ही 11/0.4 केवी के 564 नये सर्विस स्टेशन बनाये गए. 2100 ऐसे सर्विस स्टेशनों की क्षमता वृद्धि की गई. जुलाई महीने में 33872 ट्रांसफार्मर बदले गए और अगस्त के महीने में 36734 ट्रांसफार्मर बदले गये. ऊर्जा मंत्री ने बताया कि नगरीय निकायों की बिजली व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने के लिये 1028 करोड़ के कार्य कराये जा रहे हैं, साथ ही अतिरिक्त बिजनेस प्लान में बिजली व्यवस्था की सुदृढ़ीकरण के अन्य कार्य भी साथ में हो रहे हैं. इसमें 2858 करोड़ रुपये खर्च होना निर्धारित है.'
ऊर्जा मंत्री ने कहा- 'यूपी में 17 हजार करोड़ की लागत से मजबूत किया जा रहा ऊर्जा का इंफ्रास्ट्रक्चर'
ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने कहा है कि 'बार-बार होने वाली ट्रिपिंग, फाल्ट के कारण बिजली जाने की समस्या से भी छुटकारा मिलेगा. साथ ही उपभोक्ताओं को निर्बाध बिजली दी जा सकेगी.
By ETV Bharat Uttar Pradesh Team
Published : Sep 15, 2023, 9:24 AM IST
लखनऊ : उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा ने बताया है कि 'प्रदेश में उपभोक्ताओं को निर्बाध और बेहतर विद्युत आपूर्ति देने के लिए ऊर्जा विभाग जमीनी स्तर पर काम कर रहा है. केन्द्र की 17 हजार करोड़ रुपये की आरडीएसएस योजना के तहत प्रदेश की ऊर्जा जरूरतों के मुताबिक इन्फ्रास्ट्रक्चर को नए सिरे से खड़ा करने का प्रयास हो रहा है. जर्जर लाइनों और विद्युत पोल को बदलने का कार्य किया जा रहा है. प्रदेश के बढ़ते विद्युत लोड के अनुरूप ही उपकेन्द्रों, फीडरों और ट्रांसफार्मर की क्षमता वृद्धि की जा रही है. जरूरत के अनुसार नए उपकेन्द्र, फीडर बनाये जा रहे हैं और नये ट्रांसफार्मर भी लगाये जा रहे हैं. इससे निर्बाध बिजली उपभोक्ताओं को दी जा सकेगी. बार-बार होने वाली ट्रिपिंग, फाल्ट के कारण बिजली जाने की समस्या से भी छुटकारा मिलेगा.'
ऊर्जा मंत्री ने बताया कि 'पिछले माह भीषण गर्मी और उमस होने के चलते बिजली की मांग अप्रत्याशित रूप से बढ़ गयी थी. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के इतिहास में अभी तक सबसे ज्यादा बिजली की आपूर्ति 28,284 मेगावाट इस वर्ष हुई. विद्युत की निर्बाध आपूर्ति के लिए बिजली के आधारभूत ढांचे को ठीक करने का भी प्रयास किया जा रहा है. विभाग की चार महत्वपूर्ण योजनाओं के जरिए बिजली के आधारभूत ढाचे को मजबूत करने का प्रयास चल रहा है. ऊर्जा मंत्री ने बताया कि एडीबी की तरफ से सहायता प्राप्त योजना के अर्न्तगत सर्विस एबी केबिल लगाने और फीडर अलग करने का कार्य चल रहा है. इसमें 20 हजार मजरों को आच्छादित किया जा चुका है. जुलाई और अगस्त 2023 के मात्र दो माह में 14,409 ऐसे कार्यों को पूरा किया गया. इसी तरह फीडर अलग करने का कार्य किया जा रहा है. अभी तक 500 से ऊपर फीडर को अलग किया गया. लगभग 17 हजार करोड़ रुपये के खर्च से अमल में लाई गई. आरडीएसएस योजना तेजी से क्रियान्वित हो रही है, जिसमें जुलाई और अगस्त 2023 के दो माह में 1,76,589 खम्भे लगाये गए और चार लाख किलोमीटर एचटी लाइन और लगभग 1.5 लाख किलोमीटर एलटी लाइनों व जर्जर तारों को बदलने का काम किया गया. 25 हजार सर्किट किलो मीटर फीडर विभाजन का भी काम हुआ.'
ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने बताया कि 'बिजनेस प्लान 2023-24 के अन्तर्गत जुलाई व अगस्त के दो माह में बड़े पैमाने पर छोटे विद्युत उपकेन्द्रों की क्षमता वृद्धि का कार्य किया गया, जिसमें 33/11 केवी के 100 से अधिक सब स्टेशन शामिल हैं. साथ ही 11/0.4 केवी के 564 नये सर्विस स्टेशन बनाये गए. 2100 ऐसे सर्विस स्टेशनों की क्षमता वृद्धि की गई. जुलाई महीने में 33872 ट्रांसफार्मर बदले गए और अगस्त के महीने में 36734 ट्रांसफार्मर बदले गये. ऊर्जा मंत्री ने बताया कि नगरीय निकायों की बिजली व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने के लिये 1028 करोड़ के कार्य कराये जा रहे हैं, साथ ही अतिरिक्त बिजनेस प्लान में बिजली व्यवस्था की सुदृढ़ीकरण के अन्य कार्य भी साथ में हो रहे हैं. इसमें 2858 करोड़ रुपये खर्च होना निर्धारित है.'