ETV Bharat / state

डिग्री कॉलेज नहीं होने से प्रभावित हो रही बेटियों की शिक्षा

author img

By

Published : Mar 13, 2021, 7:49 PM IST

राजधानी लखनऊ के मलिहाबाद क्षेत्र में आज भी लड़कियों के लिए डिग्री कॉलेज नहीं है. जिसकी वजह से लड़कियों को 40 किलोमीटर दूर लखनऊ उच्च शिक्षा के लिए जाना पड़ता है. इस वजह से क्षेत्र की अधिकतर लड़कियां उच्च शिक्षा से वंचित रह जाती हैं.

मलिहाबाद तहसील, लखनऊ.
मलिहाबाद तहसील, लखनऊ.

लखनऊः प्रदेश की राजधानी से जुड़े मलिहाबाद की पहचान रसीले आम को लेकर मशहूर है, लेकिन शिक्षा के मामले में क्षेत्र आज भी काफी पिछड़ा हुआ है. इस क्षेत्र में जनप्रतिनिधियों ने विकास की बातों का डिढ़ोरा पीटा लेकिन अभी तक कन्या डिग्री कॉलेज नहीं खुल सका. जिसकी वजह से क्षेत्र की बालिकाओं को उच्च शिक्षा हासिल करने में मुश्किल होती है. क्षेत्र की अधिकांश बेटियां डिग्री कॉलेज नहीं होने के कारण आगे की पढ़ाई नहीं कर पाती हैं.

उच्च शिक्षा के लिए जाना पड़ता है 40 किलोमीटर दूर
क्षेत्र के छात्र-छात्राओं को उच्च शिक्षा के लिए लगभग 40 किलोमीटर दूर राजधानी की तरफ रुख करना पड़ता है. जिसको लेकर ज्यादातर युवाओं का उच्च शिक्षा से मोह भंग हो रहा है. वहीं छात्राओं में उच्च शिक्षा की ललक तो है लेकिन घर से ज्यादा दूरी पर विद्यालय होने के कारण परिवार वाले कॉलेज भेजने में डरते हैं.

मलिहाबाद में मात्र एक बालिका इंटर कॉलेज
मलिहाबाद में एकमात्र राजकीय बालिका इंटर कॉलेज है, जिसका निर्माण सन 1949 में हुआ था. यहाँ पर कस्बे सहित क्षेत्र के कई गांवों की छात्राएं पढ़ाई करने के लिए आती है. वहीं रहीमाबाद क्षेत्र में पढ़ाई के लिए कोई भी कन्या इंटर कॉलेज नही है. जबकि ग्रामीण इंटर कॉलेज की मांग एक दशक से अधिक समय से कर रहे हैं. क्षेत्र के निवासी विजय यादव, शिवमोहन ने बताया कि जनप्रतिनिधियों व विभागीय अधिकारियों से सिर्फ कोरे आश्वासन के आलावा कुछ नहीं मिला. जबकि बड़ी उम्मीद थी कि वर्ष 2019 में शायद क्षेत्र में कन्या डिग्री कॉलेज की स्थापना हो जाए.

कॉलेज अकेले जाने में लगता है डर
मलिहाबाद की महमूदनगर की छात्रा भूमि गुप्ता बताती हैं कि वह इंटर पास कर चुकी है. मलिहाबाद में डिग्री कॉलेज न होने के कारण मजबूरन 40 किमी दूर लखनऊ जाना पड़ता है. सुबह जल्दी घर से निकलना पड़ता है फिर घंटो बस का इंतजार करने के बाद धक्के खाते हुए कॉलेज पहुंचना पड़ता है. महिलाओं और लड़कियों के लिए अकेला सफर करना बड़ी बात है, जब तक घर न पहुंच जाओ तब तक मम्मी-पापा चिंतित रहते हैं. कॉलेज आने-जाने में सुबह से शाम हो जाती है. वहीं इतना सफर तय करने के बाद थकावट के कारण घर की स्टडी भी छूट जाती है.


डिग्री कॉलेज न होने के कारण बेटियां करती हैं चूल्हा-चौका
छात्रा भूमि बताती हैं कि मेरी कुछ सहेलियां है, जिन्होंने मेरे साथ इंटर पास किया था. लेकिन उनके घर वालों ने उन्हें आगे की शिक्षा के लिए लखनऊ नहीं भेजा और उनको अब मजबूरन चूल्हा चौका करना पड़ रहा है. अगर मलिहाबाद में एक डिग्री कॉलेज बन जाए तो यहां की सूरत बदल जाएगी. जो माता-पिता बच्चों को लखनऊ पढ़ने के लिए नहीं भेजते है, वह बेटियों को यहां पढ़ाई के लिए भेजेंगे.

जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के चलते मलिहाबाद कॉलेज से वंचित
अभिभावक पंकज गुप्ता, अनिल सैनी बताते हैं कि जिम्मेदार अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के चलते मलिहाबाद आज भी डिग्री कॉलेज से वंचित है. मलिहाबाद की बच्चियां इंटर की पढ़ाई के बाद उनके माता-पिता लोक लाज के कारण लखनऊ पढ़ने के लिए नहीं भेजते हैं. जिस कारण मलिहाबाद की की बेटियां आगे नही बढ़ पा रही हैं. अगर मलिहाबाद में एक डिग्री कॉलेज की स्थापना हो जाए तो यहां की बच्चियों के पढ़ने के अरमान पूरे हो जाएंगे.

लोक लाज के डर से अभिभावक बेटियों को नहीं भेजते लखनऊ
मलिहाबाद निवासी आशीष गुप्ता बताते हैं कि मलिहाबाद में डिग्री कॉलेज की बहुत दिनों से मांग की जा रही है. डिग्री कॉलेज न होने के चलते यहां की बच्चियां आगे की पढ़ाई के लिए लखनऊ नहीं जाती हैं. जो बच्चियां पढ़ने के लिए जाती हैं, उन्हें भी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. लखनऊ जाने के कारण बच्चियां समय से घर नहीं पहुच पाती हैं तो अभिभावकों का चिंता करना सामान्य बात है. मलिहाबाद में एक डिग्री कॉलेज बन जाए तो यहां की बच्चियां भी चूल्हा चौका छोड़कर पढ़ लिखकर आगे निकल सकें.

मलिहाबाद में जल्द बनेगा डिग्री कॉलेज: सांसद
मोहनलालगंज सांसद कौशल किशोर ने ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए कहा कि उन्होंने मलिहाबाद में डिग्री कॉलेज पास कराया था. उस समय मैं चुनाव हार गया था जिस कारण डिग्री कॉलेज नहीं बन सका. कुछ ही समय पहले मैंने मलिहाबाद में लड़कियों के डिग्री कॉलेज और एक सेंट्रल कॉलेज बनने के लिए बात की है. बहुत जल्द मलिहाबाद में लड़कियों के लिए डिग्री कॉलेज की स्थापना होगी.

लखनऊः प्रदेश की राजधानी से जुड़े मलिहाबाद की पहचान रसीले आम को लेकर मशहूर है, लेकिन शिक्षा के मामले में क्षेत्र आज भी काफी पिछड़ा हुआ है. इस क्षेत्र में जनप्रतिनिधियों ने विकास की बातों का डिढ़ोरा पीटा लेकिन अभी तक कन्या डिग्री कॉलेज नहीं खुल सका. जिसकी वजह से क्षेत्र की बालिकाओं को उच्च शिक्षा हासिल करने में मुश्किल होती है. क्षेत्र की अधिकांश बेटियां डिग्री कॉलेज नहीं होने के कारण आगे की पढ़ाई नहीं कर पाती हैं.

उच्च शिक्षा के लिए जाना पड़ता है 40 किलोमीटर दूर
क्षेत्र के छात्र-छात्राओं को उच्च शिक्षा के लिए लगभग 40 किलोमीटर दूर राजधानी की तरफ रुख करना पड़ता है. जिसको लेकर ज्यादातर युवाओं का उच्च शिक्षा से मोह भंग हो रहा है. वहीं छात्राओं में उच्च शिक्षा की ललक तो है लेकिन घर से ज्यादा दूरी पर विद्यालय होने के कारण परिवार वाले कॉलेज भेजने में डरते हैं.

मलिहाबाद में मात्र एक बालिका इंटर कॉलेज
मलिहाबाद में एकमात्र राजकीय बालिका इंटर कॉलेज है, जिसका निर्माण सन 1949 में हुआ था. यहाँ पर कस्बे सहित क्षेत्र के कई गांवों की छात्राएं पढ़ाई करने के लिए आती है. वहीं रहीमाबाद क्षेत्र में पढ़ाई के लिए कोई भी कन्या इंटर कॉलेज नही है. जबकि ग्रामीण इंटर कॉलेज की मांग एक दशक से अधिक समय से कर रहे हैं. क्षेत्र के निवासी विजय यादव, शिवमोहन ने बताया कि जनप्रतिनिधियों व विभागीय अधिकारियों से सिर्फ कोरे आश्वासन के आलावा कुछ नहीं मिला. जबकि बड़ी उम्मीद थी कि वर्ष 2019 में शायद क्षेत्र में कन्या डिग्री कॉलेज की स्थापना हो जाए.

कॉलेज अकेले जाने में लगता है डर
मलिहाबाद की महमूदनगर की छात्रा भूमि गुप्ता बताती हैं कि वह इंटर पास कर चुकी है. मलिहाबाद में डिग्री कॉलेज न होने के कारण मजबूरन 40 किमी दूर लखनऊ जाना पड़ता है. सुबह जल्दी घर से निकलना पड़ता है फिर घंटो बस का इंतजार करने के बाद धक्के खाते हुए कॉलेज पहुंचना पड़ता है. महिलाओं और लड़कियों के लिए अकेला सफर करना बड़ी बात है, जब तक घर न पहुंच जाओ तब तक मम्मी-पापा चिंतित रहते हैं. कॉलेज आने-जाने में सुबह से शाम हो जाती है. वहीं इतना सफर तय करने के बाद थकावट के कारण घर की स्टडी भी छूट जाती है.


डिग्री कॉलेज न होने के कारण बेटियां करती हैं चूल्हा-चौका
छात्रा भूमि बताती हैं कि मेरी कुछ सहेलियां है, जिन्होंने मेरे साथ इंटर पास किया था. लेकिन उनके घर वालों ने उन्हें आगे की शिक्षा के लिए लखनऊ नहीं भेजा और उनको अब मजबूरन चूल्हा चौका करना पड़ रहा है. अगर मलिहाबाद में एक डिग्री कॉलेज बन जाए तो यहां की सूरत बदल जाएगी. जो माता-पिता बच्चों को लखनऊ पढ़ने के लिए नहीं भेजते है, वह बेटियों को यहां पढ़ाई के लिए भेजेंगे.

जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के चलते मलिहाबाद कॉलेज से वंचित
अभिभावक पंकज गुप्ता, अनिल सैनी बताते हैं कि जिम्मेदार अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के चलते मलिहाबाद आज भी डिग्री कॉलेज से वंचित है. मलिहाबाद की बच्चियां इंटर की पढ़ाई के बाद उनके माता-पिता लोक लाज के कारण लखनऊ पढ़ने के लिए नहीं भेजते हैं. जिस कारण मलिहाबाद की की बेटियां आगे नही बढ़ पा रही हैं. अगर मलिहाबाद में एक डिग्री कॉलेज की स्थापना हो जाए तो यहां की बच्चियों के पढ़ने के अरमान पूरे हो जाएंगे.

लोक लाज के डर से अभिभावक बेटियों को नहीं भेजते लखनऊ
मलिहाबाद निवासी आशीष गुप्ता बताते हैं कि मलिहाबाद में डिग्री कॉलेज की बहुत दिनों से मांग की जा रही है. डिग्री कॉलेज न होने के चलते यहां की बच्चियां आगे की पढ़ाई के लिए लखनऊ नहीं जाती हैं. जो बच्चियां पढ़ने के लिए जाती हैं, उन्हें भी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. लखनऊ जाने के कारण बच्चियां समय से घर नहीं पहुच पाती हैं तो अभिभावकों का चिंता करना सामान्य बात है. मलिहाबाद में एक डिग्री कॉलेज बन जाए तो यहां की बच्चियां भी चूल्हा चौका छोड़कर पढ़ लिखकर आगे निकल सकें.

मलिहाबाद में जल्द बनेगा डिग्री कॉलेज: सांसद
मोहनलालगंज सांसद कौशल किशोर ने ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए कहा कि उन्होंने मलिहाबाद में डिग्री कॉलेज पास कराया था. उस समय मैं चुनाव हार गया था जिस कारण डिग्री कॉलेज नहीं बन सका. कुछ ही समय पहले मैंने मलिहाबाद में लड़कियों के डिग्री कॉलेज और एक सेंट्रल कॉलेज बनने के लिए बात की है. बहुत जल्द मलिहाबाद में लड़कियों के लिए डिग्री कॉलेज की स्थापना होगी.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.