ETV Bharat / state

शिक्षक नेताओं ने सरकार पर लगाया अहंकारी होने का आरोप, कहा-दीपावली के दिन शिक्षकों के घरों में अंधेरा किया

उत्तर प्रदेश में हटाए गए तदर्थ शिक्षकों के लिए माध्यमिक शिक्षा संघ ने शुक्रवार को शिक्षा निदेशालय पर धरना दिया. इस दौरान शिक्षक नेताओं ने सरकार पर अहंकारी होने का आरोप लगाया.

Etv Bharat
Etv Bharat
author img

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Dec 2, 2023, 10:25 AM IST

Updated : Dec 2, 2023, 3:24 PM IST

शिक्षक नेताओं ने सरकार पर लगाए गंभीर आरोप. देखें खबर

लखनऊ : माध्यमिक शिक्षक संघ के नेताओं ने प्रदेश सरकार पर अहंकारी होने का आरोप लगाया है. शिक्षक नेताओं का कहना है कि तदर्थ शिक्षकों की सेवा बहाली का प्रकरण मौजूदा सत्र में नियम 105 में उठाया था. जिसे सरकार ने स्वीकार तो किया इस पर बहस की. इसके बाद सभापति ने इस पर हस्तक्षेप करते हुए सरकार को पुनर्विचार करने के निर्देश दिए हैं.

शिक्षा निदेशालय पर धरना देते शिक्षक.
शिक्षा निदेशालय पर धरना देते शिक्षक.

बिना पूर्व सूचना के समाप्त कर दी सेवा : यह बात शिक्षक नेता व एमएलसी ध्रुव कुमार त्रिपाठी ने माध्यमिक शिक्षा निदेशालय पार्क रोड पर आयोजित धरने में कही. ज्ञात हो कि प्रदेश के सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में बीते 25 वर्षों से अधिक समय से काम कर रहे लगभग 2000 से अधिक तदर्थ शिक्षकों की सेवाएं शासन ने बिना किसी पूर्व सूचना के समाप्त कर दी. उन्होंने मांग की कि सरकार को बिना किसी देरी किए इन शिक्षकों की सेवा को बहाल किया जाए.

सरकार का निर्णय मृत्यु दंड के समान : उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेश के उपाध्यक्ष व प्रवक्ता डॉक्टर आरपी मिश्रा ने बताया कि तदर्थ शिक्षकों के लिए सरकार को कोई वैकल्पिक व्यवस्था करनी चाहिए तथा इन शिक्षकों की सेवा सुरक्षा संबंधित धारा 21 का प्रस्ताव भी शासन को भेजा गया है. उन्होंने कहा कि शिक्षा निदेशक ने आश्वासन दिया है कि किसी भी प्रकार से इन शिक्षकों का अहित नहीं होने दिया जाएगा. उन्होंने आरोप लगाया कि बीते दिनों दीपावली व धनतेरस जैसे त्योहार के समय पर सरकार ने इस शिक्षकों की सेवा समाप्ति से जुड़ा शासनादेश निकालकर इन शिक्षकों के घरों में अंधेरा कर दिया है. सरकार का यह निर्णय इस शिक्षकों के लिए मृत्यु दंड के समान है. डॉ. मिश्रा ने बताया कि अगर सरकार ने इन शिक्षकों के हितों की रक्षा के लिए जल्द कोई निर्णय नहीं लिया तो पूरा शिक्षक समाज जेल भरो आंदोलन की शुरुआत करेगा. वहीx इस अवसर पर प्राथमिक शिक्षक संघ एवं शिक्षक महासंघ के अध्यक्ष डॉ. दिनेश चंद्र शर्मा ने कहा कि तदर्थ शिक्षकों की सेवा बहाली के लिए सभी शिक्षक संघ एक साथ मिलकर संघर्ष करेंगे. अगर सरकार ने शिक्षक विरोधी रवैया नहीं बदला तो शिक्षक आगामी लोकसभा चुनाव में सरकार के खिलाफ भी बटन दबाने से कोई गुरेज नहीं करेंगे.

यह भी पढ़ें : तदर्थ शिक्षकों को बीते कई माह से नहीं मिला वेतन, 12 दिनों से धरने पर बैठे गुरुजन

लखनऊ: तदर्थ शिक्षकों ने की इच्छा मृत्यु की मांग, टोपी लगाकर पहुंचे भाजपा कार्यालय

शिक्षक नेताओं ने सरकार पर लगाए गंभीर आरोप. देखें खबर

लखनऊ : माध्यमिक शिक्षक संघ के नेताओं ने प्रदेश सरकार पर अहंकारी होने का आरोप लगाया है. शिक्षक नेताओं का कहना है कि तदर्थ शिक्षकों की सेवा बहाली का प्रकरण मौजूदा सत्र में नियम 105 में उठाया था. जिसे सरकार ने स्वीकार तो किया इस पर बहस की. इसके बाद सभापति ने इस पर हस्तक्षेप करते हुए सरकार को पुनर्विचार करने के निर्देश दिए हैं.

शिक्षा निदेशालय पर धरना देते शिक्षक.
शिक्षा निदेशालय पर धरना देते शिक्षक.

बिना पूर्व सूचना के समाप्त कर दी सेवा : यह बात शिक्षक नेता व एमएलसी ध्रुव कुमार त्रिपाठी ने माध्यमिक शिक्षा निदेशालय पार्क रोड पर आयोजित धरने में कही. ज्ञात हो कि प्रदेश के सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में बीते 25 वर्षों से अधिक समय से काम कर रहे लगभग 2000 से अधिक तदर्थ शिक्षकों की सेवाएं शासन ने बिना किसी पूर्व सूचना के समाप्त कर दी. उन्होंने मांग की कि सरकार को बिना किसी देरी किए इन शिक्षकों की सेवा को बहाल किया जाए.

सरकार का निर्णय मृत्यु दंड के समान : उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेश के उपाध्यक्ष व प्रवक्ता डॉक्टर आरपी मिश्रा ने बताया कि तदर्थ शिक्षकों के लिए सरकार को कोई वैकल्पिक व्यवस्था करनी चाहिए तथा इन शिक्षकों की सेवा सुरक्षा संबंधित धारा 21 का प्रस्ताव भी शासन को भेजा गया है. उन्होंने कहा कि शिक्षा निदेशक ने आश्वासन दिया है कि किसी भी प्रकार से इन शिक्षकों का अहित नहीं होने दिया जाएगा. उन्होंने आरोप लगाया कि बीते दिनों दीपावली व धनतेरस जैसे त्योहार के समय पर सरकार ने इस शिक्षकों की सेवा समाप्ति से जुड़ा शासनादेश निकालकर इन शिक्षकों के घरों में अंधेरा कर दिया है. सरकार का यह निर्णय इस शिक्षकों के लिए मृत्यु दंड के समान है. डॉ. मिश्रा ने बताया कि अगर सरकार ने इन शिक्षकों के हितों की रक्षा के लिए जल्द कोई निर्णय नहीं लिया तो पूरा शिक्षक समाज जेल भरो आंदोलन की शुरुआत करेगा. वहीx इस अवसर पर प्राथमिक शिक्षक संघ एवं शिक्षक महासंघ के अध्यक्ष डॉ. दिनेश चंद्र शर्मा ने कहा कि तदर्थ शिक्षकों की सेवा बहाली के लिए सभी शिक्षक संघ एक साथ मिलकर संघर्ष करेंगे. अगर सरकार ने शिक्षक विरोधी रवैया नहीं बदला तो शिक्षक आगामी लोकसभा चुनाव में सरकार के खिलाफ भी बटन दबाने से कोई गुरेज नहीं करेंगे.

यह भी पढ़ें : तदर्थ शिक्षकों को बीते कई माह से नहीं मिला वेतन, 12 दिनों से धरने पर बैठे गुरुजन

लखनऊ: तदर्थ शिक्षकों ने की इच्छा मृत्यु की मांग, टोपी लगाकर पहुंचे भाजपा कार्यालय

Last Updated : Dec 2, 2023, 3:24 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.