लखनऊ: समाजवादी पार्टी की सरकार के दौरान हुए गोमती रिवर फ्रंट घोटाले में सीबीआई के अलावा प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी जांच तेज कर दी है. सूत्रों के मुताबिक ईडी अब रिवर फ्रंट परियोजना से जुड़े इंजीनियर व काम करने वाले ठेकेदारों पर शिकंजा कसेगी. एजेंसी ने इस बार तत्कलीन मुख्य सचिव व प्रमुख सचिव सिंचाई के खास रहे उस वक्त के मुख्य अभियंता सिंचाई रूप सिंह यादव (Chief Engineer Irrigation Roop Singh Yadav) के करीबियों को पूछताछ के लिए बुलाया है.
गोमती रिवर फ्रंट (Gomti River Front) में दर्जनों कंपनियों ने काम किया था. सीबीआई ने यूपी सरकार की सिफारिश पर नवंबर 2017 को ही इस मामले में केस दर्ज किया था. तत्कालीन मुख्य अभियंता और अधीक्षण अभियंता समेत 16 कार्मिकों के अलावा 189 निजी लोगों, फर्मों और कंपनियों को आरोपी बनाया गया है. इन कंपनियों ने 661 टेंडर में काम किया था. सिंचाई विभाग के करीब 1437 करोड़ रुपये लागत के गोमती रिवर चैनलाइजेशन प्रोजेक्ट और गोमती रिवर फ्रंट डवलपमेंट प्रोजेक्ट में अनियमितताएं और अवैध गतिविधियां सामने आने पर केस दर्ज किया गया था. अब इसी से जुड़े तीन दर्जन लोगों को ईडी ने तलब किया है.
बता दें, इससे पहले 1031 करोड़ का काम करने वाली बड़ी कंपनियों के अधिकारियों व ठेकेदारों से भी पूछताछ हो चुकी है. इस मामले में रूप सिंह समेत एक दर्जन लोगों को सीबीआई गिरफ्तार कर चुकी है. वही बीते दिनों सीबीआई ने भी गोमती रिवर फ्रंट घोटाले के मामले में शासन से तत्कालीन मुख्य सचिव आलोक रंजन, दीपक सिंघल व प्रसपा राष्ट्रीय अध्यक्ष और सपा विधायक शिवपाल सिंह यादव से पूछताछ करने के लिए अनुमति मांगी थी. माना जा रहा है कि जल्दी शासन से अनुमति मिलने के बाद सीबीआई शिवपाल सिंह यादव व दोनों तत्कालीन मुख्य सचिव आलोक रंजन राम दीपक सिंघल को आमने-सामने बैठाकर पूछताछ कर सकती है.
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