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ई-कुबेर व्यवस्था लागू, किसानों को अब ऑनलाइन ट्रांसफर होगी मुआवजा राशि

लखनऊ में अपर मुख्य सचिव राजस्व विभाग रेणुका कुमार ने बताया कि पहले चरण में बाढ़, सूखा, ओलावृष्टि, अतिवृष्टि, बिजली गिरने और बादल फटने जैसी दैवीय आपदाओं से प्रभावित फसलों के नुकसान पर मिलने वाली आर्थिक सहायता ऑनलाइन किसानों के खाते में भेजी जाएगी. इसके लिए ई-कुबेर व्यवस्था चालू की गई है.

ई-कुबेर व्यवस्था लागू, किसान को अब ऑनलाइन ट्रांसफर होगी मुआवजा राशि
ई-कुबेर व्यवस्था लागू, किसान को अब ऑनलाइन ट्रांसफर होगी मुआवजा राशि
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Published : Apr 24, 2021, 9:37 PM IST

लखनऊ : आपदा प्रभावित लोगों को हुए नुकसान की रिपोर्ट शासन स्तर पर भेजने और इसकी भरपाई को लेकर राजस्व विभाग में e-kuber व्यवस्था लागू कर दी गई है. इस व्यवस्था के शुरू होने से कृषि निवेश अनुदान की राशि कोषागार की ई-कुबेर प्रणाली से ऑनलाइन किसानों के खातों में भेजी जा सकेगी.


ये होगी सुविधा

अपर मुख्य सचिव राजस्व विभाग रेणुका कुमार ने बताया कि पहले चरण में बाढ़, सूखा, ओलावृष्टि, अतिवृष्टि, बिजली गिरने और बादल फटने जैसी दैवीय आपदाओं से प्रभावित फसलों के नुकसान पर मिलने वाली आर्थिक सहायता ऑनलाइन किसानों के खाते में भेजी जाएगी. दूसरे चरण में विभिन्न आपदाओं से जनहानि, पशुहानि, मकान से क्षति के तहत दी जाने वाली आर्थिक सहायता के लाभार्थियों के बैंक खातों में e-kuber प्रणाली के माध्यम से सहायता ऑनलाइन भेजी जाएगी.

यह भी पढ़ें : वसीम रिजवी बोले- सारी लड़ाई बाद में लड़ लेंगे, अभी एक दूसरे की करें मदद


राहत आयुक्त कार्यालय की वेबसाइट में है व्यवस्था

अपर मुख्य सचिव राजस्व के मुताबिक, प्रथम चरण के कार्य के लिए राहत आयुक्त कार्यालय की वेबसाइट पर आपदाओं से कृषि को हुए नुकसान के अनुदान-वितरण की प्रक्रिया का माड्यूल उपलब्ध करा दिया गया है. इसके लिए एनआईसी के सहयोग से एक सॉफ्टवेयर तैयार किया गया है.

इसके अंतर्गत किसी भी आपदा से किसानों की फसलों के नुकसान की लेखपाल द्वारा डाटा फीडिंग से लेकर जिला स्तर से धनराशि स्वीकृत कर किसानों के बैंक खातों में e-kuber माध्यम से ऑनलाइन भेजने संबंधी प्रक्रिया पूरी की जाएगी. राहत आयुक्त कार्यालय की वेबसाइट rahat.up.nic.in का इंटीग्रेशन कोषागार के ई-कुबेर से लिंक कर दिया गया है.


इस तरह होगी व्यवस्था

अपर मुख्य सचिव राजस्व रेणुका कुमार ने बताया कि ई-कुबेर व्यवस्था लागू होने से सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि यदि कोई ट्रांजेक्शन किसी कारण फेल हो जाता है तो उससे संबंधित धनराशि कोषागार से हस्तांतरित नहीं होगी. दूसरा धनराशि हस्तांतरित करने में कोई अतिरिक्त चार्ज किसी बैंक के किसी संस्था को नहीं देना पड़ेगा.

इसके अलावा इस कार्य के लिए लेखपाल राजस्व निरीक्षक तहसीलदार द्वारा ओटीपी भेज लॉग इन आईडी से और तहसीलदार उप जिलाधिकारी स्तर से डिजिटल डाटा ऑनलाइन अपर जिला अधिकारी को भेजा जाएगा. इसके बाद अपर जिलाधिकारी के डिजिटल सिग्नेचर से संबंधित स्वीकृत किया जाएगा. इससे विभाग में और अधिक पारदर्शिता भी आएगी तो किसानों को उनके नुकसान की भरपाई भी जल्द ही हो सकेगी.

लखनऊ : आपदा प्रभावित लोगों को हुए नुकसान की रिपोर्ट शासन स्तर पर भेजने और इसकी भरपाई को लेकर राजस्व विभाग में e-kuber व्यवस्था लागू कर दी गई है. इस व्यवस्था के शुरू होने से कृषि निवेश अनुदान की राशि कोषागार की ई-कुबेर प्रणाली से ऑनलाइन किसानों के खातों में भेजी जा सकेगी.


ये होगी सुविधा

अपर मुख्य सचिव राजस्व विभाग रेणुका कुमार ने बताया कि पहले चरण में बाढ़, सूखा, ओलावृष्टि, अतिवृष्टि, बिजली गिरने और बादल फटने जैसी दैवीय आपदाओं से प्रभावित फसलों के नुकसान पर मिलने वाली आर्थिक सहायता ऑनलाइन किसानों के खाते में भेजी जाएगी. दूसरे चरण में विभिन्न आपदाओं से जनहानि, पशुहानि, मकान से क्षति के तहत दी जाने वाली आर्थिक सहायता के लाभार्थियों के बैंक खातों में e-kuber प्रणाली के माध्यम से सहायता ऑनलाइन भेजी जाएगी.

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राहत आयुक्त कार्यालय की वेबसाइट में है व्यवस्था

अपर मुख्य सचिव राजस्व के मुताबिक, प्रथम चरण के कार्य के लिए राहत आयुक्त कार्यालय की वेबसाइट पर आपदाओं से कृषि को हुए नुकसान के अनुदान-वितरण की प्रक्रिया का माड्यूल उपलब्ध करा दिया गया है. इसके लिए एनआईसी के सहयोग से एक सॉफ्टवेयर तैयार किया गया है.

इसके अंतर्गत किसी भी आपदा से किसानों की फसलों के नुकसान की लेखपाल द्वारा डाटा फीडिंग से लेकर जिला स्तर से धनराशि स्वीकृत कर किसानों के बैंक खातों में e-kuber माध्यम से ऑनलाइन भेजने संबंधी प्रक्रिया पूरी की जाएगी. राहत आयुक्त कार्यालय की वेबसाइट rahat.up.nic.in का इंटीग्रेशन कोषागार के ई-कुबेर से लिंक कर दिया गया है.


इस तरह होगी व्यवस्था

अपर मुख्य सचिव राजस्व रेणुका कुमार ने बताया कि ई-कुबेर व्यवस्था लागू होने से सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि यदि कोई ट्रांजेक्शन किसी कारण फेल हो जाता है तो उससे संबंधित धनराशि कोषागार से हस्तांतरित नहीं होगी. दूसरा धनराशि हस्तांतरित करने में कोई अतिरिक्त चार्ज किसी बैंक के किसी संस्था को नहीं देना पड़ेगा.

इसके अलावा इस कार्य के लिए लेखपाल राजस्व निरीक्षक तहसीलदार द्वारा ओटीपी भेज लॉग इन आईडी से और तहसीलदार उप जिलाधिकारी स्तर से डिजिटल डाटा ऑनलाइन अपर जिला अधिकारी को भेजा जाएगा. इसके बाद अपर जिलाधिकारी के डिजिटल सिग्नेचर से संबंधित स्वीकृत किया जाएगा. इससे विभाग में और अधिक पारदर्शिता भी आएगी तो किसानों को उनके नुकसान की भरपाई भी जल्द ही हो सकेगी.

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