लखनऊः ई-हॉस्पिटल कर्मचारियों ने बीते दिनों में लगातार प्रधानमंत्री, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री, मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री को तमाम पत्र भेजे. इन लोगों की मांग है कि इनकी सेवा समाप्त न की जाए, लेकिन अभी तक इनकी मांगों को स्वीकार नहीं किया गया, जिसकी वजह से इन कर्मचारियों में रोष बना हुआ है.
कार्य बहिष्कार से मरीज हुए परेशान
प्रधानमंत्री डिजिटल योजना के तहत उत्तर प्रदेश के करीब 32 जिलों में 400 कर्मचारी कार्यरत हैं. इन कर्मचारियों ने सोमवार सुबह 8:00 से 10:00 तक अस्पतालों में कार्य बहिष्कार किया. इस दौरान ओपीडी में पर्चा बनने और दवाइयां मिलने की सुविधा बाधित रहीं. इसकी वजह से मरीजों को भी तमाम दिक्कतों का सामना करना पड़ा.
इसे भी पढ़ेंः- लखनऊ: धरने पर बैठे जूनियर इंजीनियर खोल रहे विभाग में भ्रष्टाचार की पोल
कर्मचारियों को नहीं मिला वेतन
वहीं शासन-प्रशासन द्वारा बीते दिनों एक आदेश जारी किया गया था. आदेश में कर्मचारियों की सेवा को एक माह का विस्तार भी दिया गया था. इनके वेतन भुगतान हेतु भी सभी चिकित्सालयों को आदेशित किया गया था, लेकिन प्रत्येक माह भुगतान का बजट न होने कारण भुगतान करने वाली संस्था आरकेएस ने कर्मचारियों को वेतन देने से मना कर दिया.
32 जिलों में हुआ कार्य बहिष्कार
इन कर्मचारियों को आश्वासन दिया गया था कि पद सृजित करने के लिए शासन द्वारा स्वीकृति प्रदान होते ही समायोजित कर दिया जाएगा, लेकिन अभी तक ऐसी कोई व्यवस्था इन कर्मचारियों के लिए नहीं की गई है, जिसकी वजह से इन कर्मचारियों में रोष व्याप्त है और वे पुनः बेरोजगार होने की कगार पर हैं. इसके विरोध में इन कर्मचारियों द्वारा पूरे प्रदेश के 32 जिलों में दो घंटे का कार्य बहिष्कार किया गया.