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लखनऊ: बारिश और अधिकारियों की लापरवाही का डबल अटैक झेल रहे ग्रामीण - flood in uttar pradesh

बारिश ने जनजीवन को पूरी तरह से अस्त-व्यस्त कर दिया है. बीते दो दिन से हो रही बारिश के कारण लोग अपने कच्चे मकानों से निकलकर घास-फूस से बनी झोपड़ियों में रहने को मजबूर हो गए हैं.

बारिश की वजह से जलभराव
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Published : Jul 10, 2019, 6:58 PM IST

लखनऊः मोहनलालगंज विकासखंड के अंतर्गत आने वाले बरगदिया खेड़ा गांव में पिछले 48 घंटों से हो रही बारिश से जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है. ग्रामीण आदिवासियों से भी बदतर जिंदगी जीने को मजबूर हो गए हैं. ऐसी कठोर परिस्थिति में गांव में न तो कोई अधिकारी आया है और न कोई राजनेता.

बरगदिया खेड़ा गांव में पिछले 48 घंटों से हो रही बारिश

गावं में बारिश से हो रही समस्याएं-
⦁ गांव में लोग कच्चे मकानों से निकलकर घास-फूस से बनी झोपड़ियों में रहने को मजबूर हैं.
⦁ बारिश की वजह से कच्चे मकान पूरी तरह टूट गए हैं.
⦁ गांव में चलने लायक रास्ता भी नहीं है.
⦁ गांव में स्वास्थ्य सुविधा की व्यवस्था भी नहीं है.
⦁ बारिश बच्चों की शिक्षा में भी बाधक बन रही.

बहुत बारिश होने की वजह से घर गिरे जा रहें है. रास्ता भी खराब है. यहां कोई सुनवाई नहीं होती न कोई प्रशासनिक अधिकारी आता है.
-सुनीता देवी (ग्रामीण)

लखनऊः मोहनलालगंज विकासखंड के अंतर्गत आने वाले बरगदिया खेड़ा गांव में पिछले 48 घंटों से हो रही बारिश से जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है. ग्रामीण आदिवासियों से भी बदतर जिंदगी जीने को मजबूर हो गए हैं. ऐसी कठोर परिस्थिति में गांव में न तो कोई अधिकारी आया है और न कोई राजनेता.

बरगदिया खेड़ा गांव में पिछले 48 घंटों से हो रही बारिश

गावं में बारिश से हो रही समस्याएं-
⦁ गांव में लोग कच्चे मकानों से निकलकर घास-फूस से बनी झोपड़ियों में रहने को मजबूर हैं.
⦁ बारिश की वजह से कच्चे मकान पूरी तरह टूट गए हैं.
⦁ गांव में चलने लायक रास्ता भी नहीं है.
⦁ गांव में स्वास्थ्य सुविधा की व्यवस्था भी नहीं है.
⦁ बारिश बच्चों की शिक्षा में भी बाधक बन रही.

बहुत बारिश होने की वजह से घर गिरे जा रहें है. रास्ता भी खराब है. यहां कोई सुनवाई नहीं होती न कोई प्रशासनिक अधिकारी आता है.
-सुनीता देवी (ग्रामीण)

Intro:पिछले 48 घंटों से लगातार रुक-रुक कर हो रही बारिश से जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है ईटीवी भारत राजधानी लखनऊ के एक ऐसे गांव पहुंचा जहां बारिश ने ऐसा कहर बरपाया कि लोग अपने कच्चे मकानों से निकलकर घास फूस से बनी झोपड़ियों में रहने को मजबूर है।


Body:बारिश में ग्रामीणों की समस्या को सुनने ईटीवी भारत जब राजधानी लखनऊ के मोहनलालगंज विकासखंड के अंतर्गत आने वाले बरगदिया खेड़ा गांव पहुंचा तो देखा कि ग्रामीण किस तरह से आदिवासियों से भी बत्तर जिंदगी जीने को मजबूर हो रहे हैं।

ग्रामीणों से जब हमने बात की तो पता चला कि इस गांव में ना तो कोई अधिकारी आता है और ना कोई राजनेता। ग्रामीणों ने बताया कि किस तरह से बारिश की वजह से उनके कच्चे मकान पूरी तरह टूट गए हैं। और घास फूस से बनी झोपड़ियों में रहने के लिए मजबूर है। गांव में जब हम पहुंचे तो देखा कि गांव में चलने लायक रास्ता भी नहीं है।

ग्रामीणों के घर समेत रास्ते भी पूरी तरह से जलमग्न हो गए हैं गांव में ना ही स्वास्थ्य सुविधा की व्यवस्था है और ना ही बच्चों के पढ़ने के लिए कोई स्कूल।

वहीं एक महिला ऐसी भी मिली जिस ने बताया कि किस तरह से बारिश और प्रशासनिक अधिकारियों की लापरवाही की मार को उसका परिवार झेल रहा है।

बाइट- राजकुमार (ग्रामीण)
बाइट- देवदत्त (ग्रामीण)
बाइट- सुनीता देवी (ग्रामीण)
बाइट-भगवान देई (ग्रामीण)
पीटीसी योगेश मिश्रा


Conclusion:राजधानी लखनऊ से करीब 45 किलोमीटर दूर बसई गांव जो आज भी विकास से कोसों दूर नजर आता है जहां ग्रामीण बद से बत्तर जिंदगी जीने को मजबूर है। अब यह तो वक्त ही बताएगा कि बारिश और प्रशासनिक अधिकारियों की लापरवाही का डबल अटैक झेल रहे ग्रामीणों को कब तक सहूलियत मिल पाती है।

योगेश मिश्रा लखनऊ
7054179998
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