लखनऊ: दुधवा और पीलीभीत टाइगर रिजर्व के 2020-21 के सत्र का वन मंत्री ने रविवार को ऑनलाइन शुभारंभ किया. प्रदेश के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री दारा सिंह चौहान ने कहा कि वन मैन-वन जाॅब की तर्ज पर दुधवा नेशनल पार्क एवं पीलीभीत टाइगर रिजर्व में ज्यादा से ज्यादा स्थानीय लोगों को रोजगार दिया जाए. स्थानीय लोगों को ड्राईवर, गाइड आदि पदों पर रखने से वे जंगल के प्रति समर्पित भाव से काम करेंगे. वन मंत्री ने रविवार को यहां वन विभाग के मुख्यालय पर दुधवा नेशनल पार्क एवं पीलीभीत टाईगर रिजर्व के वर्ष 2020-21 के पर्यटन सत्र के आनलाइन शुभारम्भ के उपरान्त व्यक्त की. उन्होंने कहा कि दुधवा नेशनल पार्क और पीलीभीत टाइगर रिजर्व में पूर्व में पर्यटन सत्र 15 नवम्बर से आरम्भ होता था, लेकिन कतिपय स्रोतों से यह अनुरोध प्राप्त होने पर कि जिस प्रकार अन्य प्रदेशों में टाइगर रिजर्व 15 अक्टूबर से खोल दिए जाते है. उसी प्रकार उत्तर प्रदेश के टाइगर रिजर्व को भी खोला जाए.
15 दिन पहले ही खुला दुधवा और पीलीभीत टाइगर रिजर्व
दुधवा और पीलीभीत केवल अभ्यारण को एक नवंबर से पर्यटकों के लिए खोल दिया गया. यह पहली बार हुआ है कि दुधवा नेशनल पार्क और पीलीभीत टाईगर रिजर्व 15 दिन पहले खोल दिए गए हैं. सबसे खास बात यह रही कि सैलानियों के स्वागत के लिए शेरनी ने रविवार को चार बच्चों को जन्म भी दिया है. इससे पहले दुधवा में पिछले साल का विश्व रिकार्ड है कि शेरनी ने एक साथ 5 बच्चों को जन्म दिया था.
इस दौरान वन मंत्री दारा सिंह चौहान ने अधिकारियों को यह निर्देश दिए कि पर्यटन हेतु विकसित संसाधनों के अतिरिक्त स्थानीय निवासियों को सैलानियों के होम-स्टे हेतु संसाधन विकसित कराकर जोड़ने का प्रयास किया जाए. उन्होंने कहा कि सैलानियों के लिए उपलब्ध पर्यटन सुविधा के आधार पर प्रतिदिन भ्रमण करने वाले सैलानियों की संख्या निर्धारित की जाए.
टाइगर रिजर्व को दिया जाए हेरिटेज लुक
वन मंत्री दारा सिंह चौहान ने कहा कि टाइगर रिजर्व के आस-पास थारू हट बनाया जाए, जिससे टाइगर रिजर्व को हेरिटेज लुक मिल सके.