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दूसरे दिन सिर्फ 41 फीसद बसों का संचालन, रोडवेज को अब तक हुआ 15 करोड़ से ज्यादा का नुकसान - परिवहन निगम न्यूज

हिट एन रन कानून के नए प्रावधान को लेकर ट्रक चालकों समेत तमाम व्यावसायिक वाहन चालकों ने देश व्यापी हड़ताल कर रखी है. इसका असर रोडवेज बस सेवाओं पर भी पड़ रहा है. इससे रोडवेज की इनकम में काफी गिरावट आ रही है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jan 2, 2024, 6:11 PM IST

Updated : Jan 2, 2024, 7:03 PM IST

लखनऊ : उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम पर चालकों की हड़ताल का बड़ा असर पड़ा है. नए साल के पहले दिन सोमवार को तो बसों का संचालन प्रभावित रहा ही, दूसरे दिन मंगलवार को भी हड़ताल का असर जारी है. प्रदेश भर में मंगलवार एक बजे तक का परिवहन निगम ने जो आंकड़ा निकाला है. इसमें कल 41 फीसद बसों का ही संचालन अब तक हुआ है. यात्रियों को बस स्टेशनों पर बसों के अभाव में भटकना पड़ रहा है. बस चालकों की हड़ताल से रोडवेज को दो दिन में 15 करोड़ से ज्यादा का नुकसान हुआ है. हड़ताल के दूसरे दिन रोडवेज की 5387 बसों में से 3202 बसों का संचालन हुआ. लखनऊ की बात करें तो 520 बसों में से 172 बसें रूट पर रवाना की गई हैं.

ट्रक चालकों की हड़ताल से रोडवेज बस सेवा पर पड़ा असर. देखें खबर
इधर-उधर भटक रहे मुसाफिर :
लखनऊ समेत उत्तर प्रदेश में परिवहन निगम की बसें चालकों की हड़ताल की वजह से प्रभावित हैं. कम बसों के संचालन से यात्रियों को अपनी मंजिल की तरफ जाने के लिए भटकना पड़ रहा है. लखनऊ के कैसरबाग चारबाग आलमबाग और अवध बस स्टेशन पर यात्री बसों के अभाव में भटक रहे हैं. किसी को बहराइच जाना है, किसी को प्रतापगढ़ तो किसी को हरदोई, लेकिन सुबह से ही बस स्टेशन पर बसों के इंतजार में यात्री खड़े हुए हैं, लेकिन उन्हें बस नहीं मिल रही है. यात्रियों का कहना है कि बहुत परेशानी हो रही है. कई यात्रियों ने बताया कि परिवार सहित इतनी ठंड में सुबह से ही बस स्टेशन पर बस पकड़ने आए, लेकिन बस मिल नहीं रही है. अधिकारी कुछ बता नहीं पा रहे हैं.


लखनऊ से चल रहीं सिर्फ 172 बसें : लखनऊ रीजन की बात की जाए तो रोजाना 1000 से ज्यादा बसों का संचालन होता है. हड़ताल के चलते 520 बसों में से सिर्फ 172 बसें ही संचालित हो पा रही हैं. करीब ढाई सौ अनुबंधित बसें भी चलती हैं, लेकिन काफी कम बसें संचालित की गई हैं. लखनऊ में कुल 33 प्रतिशत बसें संचालित हुई हैं. हरदोई रीजन में सिर्फ चार फीसद बसों का संचालन हुआ. गोरखपुर रीजन में महज आठ फीसद बसें ही रूट पर रवाना की जा सकीं.

दूसरे दिन भी चालकों से हुई अभद्रता : हड़ताल के दूसरे दिन भी रोडवेज के चालकों ने बस संचालन करने पर विरोध किया है. कई जगह चालकों से अभद्रता की भी बात सामने आई है. प्रदेश के कुछ इलाकों में यात्रियों और चालकों के साथ ट्रक चालकों ने गलत व्यवहार किया है. इसी वजह से चालक रूट पर बसें ले जाने से भी कतरा रहे हैं. वहीं लखनऊ रीजन के क्षेत्रीय प्रबंधक आरके त्रिपाठी ने अनुबंधित बस मालिकों के साथ बैठक की. अनुबंधित बस मालिकों से कहा कि अफवाहों में बिल्कुल न आएं. चालकों से बसों का संचालन कराएं. इसके बाद अनुबंधित बस मालिकों ने भी क्षेत्रीय प्रबंधक को भरोसा दिया कि बसों का संचालन कराया जाएगा. कई अनुबंधित बस मालिकों ने चालकों को बुलाकर रूट पर बसें रवाना कीं.




यात्रियों को उपलब्ध कराई जा रहीं बसें : उत्तर प्रदेश रोडवेज मजदूर संघ के प्रांतीय मीडिया प्रभारी रजनीश मिश्रा ने बताया कि लगातार कैसरबाग बस स्टेशन से बसों का संचालन कराए जाने का प्रयास किया जा रहा है. यात्रियों को दिक्कत न हो, इसका पूरा ख्याल रखा जा रहा है. सुबह से तीन दर्जन से ज्यादा बसें रूट पर रवाना भी की गई हैं. यात्रियों की संख्या बस स्टेशन पर कम है, क्योंकि सभी को यह पता चल गया है कि हड़ताल चल रही है. लिहाजा जो भी यात्री बस स्टेशन पर बस पकड़ने के लिए आ रहे हैं उन्हें बस सेवा उपलब्ध कराकर भेजा जा रहा है.




अब तक हुआ 15 करोड़ का नुकसान : उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के प्रधान प्रबंधक व प्रवक्ता अजीत सिंह ने बताया कि कल की तुलना में आज (मंगलवार) ज्यादा बसें रूट पर संचालित की गई हैं. अभी तक 41% बसों की रिपोर्ट है जो रूट पर भेजी गई हैं. शाम तक 50 से 60% बसों का संचालन शुरू होने की संभावना है. दो दिनों में अगर नुकसान की बात करें तो लगभग 15 करोड़ का नुकसान परिवहन निगम को उठाना पड़ा है.


यह भी पढ़ें : हिट एंड रन कानून; मैनपुरी में बवाल, पुलिस और ट्रक ड्राइवरों में पथराव, आंसू गैस के गोले छोड़े

बागपत में ट्रक व अनुबंधित बसों के ड्राइवरों की हड़ताल जारी, यात्री व व्यापारी परेशान

लखनऊ : उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम पर चालकों की हड़ताल का बड़ा असर पड़ा है. नए साल के पहले दिन सोमवार को तो बसों का संचालन प्रभावित रहा ही, दूसरे दिन मंगलवार को भी हड़ताल का असर जारी है. प्रदेश भर में मंगलवार एक बजे तक का परिवहन निगम ने जो आंकड़ा निकाला है. इसमें कल 41 फीसद बसों का ही संचालन अब तक हुआ है. यात्रियों को बस स्टेशनों पर बसों के अभाव में भटकना पड़ रहा है. बस चालकों की हड़ताल से रोडवेज को दो दिन में 15 करोड़ से ज्यादा का नुकसान हुआ है. हड़ताल के दूसरे दिन रोडवेज की 5387 बसों में से 3202 बसों का संचालन हुआ. लखनऊ की बात करें तो 520 बसों में से 172 बसें रूट पर रवाना की गई हैं.

ट्रक चालकों की हड़ताल से रोडवेज बस सेवा पर पड़ा असर. देखें खबर
इधर-उधर भटक रहे मुसाफिर : लखनऊ समेत उत्तर प्रदेश में परिवहन निगम की बसें चालकों की हड़ताल की वजह से प्रभावित हैं. कम बसों के संचालन से यात्रियों को अपनी मंजिल की तरफ जाने के लिए भटकना पड़ रहा है. लखनऊ के कैसरबाग चारबाग आलमबाग और अवध बस स्टेशन पर यात्री बसों के अभाव में भटक रहे हैं. किसी को बहराइच जाना है, किसी को प्रतापगढ़ तो किसी को हरदोई, लेकिन सुबह से ही बस स्टेशन पर बसों के इंतजार में यात्री खड़े हुए हैं, लेकिन उन्हें बस नहीं मिल रही है. यात्रियों का कहना है कि बहुत परेशानी हो रही है. कई यात्रियों ने बताया कि परिवार सहित इतनी ठंड में सुबह से ही बस स्टेशन पर बस पकड़ने आए, लेकिन बस मिल नहीं रही है. अधिकारी कुछ बता नहीं पा रहे हैं.


लखनऊ से चल रहीं सिर्फ 172 बसें : लखनऊ रीजन की बात की जाए तो रोजाना 1000 से ज्यादा बसों का संचालन होता है. हड़ताल के चलते 520 बसों में से सिर्फ 172 बसें ही संचालित हो पा रही हैं. करीब ढाई सौ अनुबंधित बसें भी चलती हैं, लेकिन काफी कम बसें संचालित की गई हैं. लखनऊ में कुल 33 प्रतिशत बसें संचालित हुई हैं. हरदोई रीजन में सिर्फ चार फीसद बसों का संचालन हुआ. गोरखपुर रीजन में महज आठ फीसद बसें ही रूट पर रवाना की जा सकीं.

दूसरे दिन भी चालकों से हुई अभद्रता : हड़ताल के दूसरे दिन भी रोडवेज के चालकों ने बस संचालन करने पर विरोध किया है. कई जगह चालकों से अभद्रता की भी बात सामने आई है. प्रदेश के कुछ इलाकों में यात्रियों और चालकों के साथ ट्रक चालकों ने गलत व्यवहार किया है. इसी वजह से चालक रूट पर बसें ले जाने से भी कतरा रहे हैं. वहीं लखनऊ रीजन के क्षेत्रीय प्रबंधक आरके त्रिपाठी ने अनुबंधित बस मालिकों के साथ बैठक की. अनुबंधित बस मालिकों से कहा कि अफवाहों में बिल्कुल न आएं. चालकों से बसों का संचालन कराएं. इसके बाद अनुबंधित बस मालिकों ने भी क्षेत्रीय प्रबंधक को भरोसा दिया कि बसों का संचालन कराया जाएगा. कई अनुबंधित बस मालिकों ने चालकों को बुलाकर रूट पर बसें रवाना कीं.




यात्रियों को उपलब्ध कराई जा रहीं बसें : उत्तर प्रदेश रोडवेज मजदूर संघ के प्रांतीय मीडिया प्रभारी रजनीश मिश्रा ने बताया कि लगातार कैसरबाग बस स्टेशन से बसों का संचालन कराए जाने का प्रयास किया जा रहा है. यात्रियों को दिक्कत न हो, इसका पूरा ख्याल रखा जा रहा है. सुबह से तीन दर्जन से ज्यादा बसें रूट पर रवाना भी की गई हैं. यात्रियों की संख्या बस स्टेशन पर कम है, क्योंकि सभी को यह पता चल गया है कि हड़ताल चल रही है. लिहाजा जो भी यात्री बस स्टेशन पर बस पकड़ने के लिए आ रहे हैं उन्हें बस सेवा उपलब्ध कराकर भेजा जा रहा है.




अब तक हुआ 15 करोड़ का नुकसान : उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के प्रधान प्रबंधक व प्रवक्ता अजीत सिंह ने बताया कि कल की तुलना में आज (मंगलवार) ज्यादा बसें रूट पर संचालित की गई हैं. अभी तक 41% बसों की रिपोर्ट है जो रूट पर भेजी गई हैं. शाम तक 50 से 60% बसों का संचालन शुरू होने की संभावना है. दो दिनों में अगर नुकसान की बात करें तो लगभग 15 करोड़ का नुकसान परिवहन निगम को उठाना पड़ा है.


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बागपत में ट्रक व अनुबंधित बसों के ड्राइवरों की हड़ताल जारी, यात्री व व्यापारी परेशान

Last Updated : Jan 2, 2024, 7:03 PM IST
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