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प्राथमिक स्कूलों में नहीं बनने देंगे सार्वजनिक शौचालय: डॉ. सतीश द्विवेदी

उत्तर प्रदेश सरकार के बेसिक शिक्षा मंत्री डॉ. सतीश द्विवेदी को प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों के परिसर में सार्वजनिक शौचालय बनवाए जाने की शिकायतें मिली थी. उन्होंने सभी जिलाधिकारियों, जिला पंचायतराज अधिकारियों और जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को इस बारे में निर्देशित किया है.

बेसिक शिक्षा मंत्री डॉ. सतीश द्विवेदी ने दिए निर्देश.
बेसिक शिक्षा मंत्री डॉ. सतीश द्विवेदी ने दिए निर्देश.
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Published : Aug 13, 2020, 10:58 PM IST

लखनऊ: बेसिक शिक्षा मंत्री डॉ. सतीश चंद्र द्विवेदी ने प्रदेश के प्राइमरी स्कूलों में सार्वजनिक शौचालय बनाने की कोशिशों का कड़ा विरोध किया है. उन्होंने कहा कि इस तरह का कोई भी शौचालय बेसिक शिक्षा विभाग के विद्यालयों में नहीं बनने दिया जाएगा. ऐसा किए जाने पर स्कूलों में पठन-पाठन पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा और सार्वजनिक सुविधा के तौर पर आमजन इसका उपयोग भी नहीं कर सकेंगे. उन्होंने कहा कि जिला पंचायत राज विभाग के अधिकारियों को भी इस संदर्भ में चेतावनी दी गई है.

बेसिक शिक्षा मंत्री डॉ. सतीश द्विवेदी ने दिए निर्देश.
प्रदेश सरकार के बेसिक शिक्षा मंत्री डॉ. सतीश द्विवेदी ने कहा कि प्रदेश की विभिन्न ग्राम पंचायतों से विद्यार्थियों और शिक्षकों और अन्य नागरिकों के माध्यम से शिकायतें प्राप्त हो रही हैं कि ग्राम पंचायतों की ओर से प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों के परिसरों में सार्वजनिक शौचालय बनाए जा रहे हैं. ग्राम पंचायतों के इस कार्य का लोग तीव्र विरोध कर रहे हैं. लोगों का कहना है कि सार्वजनिक शौचालय बनाए जाने से स्कूलों में पठन-पाठन के माहौल पर विपरीत असर पड़ेगा. स्कूल परिसर केवल विद्यार्थियों एवं शिक्षकों के उपयोग के लिए है. पूरे गांव के प्रयोग के लिए बन रहे सार्वजनिक शौचालय से स्कूलों के परिसरों में न केवल विद्यार्थियों एवं शिक्षकों को असुविधा होगी, बल्कि स्कूल बंद होने के बाद गांव के लोग भी उसका उपयोग नहीं कर पाएंगे.


डॉ. सतीश द्विवेदी ने लोगों की यह शिकायत मिलने के बाद प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों, जिला पंचायत राज अधिकारियों और बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि वे इस तरह की कोई भी कार्रवाई न होने दें. इस तरह का प्रयास विद्यालयों की कार्य व्यवस्था में बाधा डालने जैसा है. अगर किसी ग्राम पंचायत के प्रधान द्वारा ऐसा किया जाएगा तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

बेसिक शिक्षा मंत्री ने बताया कि शिक्षक और अभिभावकों के स्तर से भी ऐसी जानकारी प्राप्त हो रही है कि ग्राम पंचायतों के स्तर पर सार्वजनिक शौचालय के लिए उपयुक्त भूमि उपलब्ध होने के बावजूद ग्राम प्रधानों के स्तर से जान-बूझकर सरकारी स्कूलों की जमीन का इस्तेमाल करने की कोशिश की जा रही है. इसके पीछे ग्राम प्रधानों की कोई भी मंशा हो सकती है, लेकिन यह शिक्षा व्यवस्था और छात्रों के हित में नहीं है. बेसिक शिक्षा विभाग इस तरह की किसी भी गतिविधि को अनुमति नहीं दे सकता. इस संबंध में जिलाधिकारियों से कहा गया है कि अगर उन्हें शिक्षा विभाग के अधिकारियों और स्कूल के प्रधानाचार्य से इस सिलसिले में शिकायत प्राप्त होती हैं तो वे तत्काल आवश्यक कार्रवाई कर समस्या का समाधान करें.

लखनऊ: बेसिक शिक्षा मंत्री डॉ. सतीश चंद्र द्विवेदी ने प्रदेश के प्राइमरी स्कूलों में सार्वजनिक शौचालय बनाने की कोशिशों का कड़ा विरोध किया है. उन्होंने कहा कि इस तरह का कोई भी शौचालय बेसिक शिक्षा विभाग के विद्यालयों में नहीं बनने दिया जाएगा. ऐसा किए जाने पर स्कूलों में पठन-पाठन पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा और सार्वजनिक सुविधा के तौर पर आमजन इसका उपयोग भी नहीं कर सकेंगे. उन्होंने कहा कि जिला पंचायत राज विभाग के अधिकारियों को भी इस संदर्भ में चेतावनी दी गई है.

बेसिक शिक्षा मंत्री डॉ. सतीश द्विवेदी ने दिए निर्देश.
प्रदेश सरकार के बेसिक शिक्षा मंत्री डॉ. सतीश द्विवेदी ने कहा कि प्रदेश की विभिन्न ग्राम पंचायतों से विद्यार्थियों और शिक्षकों और अन्य नागरिकों के माध्यम से शिकायतें प्राप्त हो रही हैं कि ग्राम पंचायतों की ओर से प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों के परिसरों में सार्वजनिक शौचालय बनाए जा रहे हैं. ग्राम पंचायतों के इस कार्य का लोग तीव्र विरोध कर रहे हैं. लोगों का कहना है कि सार्वजनिक शौचालय बनाए जाने से स्कूलों में पठन-पाठन के माहौल पर विपरीत असर पड़ेगा. स्कूल परिसर केवल विद्यार्थियों एवं शिक्षकों के उपयोग के लिए है. पूरे गांव के प्रयोग के लिए बन रहे सार्वजनिक शौचालय से स्कूलों के परिसरों में न केवल विद्यार्थियों एवं शिक्षकों को असुविधा होगी, बल्कि स्कूल बंद होने के बाद गांव के लोग भी उसका उपयोग नहीं कर पाएंगे.


डॉ. सतीश द्विवेदी ने लोगों की यह शिकायत मिलने के बाद प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों, जिला पंचायत राज अधिकारियों और बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि वे इस तरह की कोई भी कार्रवाई न होने दें. इस तरह का प्रयास विद्यालयों की कार्य व्यवस्था में बाधा डालने जैसा है. अगर किसी ग्राम पंचायत के प्रधान द्वारा ऐसा किया जाएगा तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

बेसिक शिक्षा मंत्री ने बताया कि शिक्षक और अभिभावकों के स्तर से भी ऐसी जानकारी प्राप्त हो रही है कि ग्राम पंचायतों के स्तर पर सार्वजनिक शौचालय के लिए उपयुक्त भूमि उपलब्ध होने के बावजूद ग्राम प्रधानों के स्तर से जान-बूझकर सरकारी स्कूलों की जमीन का इस्तेमाल करने की कोशिश की जा रही है. इसके पीछे ग्राम प्रधानों की कोई भी मंशा हो सकती है, लेकिन यह शिक्षा व्यवस्था और छात्रों के हित में नहीं है. बेसिक शिक्षा विभाग इस तरह की किसी भी गतिविधि को अनुमति नहीं दे सकता. इस संबंध में जिलाधिकारियों से कहा गया है कि अगर उन्हें शिक्षा विभाग के अधिकारियों और स्कूल के प्रधानाचार्य से इस सिलसिले में शिकायत प्राप्त होती हैं तो वे तत्काल आवश्यक कार्रवाई कर समस्या का समाधान करें.

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