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20 जनवरी तक सभी जिलों मे चलेंगी विशेष स्टाम्प अदालतें: डाॅ. रोशन जैकब - उत्तर प्रदेश न्यूज

प्रदेश के विभिन्न जनपदों में विशेष स्टाम्प अदालतों (Special Stamp Courts) की तिथि बढ़ाकर 20 जनवरी 2022 कर दी गयी है. डाॅ. रोशन जैकब (Dr Roshan Jacob) ने वादकारियों से कहा है कि वे ‘विशेष स्टाम्प अदालतों’ में अपना वाद नियत कराकर ‘विशेष स्टाम्प अदालत’ का लाभ उठायें.

स्टाम्प विभाग की आयुक्त डाॅ. रोशन जैकब.
स्टाम्प विभाग की आयुक्त डाॅ. रोशन जैकब.
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Published : Jan 6, 2022, 7:53 AM IST

लखनऊ. स्टाम्प विभाग की आयुक्त डाॅ. रोशन जैकब (Commissioner of Stamp Department Dr. Roshan Jacob) ने बताया कि प्रदेश के विभिन्न जनपदों में स्टाम्प मुकदमों के त्वरित निस्तारण के उद्देश्य से प्रतिदिन आयोजित की जा रही विशेष स्टाम्प अदालतों (Special Stamp Courts) की तिथि बढ़ाकर 20 जनवरी 2022 कर दी गयी है. इसके पहले 26 दिसम्बर 2021 से 05 जनवरी 2022 तक स्टाम्प अदालतों का आयोजन पूरे प्रदेश में किया गया, जिसके बहुत ही सकारात्मक व सार्थक परिणाम निखर कर आये हैं. ‘विशेष स्टाम्प अदालत’ के माध्यम से 1296 वादों (मुकदमों) का निस्तारण करते हुए 08 करोड़ 53 लाख रूपए से अधिक की स्टाम्प की धनराशि राजकोष में जमा करायी गयी.


डाॅ. रोशन जैकब (Dr Roshan Jacob) ने वादकारियों से कहा है कि वे ‘विशेष स्टाम्प अदालतों’ में अपना वाद नियत कराकर ‘विशेष स्टाम्प अदालत’ का लाभ उठायें. उन्होंने बताया कि ‘विशेष स्टाम्प अदालतों’ का आयोजन जिलाधिकारियों, अपर जिलाधिकारियों व सहायक आयुक्त स्टाम्प के न्यायालयों में किया जा रहा है. जनपदों में स्टाम्प वाद से संबंधित पक्षकारों व अधिवक्ताओं को पूर्व सूचना देकर स्टाम्प वाद नियत किये जा रहे हैं. पक्षकार द्वारा आवेदन किये जाने पर मात्र 100 रुपए के अर्थदण्ड के साथ वादों (मुकदमों) को निस्तारण किया जा रहा है. खास बात यह है कि इन ‘विशेष स्टाम्प अदालतों’ में केवल देय स्टाम्प की कमी व ब्याज की प्रतिपूर्ति कराकर धनराशि को राजकोष में जमा कराया जा रहा है. इसमें पक्षकार और वादकारियों से अर्थदंड नहीं लिया जा रहा है.


डाॅ. जैकब ने बताया इन विशेष स्टैम्प अदालतों के आयोजन से जहां एक ओर जनपदों में स्टाम्प वादों के भार में कमी आएगी, वहीं पक्षकारों और वादकारियों को भी न तो बार-बार अनावश्यक रूप से भागदौड़ करनी पड़ेगी और न ही अर्थदंड देना पडे़गा. इससे वादकारियों व पक्षकारों के समय व धन में बचत होगी और वादों के त्वरित निस्तारण से स्टाम्प देयों की वसूली में भी वृद्धि होगी. उन्होंने बताया कि पिछले दिनों आयोजित इन अदालतों के प्रति जनता व वादकारियों का अत्यन्त उत्साह देखने को मिला है और इसके बहुत ही अच्छे परिणाम परिलक्षित हो रहे हैं.


आयुक्त डाॅ. जैकब ने सभी जिलाधिकारियों से विशेष स्टाम्प अदालतों के सफल आयोजन के लिये व्यापक दिशा-निर्देश देते हुए कहा है कि यह सुनिश्चित किया जाए कि स्टाम्प अदालतों में अधिक से अधिक वाद निस्तारित हों. स्टाम्प न्यायालयों की ओर से आयोजित स्टाम्प अदालत का अपर जिलाधिकारी द्वारा दिन में एक बार निरीक्षण अवश्य किया जाये. स्टाम्प अदालत में नियत वादों के पक्षकारों, अधिवक्ताओं को समय से सूचित किया जाये एवं अपर जिलाधिकारी व सहायक आयुक्त स्टाम्प के न्यायालयों में आयोजित स्टाम्प अदालत में नियत वादों के सापेक्ष निस्तारण किये जाने का दैनिक पर्यवेक्षण किया जाये. उन्होंने यह भी निर्देश दिये हैं कि ‘विशेष स्टाम्प अदालतों’ के आयोजन के बारे में व्यापक रूप से प्रचार-प्रसार कराया जाये, ताकि अधिक से अधिक पक्षकार और वादकारी इससे लाभ उठा सकें. डॉ रोशन जैकब ने जिलाधिकारीयों से यह भी अपेक्षा की है कि वह ‘विशेष स्टाम्प अदालतों’ में शासन द्वारा निर्धारित कोविड प्रोटोकाल का परिपालन अनिवार्य रूप से कराया जाना सुनिश्चित किया जाए.

लखनऊ. स्टाम्प विभाग की आयुक्त डाॅ. रोशन जैकब (Commissioner of Stamp Department Dr. Roshan Jacob) ने बताया कि प्रदेश के विभिन्न जनपदों में स्टाम्प मुकदमों के त्वरित निस्तारण के उद्देश्य से प्रतिदिन आयोजित की जा रही विशेष स्टाम्प अदालतों (Special Stamp Courts) की तिथि बढ़ाकर 20 जनवरी 2022 कर दी गयी है. इसके पहले 26 दिसम्बर 2021 से 05 जनवरी 2022 तक स्टाम्प अदालतों का आयोजन पूरे प्रदेश में किया गया, जिसके बहुत ही सकारात्मक व सार्थक परिणाम निखर कर आये हैं. ‘विशेष स्टाम्प अदालत’ के माध्यम से 1296 वादों (मुकदमों) का निस्तारण करते हुए 08 करोड़ 53 लाख रूपए से अधिक की स्टाम्प की धनराशि राजकोष में जमा करायी गयी.


डाॅ. रोशन जैकब (Dr Roshan Jacob) ने वादकारियों से कहा है कि वे ‘विशेष स्टाम्प अदालतों’ में अपना वाद नियत कराकर ‘विशेष स्टाम्प अदालत’ का लाभ उठायें. उन्होंने बताया कि ‘विशेष स्टाम्प अदालतों’ का आयोजन जिलाधिकारियों, अपर जिलाधिकारियों व सहायक आयुक्त स्टाम्प के न्यायालयों में किया जा रहा है. जनपदों में स्टाम्प वाद से संबंधित पक्षकारों व अधिवक्ताओं को पूर्व सूचना देकर स्टाम्प वाद नियत किये जा रहे हैं. पक्षकार द्वारा आवेदन किये जाने पर मात्र 100 रुपए के अर्थदण्ड के साथ वादों (मुकदमों) को निस्तारण किया जा रहा है. खास बात यह है कि इन ‘विशेष स्टाम्प अदालतों’ में केवल देय स्टाम्प की कमी व ब्याज की प्रतिपूर्ति कराकर धनराशि को राजकोष में जमा कराया जा रहा है. इसमें पक्षकार और वादकारियों से अर्थदंड नहीं लिया जा रहा है.


डाॅ. जैकब ने बताया इन विशेष स्टैम्प अदालतों के आयोजन से जहां एक ओर जनपदों में स्टाम्प वादों के भार में कमी आएगी, वहीं पक्षकारों और वादकारियों को भी न तो बार-बार अनावश्यक रूप से भागदौड़ करनी पड़ेगी और न ही अर्थदंड देना पडे़गा. इससे वादकारियों व पक्षकारों के समय व धन में बचत होगी और वादों के त्वरित निस्तारण से स्टाम्प देयों की वसूली में भी वृद्धि होगी. उन्होंने बताया कि पिछले दिनों आयोजित इन अदालतों के प्रति जनता व वादकारियों का अत्यन्त उत्साह देखने को मिला है और इसके बहुत ही अच्छे परिणाम परिलक्षित हो रहे हैं.


आयुक्त डाॅ. जैकब ने सभी जिलाधिकारियों से विशेष स्टाम्प अदालतों के सफल आयोजन के लिये व्यापक दिशा-निर्देश देते हुए कहा है कि यह सुनिश्चित किया जाए कि स्टाम्प अदालतों में अधिक से अधिक वाद निस्तारित हों. स्टाम्प न्यायालयों की ओर से आयोजित स्टाम्प अदालत का अपर जिलाधिकारी द्वारा दिन में एक बार निरीक्षण अवश्य किया जाये. स्टाम्प अदालत में नियत वादों के पक्षकारों, अधिवक्ताओं को समय से सूचित किया जाये एवं अपर जिलाधिकारी व सहायक आयुक्त स्टाम्प के न्यायालयों में आयोजित स्टाम्प अदालत में नियत वादों के सापेक्ष निस्तारण किये जाने का दैनिक पर्यवेक्षण किया जाये. उन्होंने यह भी निर्देश दिये हैं कि ‘विशेष स्टाम्प अदालतों’ के आयोजन के बारे में व्यापक रूप से प्रचार-प्रसार कराया जाये, ताकि अधिक से अधिक पक्षकार और वादकारी इससे लाभ उठा सकें. डॉ रोशन जैकब ने जिलाधिकारीयों से यह भी अपेक्षा की है कि वह ‘विशेष स्टाम्प अदालतों’ में शासन द्वारा निर्धारित कोविड प्रोटोकाल का परिपालन अनिवार्य रूप से कराया जाना सुनिश्चित किया जाए.

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