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खांसने या छींकने में आ जाता है यूरिन तो रहें सावधान

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Published : Jun 19, 2021, 9:45 AM IST

स्ट्रेस यूरिनरी इन्कॉन्टिनेंस (stress urinary incontinence) यानी ऐसी बीमारी, जिसमें व्यक्ति यूरिन (urine) पर कंट्रोल नहीं कर पाता. बहुत से लोगों में यह समस्या देखी जाती है. डॉ. रेखा सचान (dr. rekha sachan) ने इसके कारण और समाधान पर प्रकाश डाला.

लखनऊः
लखनऊः

लखनऊः घबराहट के मारे, सोते वक्त करवट बदलते समय, खांसने, छींकने और हंसने के दौरान अगर यूरिन लीक होता है तो सावधान हो जाएं. आपको स्ट्रेस यूरिनरी इन्कॉन्टिनेंस (stress urinary incontinence) बीमारी भी हो सकती है. लखनऊ (lucknow) की क्वीन मैरी अस्पताल (Queen Mary Hospital) की महिला रोग विशेषज्ञ डॉ. रेखा सचान (dr. rekha sachan) बताती हैं कि अमूमन देखा गया है कि यूरिन लीक की समस्या पुरुषों की तुलना में महिलाओं को अधिक होती है. खासकर, ऐसी महिलाएं, जो तनाव ज्यादा लेती हैं. छोटी-छोटी बात पर अधिक सोचती हैं. एक उम्र के बाद महिलाओं में यह समस्या खूब देखने को मिलती है. खासकर सामान्य डीलीवरी से बच्चे को जन्म देने वाली महिलाएं, इस समस्या का खूब सामना करती हैं.

महिला रोग विशेषज्ञ डॉ. रेखा सचान बताती है कि यूरिनरी लीक केवल बेडवेटिंग नहीं है, बल्कि जब आप टॉयलेट तक पहुंचने तक भी यूरिन कंट्रोल न किया जा सकें या खांसते समय, भारी वजन उठाते हैं, टेनिस खेलते समय ऐसा हो जाए तो इसे यूरिनरी लीक की स्थि‍ति माना जाता है. इस रिसाव के अलग-अलग कारण हो सकते हैं. गर्भवती महिलाओं को ऐसी समस्या ज्यादा होती है. पुरूषों की तुलना में महिलाओं को यूरिनरी लीक की दिक्कत ज्यादा होती है.

डॉ. रेखा ने बताया कि यूरिन लीक क्यों होने लगता है, इसके कई कारण होते हैं. सबसे आम कारणों में मांसपेशियों की कमजोरी से लेकर गर्भाशय और मूत्राशय, जिसे पेल्विक फ्लोर मसल्स के रूप में जाना जाता है. इसका सपोर्ट कम होना प्रमुख कारण है. इसके अलावा मोटापा, मुश्किल योनि प्रसव यानी नॉमर्ल डिलीवरी से पेल्विक फ्लोर पर बढ़ा दबाव, एक गर्भावस्था के बाद कम समय में ही दोबारा गर्भधारण करना, लगातार खांसी या पुरानी कब्ज के साथ दोहराया गर्भधारण हो, कोई भयानक या बुरी पुरानी बीमारी, दूसरे न्यूरोलॉजिकल कारण भी इसके पीछे की वजह हो सकते हैं. कभी अचानक कोई काम पड़ने पर महिलाएं घबरा जाती है और इस घबराहट के मारे यूरिन लीक हो जाता है.

डॉ. सचान बताती है कि दो तरीकों से यूरिन लीक होता है. अगर आपका रिसाव वॉशरूम तक पहुंचने से पहले हो जाता है, तो आप यूरिन असंयम यानी यूयूआई से परेशान हैं. वहीं, अगर आप यूरिन रिसाव तब होता है जब नींद में करवटें बदलते हैं या हंसते या खांसते हैं, तो इसे तनाव यूरिन के रूप में जाना जाता है. महिलाएं मन और दिमाग की बात दिल में ही रखती है. अपनी बातें किसी से साझा नहीं करतीं और खुद प्रश्न बनाती है, उसका उत्तर भी स्वयं सोच लेती हैं. यही कारण है कि महिलाएं मानसिक तौर पर अधिक प्रेशर ले लेती हैं.

डॉ. सचान बताती है कि यूरिन लीक को रोकने और उसके इलाज के लिए बहुत ही सरल, कुशल और प्रभावी तरीके हैं, जो कई महिलाओं के जीवन को प्रभावित करता है. बस उन्हें जरूरत है अपनी जीवन शैली में दिनचर्या बनाने की. ऐसी स्थिति में तरल पदार्थ का सेवन करें.

  • विशेषज्ञ से बात करेंः किसी स्त्री रोग विशेषज्ञ या यूरिन रोग विशेषज्ञ से बात करें और समझें कि यूरिन लीक क्यों होता है.
  • मूत्राशय प्रशिक्षणः मरीज को जब भी पेशाब का जोर महसूस होता है, तो उसे रोकने का प्रयास करने के लिए कहा जाता है. इसे धीरे-धीरे दिनों से लेकर हफ्तों तक बढ़ाया जा सकता है. यह करने के लिए इसे 2-5 मिनट के साथ शुरू किया जाता है और लगभग एक घंटे तक खींचा जाता है. ऐसा तब तक किया जाता है. जब तक मरीज को 2-4 घंटे यूरिन रोकने की आदत न पड़ जाए.
  • पेल्विक फ्लोर एक्सरसाइजः 1 से 100 तक की गिनती और दिमाग को डायवर्ट करना, ics होल्ड टाइम बढ़ाने और पेशाब में देरी करने में मदद करने के लिए कुछ रणनीति हैं.
  • यूरिन रोग विशेषज्ञ कुछ दवाएं बनाएंगे जो आपके मूत्राशय को ऐंठन और रिसाव के एपिसोड से बचने में मदद करेगा. साथ ही मूत्राशय प्रशिक्षण अभ्यास के लिए आपके आत्मविश्वास और पालन का निर्माण करने में मदद करेगा.
  • मोटापा कम करने और तनाव कंट्रोल कर स्थि‍ति बेहतर की जा सकती है.
  • मूत्राशय की जलन से बचें. इसके लिए कैफीन, चॉकलेट, मसालेदार भोजन, अम्लीय रस, कृत्रिम पेय पदार्थ न लें.
  • केगेल के व्यायाम एक ऐसा व्यायाम है जिसे श्रोणि तल व्यायाम के रूप में भी जाना जाता है. जो श्रोणि तल को मजबूत करने में मदद करता है.

इसे भी पढ़ेंः Ram Mandir Land Scam: महंत धर्मदास बोले- राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट है भ्रष्ट, भंग की जाए


डॉ. सचान ने बताया कि गर्भवती महिलाओं को केगेल व्यायाम करना चाहिए. यूरिन को रोकने की जरूरत है. आप जिन मांसपेशियों का उपयोग करते हैं, वे मांसपेशियों को आप पेल्विक फ्लोर एक्सरसाइज के लिए अनुबंधित करने की आवश्यकता होती है. पहले आप मांसपेशियों को अनुबंधित करेंगी. धीरे-धीरे गिनती शुरू करें. प्रारंभ में 5 काउंट के लिए और धीरे-धीरे, सप्ताह में, 10 काउंट तक बढ़ाएं.

इसे भी पढ़ेंः अलीगढ़ः कोरोना के डर से घर से नहीं निकली, बच्चे भूखे मरते रहे

लखनऊः घबराहट के मारे, सोते वक्त करवट बदलते समय, खांसने, छींकने और हंसने के दौरान अगर यूरिन लीक होता है तो सावधान हो जाएं. आपको स्ट्रेस यूरिनरी इन्कॉन्टिनेंस (stress urinary incontinence) बीमारी भी हो सकती है. लखनऊ (lucknow) की क्वीन मैरी अस्पताल (Queen Mary Hospital) की महिला रोग विशेषज्ञ डॉ. रेखा सचान (dr. rekha sachan) बताती हैं कि अमूमन देखा गया है कि यूरिन लीक की समस्या पुरुषों की तुलना में महिलाओं को अधिक होती है. खासकर, ऐसी महिलाएं, जो तनाव ज्यादा लेती हैं. छोटी-छोटी बात पर अधिक सोचती हैं. एक उम्र के बाद महिलाओं में यह समस्या खूब देखने को मिलती है. खासकर सामान्य डीलीवरी से बच्चे को जन्म देने वाली महिलाएं, इस समस्या का खूब सामना करती हैं.

महिला रोग विशेषज्ञ डॉ. रेखा सचान बताती है कि यूरिनरी लीक केवल बेडवेटिंग नहीं है, बल्कि जब आप टॉयलेट तक पहुंचने तक भी यूरिन कंट्रोल न किया जा सकें या खांसते समय, भारी वजन उठाते हैं, टेनिस खेलते समय ऐसा हो जाए तो इसे यूरिनरी लीक की स्थि‍ति माना जाता है. इस रिसाव के अलग-अलग कारण हो सकते हैं. गर्भवती महिलाओं को ऐसी समस्या ज्यादा होती है. पुरूषों की तुलना में महिलाओं को यूरिनरी लीक की दिक्कत ज्यादा होती है.

डॉ. रेखा ने बताया कि यूरिन लीक क्यों होने लगता है, इसके कई कारण होते हैं. सबसे आम कारणों में मांसपेशियों की कमजोरी से लेकर गर्भाशय और मूत्राशय, जिसे पेल्विक फ्लोर मसल्स के रूप में जाना जाता है. इसका सपोर्ट कम होना प्रमुख कारण है. इसके अलावा मोटापा, मुश्किल योनि प्रसव यानी नॉमर्ल डिलीवरी से पेल्विक फ्लोर पर बढ़ा दबाव, एक गर्भावस्था के बाद कम समय में ही दोबारा गर्भधारण करना, लगातार खांसी या पुरानी कब्ज के साथ दोहराया गर्भधारण हो, कोई भयानक या बुरी पुरानी बीमारी, दूसरे न्यूरोलॉजिकल कारण भी इसके पीछे की वजह हो सकते हैं. कभी अचानक कोई काम पड़ने पर महिलाएं घबरा जाती है और इस घबराहट के मारे यूरिन लीक हो जाता है.

डॉ. सचान बताती है कि दो तरीकों से यूरिन लीक होता है. अगर आपका रिसाव वॉशरूम तक पहुंचने से पहले हो जाता है, तो आप यूरिन असंयम यानी यूयूआई से परेशान हैं. वहीं, अगर आप यूरिन रिसाव तब होता है जब नींद में करवटें बदलते हैं या हंसते या खांसते हैं, तो इसे तनाव यूरिन के रूप में जाना जाता है. महिलाएं मन और दिमाग की बात दिल में ही रखती है. अपनी बातें किसी से साझा नहीं करतीं और खुद प्रश्न बनाती है, उसका उत्तर भी स्वयं सोच लेती हैं. यही कारण है कि महिलाएं मानसिक तौर पर अधिक प्रेशर ले लेती हैं.

डॉ. सचान बताती है कि यूरिन लीक को रोकने और उसके इलाज के लिए बहुत ही सरल, कुशल और प्रभावी तरीके हैं, जो कई महिलाओं के जीवन को प्रभावित करता है. बस उन्हें जरूरत है अपनी जीवन शैली में दिनचर्या बनाने की. ऐसी स्थिति में तरल पदार्थ का सेवन करें.

  • विशेषज्ञ से बात करेंः किसी स्त्री रोग विशेषज्ञ या यूरिन रोग विशेषज्ञ से बात करें और समझें कि यूरिन लीक क्यों होता है.
  • मूत्राशय प्रशिक्षणः मरीज को जब भी पेशाब का जोर महसूस होता है, तो उसे रोकने का प्रयास करने के लिए कहा जाता है. इसे धीरे-धीरे दिनों से लेकर हफ्तों तक बढ़ाया जा सकता है. यह करने के लिए इसे 2-5 मिनट के साथ शुरू किया जाता है और लगभग एक घंटे तक खींचा जाता है. ऐसा तब तक किया जाता है. जब तक मरीज को 2-4 घंटे यूरिन रोकने की आदत न पड़ जाए.
  • पेल्विक फ्लोर एक्सरसाइजः 1 से 100 तक की गिनती और दिमाग को डायवर्ट करना, ics होल्ड टाइम बढ़ाने और पेशाब में देरी करने में मदद करने के लिए कुछ रणनीति हैं.
  • यूरिन रोग विशेषज्ञ कुछ दवाएं बनाएंगे जो आपके मूत्राशय को ऐंठन और रिसाव के एपिसोड से बचने में मदद करेगा. साथ ही मूत्राशय प्रशिक्षण अभ्यास के लिए आपके आत्मविश्वास और पालन का निर्माण करने में मदद करेगा.
  • मोटापा कम करने और तनाव कंट्रोल कर स्थि‍ति बेहतर की जा सकती है.
  • मूत्राशय की जलन से बचें. इसके लिए कैफीन, चॉकलेट, मसालेदार भोजन, अम्लीय रस, कृत्रिम पेय पदार्थ न लें.
  • केगेल के व्यायाम एक ऐसा व्यायाम है जिसे श्रोणि तल व्यायाम के रूप में भी जाना जाता है. जो श्रोणि तल को मजबूत करने में मदद करता है.

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डॉ. सचान ने बताया कि गर्भवती महिलाओं को केगेल व्यायाम करना चाहिए. यूरिन को रोकने की जरूरत है. आप जिन मांसपेशियों का उपयोग करते हैं, वे मांसपेशियों को आप पेल्विक फ्लोर एक्सरसाइज के लिए अनुबंधित करने की आवश्यकता होती है. पहले आप मांसपेशियों को अनुबंधित करेंगी. धीरे-धीरे गिनती शुरू करें. प्रारंभ में 5 काउंट के लिए और धीरे-धीरे, सप्ताह में, 10 काउंट तक बढ़ाएं.

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