लखनऊ: उत्तरप्रदेश में अगले साल विधान सभा के चुनाव होने हैं. ऐसे में महत्वाकांक्षी योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाने का खाका खींच लिया गया है. खासकर, दुर्बल आय वर्ग के लोगों को मुफ्त योजना का लाभ देने के लिए प्रधानों को जोड़ा जाएगा. जिसके लिए सभी जिलों के डीपीआरओ को ट्रेनिंग दी गई है. जो अब प्रधानों को 'आयुष्मान भारत योजना' (एबीवाई) का पाठ पढ़ाएंगे.
यूपी में 1.18 करोड़ परिवार आयुष्मान योजना से जुड़े हैं. इन परिवारों में करीब 6 करोड़ सदस्य हैं. योजना के तहत सरकारी व निजी अस्पतालों में 5 लाख तक का इलाज मुफ्त है. मगर, बड़ी तादाद में शामिल परिवार के सदस्य अभी योजना का लाभ नहीं उठा पा रहे हैं. इसके लिए गुरुवार को ही मुख्यमंत्री ने अभियान चलाकर लाभार्थियों को गोल्डेन कार्ड मुहैया कराने का आदेश दिया. वहीं स्टेट हेल्थ एजेंसी योजना को पात्र तक पहुंचाने के लिए अब प्रधानों का भी सहारा लेने का फैसला किया गया है.
एजेंसी की सीईओ संगीता सिंह के मुताबिक 1 जुलाई को जिलों के डीपीआरओ को ऑनलाइन ट्रेनिंग दी गई है. यह डीपीआरओ अब प्रधानों को आयुष्मान योजना की सीख देंगे. वहीं प्रधान ग्रामीणों को आयुष्मान की खूबियां बताएंगे. आयुष्मान में किडनी ट्रांसप्लांट जोड़ने पर मंथन आयुष्मान में अभी करीब 1574 पैकेज हैं. इसमें ट्रांसप्लांट योजना अभी शामिल नहीं है. ऐसे में मुख्यमंत्री ने किडनी व कार्नियल ट्रांसप्लांट जोड़ने के निर्देश दिए हैं. इसके अलावा ब्लैक फंगस का इलाज भी शामिल करने का सुझाव दिया है.
अंत्योदय कार्ड वालों को भी मिलेगा लाभ
आयुष्मान योजना के अलावा अंत्योदय कार्ड धारक को भी यह लाभ मिलेगा. अभी तक बीपीएल कार्ड धारक को आरोग्य निधि से इलाज के लिए धन मिलता था. ऐसे में राज्य के 40.94 परिवार को लाभ मिलेगा.
इसे भी पढे़ं- धरातल पर दम तोड़ रही आयुष्मान भारत योजना