लखनऊ : राजधानी लखनऊ में कोरोना संक्रमण के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. उन अस्पतालों के हालात भी ठीक नहीं हैं, जिन पर इनके इलाज की जिम्मेदारी है. खुद डॉक्टर्स कोरोना संक्रमण के शिकार होते जा रहे हैं. कोरोना संक्रमित डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है.
बड़े अस्पतालों के बुरे हाल
शहर के सबसे बड़े माने जाने वाले अस्पताल किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) में 110 मेडिकल स्टाफ कोरोना की चपेट में आ गए हैं. इसमें 80 डॉक्टर हैं. केजीएमयू कैंपस में बढ़ते कोरोना के मामले को देखते हुए डॉक्टरों के राउंड के नियमों में बदलाव किया गया है. वहीं पीजीआई में 38 डॉक्टर कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं. राममनोहर लोहिया अस्पताल 6 डॉक्टर समेत 9 मेडिकल स्टाफ कोरोना पॉजिटिव मिले. इसके अलावा स्वास्थ्य भवन के 20 कर्मचारी वायरस की चपेट में आए हैं, इनमें से 19 डॉक्टर हैं. डॉक्टर राम सागर मिश्रा हॉस्पिटल में 5 डॉक्टर समेत 8 स्वास्थ्यकर्मी कोरोना पॉजिटिव पाए गए.
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सीएम कर रहे समीक्षा
बता दें कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के कारण लखनऊ समेत 6 जिलों में नाइट कर्फ्यू लगाया गया है. मुख्यमंत्री आदित्यनाथ लगातार आला अधिकारियों के साथ बैठक कर हालात की समीक्षा कर रहे हैं.
बलरामपुर अस्पताल के निदेशक समेत पांच अन्य स्टाफ संक्रमित
बलरामपुर अस्पताल के निदेशक डॉ राजीव लोचन समेत पांच अन्य स्टाफ संक्रमित हो गया है. उन्हें हाई ग्रेड फीवर होने के चलते एसजीपीजीआइ में भर्ती कराया गया है. उन्होंने कोविशील्ड वैक्सीन की दोनों डोज ली थी. उनसे पहले बलरामपुर के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. आर के गुप्ता, चिकित्सा अधीक्षक डॉ. हिमांशु चतुर्वेदी भी संक्रमित होकर अपना इलाज करा रहे हैं. इसी तरह शुक्रवार को सिविल अस्पताल के भी करीब 10 स्टाफ संक्रमित हो गए. सीएमएस डॉ. एसके नंदा ने बताया कि तीन डॉक्टर, दो-तीन सफाई कर्मी, तीन नर्सें इत्यादि लोग संक्रमित हो गए हैं. इससे पैथोलॉजी का काम भी बाधित हो गया है. वहीं लोकबंधु अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अजय शंकर त्रिपाठी ने बताया कि उनके यहां भी कोरोना से छह स्टाफ संक्रमित हो गया है. इसके चलते मरीजों के इलाज में मुश्किल होने लगी है.