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योगी के फरमान पर फूटा डॉक्टरों का गुस्सा, पढ़िए पूरा मामला

उत्तर प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में सरकार प्रशासनिक पदों से डॉक्टरों को मुक्त करने पर मंथन कर रही है. इसको लेकर टीम-9 निशाने पर आ गई है और डॉक्टरों में आक्रोश है.

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन.
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Published : Jun 5, 2021, 10:08 PM IST

लखनऊ: यूपी के सरकारी अस्पतालों में प्रशासनिक पदों से डॉक्टरों को मुक्त करने पर सरकार मंथन कर रही है. इस पद पर अब एमबीए पास आउट रखे जाएंगे. ऐसे में डॉक्टरों में खलबली मच गई है, इसको लेकर टीम-9 निशाने पर आ गई है.

डॉक्टरों में आक्रोश
टीम-9 की मीटिंग में शनिवार को अस्पतालों के प्रशासनिक पदों पर एमबीए वालों की तैनाती के निर्देश दिए गए हैं. दावा है कि इससे अस्पतालों में चिकित्सकीय व्यवस्था दुरुस्त हो जाएंगी. हर अस्पताल को अतिरिक्त डॉक्टर मिल जाएंगे. वर्तमान में स्वास्थ्य निदेशालय, जिला अस्पताल, संयुक्त अस्पताल, सीएचसी, एनएचएम, मेडिकल कॉलेजों में करीब 1500 डॉक्टर प्रशासनिक पदों पर काबिज हैं. ऐसे में प्रशासनिक पदों पर एमबीए वालों की तैनाती को लेकर डॉक्टरों में आक्रोश है.

नीति आने पर बनेगी रणनीति
प्रांतीय चिकिस्ता सेवा संवर्ग संघ के अध्यक्ष डॉ. अमित सिंह ने कहा कि सरकार पूर्व में भी एमबीए पास हॉस्पिटल मैनेजर रख चुकी है. अब प्रशासनिक पद पर उन्हें रखने संबंधी नीति क्या है, इसका आधिकारिक पत्र जारी होने पर संघ मंथन करेगा.

इसे भी पढ़ें- डॉक्टरों को प्रशासनिक कार्यों से मुक्त किया जाए: सीएम योगी

इससे भी नहीं दूर होगा संकट
वहीं विशेषज्ञों का दावा है कि कुछ प्रशासनिक अधिकारी सरकार को गुमराह कर रहे हैं. इससे चिकित्सकों का संकट दूर होने वाला नहीं है. वर्तमान में अस्पतालों में 45 हजार डॉक्टरों की आवश्यता है. वहीं पद 18 हजार ही स्वीकृत हैं, इसमें भी 7 हजार पद खाली हैं.

लखनऊ: यूपी के सरकारी अस्पतालों में प्रशासनिक पदों से डॉक्टरों को मुक्त करने पर सरकार मंथन कर रही है. इस पद पर अब एमबीए पास आउट रखे जाएंगे. ऐसे में डॉक्टरों में खलबली मच गई है, इसको लेकर टीम-9 निशाने पर आ गई है.

डॉक्टरों में आक्रोश
टीम-9 की मीटिंग में शनिवार को अस्पतालों के प्रशासनिक पदों पर एमबीए वालों की तैनाती के निर्देश दिए गए हैं. दावा है कि इससे अस्पतालों में चिकित्सकीय व्यवस्था दुरुस्त हो जाएंगी. हर अस्पताल को अतिरिक्त डॉक्टर मिल जाएंगे. वर्तमान में स्वास्थ्य निदेशालय, जिला अस्पताल, संयुक्त अस्पताल, सीएचसी, एनएचएम, मेडिकल कॉलेजों में करीब 1500 डॉक्टर प्रशासनिक पदों पर काबिज हैं. ऐसे में प्रशासनिक पदों पर एमबीए वालों की तैनाती को लेकर डॉक्टरों में आक्रोश है.

नीति आने पर बनेगी रणनीति
प्रांतीय चिकिस्ता सेवा संवर्ग संघ के अध्यक्ष डॉ. अमित सिंह ने कहा कि सरकार पूर्व में भी एमबीए पास हॉस्पिटल मैनेजर रख चुकी है. अब प्रशासनिक पद पर उन्हें रखने संबंधी नीति क्या है, इसका आधिकारिक पत्र जारी होने पर संघ मंथन करेगा.

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इससे भी नहीं दूर होगा संकट
वहीं विशेषज्ञों का दावा है कि कुछ प्रशासनिक अधिकारी सरकार को गुमराह कर रहे हैं. इससे चिकित्सकों का संकट दूर होने वाला नहीं है. वर्तमान में अस्पतालों में 45 हजार डॉक्टरों की आवश्यता है. वहीं पद 18 हजार ही स्वीकृत हैं, इसमें भी 7 हजार पद खाली हैं.

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