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लखनऊः इस दिवाली गोबर के बने दीयों से जगमगाएगा आईआईएम संस्थान

आईआईएम लखनऊ इस बार दिवाली पर गोबर के दीयों से जगमगाएगा. इसके लिए 2400 गोबर के दीये तैयार किए गए हैं. संस्थान के पूर्व छात्रों ने इसे भेंट स्वरूप दिया है.

आईआईएम संस्थान लखनऊ.
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Published : Nov 12, 2020, 10:29 PM IST

लखनऊः इस बार दिवाली पर गोबर के बने दीयों से आईआईएम जगमगाएगा. इसके लिए ग्रामीण महिलाओं के द्वारा 2400 गोबर के दीये तैयार किए गए हैं. इन गोबर से बने दीयों को गाय के घी से जलाया जाएगा. संस्थान के पूर्व छात्रों ने इसे भेंट स्वरूप दिया है. खास बात यह है कि वर्ष 2004 बैच के पूर्व छात्रों ने न केवल संस्थान बल्कि यहां के निदेशक से लेकर काम करने वाले कर्मचारी तक को ये दीये भेंट में दिए हैं.

2004 बैच के पूर्व छात्र जयंत ने बताया कि कोरोना संक्रमण के कारण संस्थान बंद चल रहा है, जिसके चलते छात्र अपने घरों में हैं. ऐसे में उनके बैच के 240 पूर्व छात्रों ने इस बार संस्थान को रोशन करने का फैसला लिया. कुल 2400 दीये के साथ ही करीब शिक्षकों से लेकर कर्मचारियों तक को 600 गिफ्ट पैकेट भेजे गए हैं, जिससे सभी लोग दिवाली में ये गोबर से बने दीये जला सकें.

जयंत कहते हैं कि भारतीय परम्परा में दिवाली को रोशनी का त्योहार कहा जाता है. ये त्यौहार समाज में फैले अंधकार को दूर कर प्रकाश की ओर ले जाता है. उन्होंने कहा कि लोग गाय की सेवा की बात करते हैं, लेकिन उनके उत्पाद को इस्तेमाल करके उनकी सच्ची सेवा की जा सकती है. इसी को ध्यान में रखते हुए उन्होंने दिवाली में गाय के बने गोबर के दीये जलाने को महत्व देने की छोटी सी कोशिश कर रहे हैं.

लखनऊः इस बार दिवाली पर गोबर के बने दीयों से आईआईएम जगमगाएगा. इसके लिए ग्रामीण महिलाओं के द्वारा 2400 गोबर के दीये तैयार किए गए हैं. इन गोबर से बने दीयों को गाय के घी से जलाया जाएगा. संस्थान के पूर्व छात्रों ने इसे भेंट स्वरूप दिया है. खास बात यह है कि वर्ष 2004 बैच के पूर्व छात्रों ने न केवल संस्थान बल्कि यहां के निदेशक से लेकर काम करने वाले कर्मचारी तक को ये दीये भेंट में दिए हैं.

2004 बैच के पूर्व छात्र जयंत ने बताया कि कोरोना संक्रमण के कारण संस्थान बंद चल रहा है, जिसके चलते छात्र अपने घरों में हैं. ऐसे में उनके बैच के 240 पूर्व छात्रों ने इस बार संस्थान को रोशन करने का फैसला लिया. कुल 2400 दीये के साथ ही करीब शिक्षकों से लेकर कर्मचारियों तक को 600 गिफ्ट पैकेट भेजे गए हैं, जिससे सभी लोग दिवाली में ये गोबर से बने दीये जला सकें.

जयंत कहते हैं कि भारतीय परम्परा में दिवाली को रोशनी का त्योहार कहा जाता है. ये त्यौहार समाज में फैले अंधकार को दूर कर प्रकाश की ओर ले जाता है. उन्होंने कहा कि लोग गाय की सेवा की बात करते हैं, लेकिन उनके उत्पाद को इस्तेमाल करके उनकी सच्ची सेवा की जा सकती है. इसी को ध्यान में रखते हुए उन्होंने दिवाली में गाय के बने गोबर के दीये जलाने को महत्व देने की छोटी सी कोशिश कर रहे हैं.

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