लखनऊ : उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में कूड़ा प्रबंधन में पूरी तरह से फ्लॉप हो चुकी इकोग्रीन कंपनी को मंडलायुक्त रौशन जैकब ने टर्मिनेशन नोटिस दे दी है. मंडलायुक्त ने टर्मिनेशन नोटिस जारी करते हुए लिखा है कि 'चीनी कंपनी इकोग्रीन लखनऊ में कूड़ा प्रबंधन में पूरी तरह से लापरवाही और मनमानी कर रही है. नोटिस और जुर्माना के बावजूद भी कोई सुधार नहीं हुआ है.'
राजधानी लखनऊ में डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन का काम चीनी कंपनी इकोग्रीन को 2017 में दिया गया था, लेकिन लगातार इस कंपनी की तरफ से लापरवाही कूड़ा प्रबंधन में बरती गई. शिवरी प्लांट में भी कूड़े का ढेर बढ़ने के कारण एनजीटी ने करीब 40 करोड़ का जुर्माना भी लगाया था. इसके अलावा लखनऊ में कूड़ा प्रबंधन पूरी तरह से फ्लॉप होने के चलते स्वच्छता की रेटिंग में भी लखनऊ की रैंक काफी पीछे चली गई. करीब शिवरी प्लांट में 25 मीट्रिक टन कूड़ा का ढेर लगने के बाद और शहर में जगह-जगह कूड़ा उठान की व्यवस्था पूरी तरह से बेपटरी हो गया था. इस पर मंडलायुक्त ने कई बार कंपनी के अधिकारियों को फटकार लगाई थी.
ईकोग्रीन द्वारा नियमता कार्य न किए जाने पर नगर निगम की स्वच्छता रेटिंग भी बीते साल पांचवें पायदान से गिरकर 12वें से 17वें स्थान पर पहुंच गई थी. इसके बाद शासन स्तर सख्त कदम उठाए गए और अब ईकोग्रीन का टर्मिनेशन नोटिस जारी कर दिया गया है. एग्रीमेंट के तहत ईकोग्रीन को सॉलिड बेस्ट मैनेजमेंट नियम 2016 के तहत शहर के सभी आवासीय, अनावासीय और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों से अलग-अलग कूड़ा एकत्र करना था. फिर उसे ट्रांसफर स्टेशन और फिर वहां से शिवरी प्लांट ले जाना था. यहां कूड़े का वैज्ञानिक तरीके से निस्तारण होना था. हालांकि, ईकोग्रीन ने न तो कूड़ा कलेक्शन किया और न ही सही तरीके से प्लांट चलाया.