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Court News : जिलेदारी क्वालिफाइंग परीक्षा रद् करने के खिलाफ याचिका खारिज, चयन सूची जारी करने का आदेश - हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच

हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने सिंचाई विभाग में कराई गई जिलेदारी क्वालिफाइंग परीक्षा 2018 रद् करने के खिलाफ याचिका खारिज कर दी है. साथ ही ‘60 दिनों में निष्पक्ष ढंग से परीक्षा करा कर चयन सूची जारी करने का आदेश दिया है.

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Published : Apr 27, 2023, 10:18 PM IST

लखनऊ : हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने सिंचाई विभाग में कराई गई जिलेदारी क्वालिफाइंग परीक्षा 2018 की चयन सूची को रद् करने के राज्य सरकार के निर्णय को चुनौती देने वाले याचिका को खारिज कर दिया है. साथ ही आदेश दिया है कि 60 दिनों में निष्पक्ष ढंग से परीक्षा करा के चयन सूची जारी की जाए.

यह आदेश न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह की एकल पीठ ने देशराज सिंह और अन्य की ओर से दाखिल रिट याचिका को खारिज करते हुए पारित किया. याचियों ने चयन सूची को रद् करने के निर्णय को चुनौती दी थी. न्यायालय ने अपने आदेश में सरकार की जांच रिपोर्ट पर गौर करने के उपरांत कहा कि इस मामले में यह देखना कि किन-किन अभ्यर्थियों ने सफल होने के लिए गलत तरीका अपनाया और किसने नहीं, यह पता करना संभव नहीं है. अतः सरकार ने चयन सूची रद करने का जो निर्णय लिया है वह गलत नहीं कहा जा सकता है.

न्यायालय ने कहा कि जहां परीक्षा प्रक्रिया में गम्भीर संदेह हो, वहां इसे निरस्त किया जाना चाहिए. कोर्ट ने परीक्षा को निष्पक्ष ढंग से कराने के लिए पांच अधिकारियों की कमेटी भी गठित कर दी है. जिन पांच अधिकारियों की कमेटी हाईकोर्ट ने बनाई है. उसमें मुख्य अभियंता (प्रोजेक्ट), मुख्य अभियंता (डिजाइन एंड प्लानिंग), चीफ इंजीनियर (लेवल 1) व दो अधीक्षण अभियंता शामिल हैं. साथ ही सिंचाई विभाग के दो विशेष सचिवों को बतौर पर्यवेक्षक तैनात करने की बात कही है. उल्लेखनीय है कि जिलेदारी क्वालिफाइंग परीक्षा की चयन सूची जारी हेने के बाद कई अभ्यर्थियों ने इसमें गड़बड़ी होने की शिकायत की थी. जिसके बाद सरकार ने जांच कराई और जांच में गड़बड़ी की बात सामने आने पर चयन सूची रद् कर दी गई.

यह भी पढ़ें : प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी बोले, सपा सरकार में थी भ्रष्टाचार और दंगों की भरमार

लखनऊ : हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने सिंचाई विभाग में कराई गई जिलेदारी क्वालिफाइंग परीक्षा 2018 की चयन सूची को रद् करने के राज्य सरकार के निर्णय को चुनौती देने वाले याचिका को खारिज कर दिया है. साथ ही आदेश दिया है कि 60 दिनों में निष्पक्ष ढंग से परीक्षा करा के चयन सूची जारी की जाए.

यह आदेश न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह की एकल पीठ ने देशराज सिंह और अन्य की ओर से दाखिल रिट याचिका को खारिज करते हुए पारित किया. याचियों ने चयन सूची को रद् करने के निर्णय को चुनौती दी थी. न्यायालय ने अपने आदेश में सरकार की जांच रिपोर्ट पर गौर करने के उपरांत कहा कि इस मामले में यह देखना कि किन-किन अभ्यर्थियों ने सफल होने के लिए गलत तरीका अपनाया और किसने नहीं, यह पता करना संभव नहीं है. अतः सरकार ने चयन सूची रद करने का जो निर्णय लिया है वह गलत नहीं कहा जा सकता है.

न्यायालय ने कहा कि जहां परीक्षा प्रक्रिया में गम्भीर संदेह हो, वहां इसे निरस्त किया जाना चाहिए. कोर्ट ने परीक्षा को निष्पक्ष ढंग से कराने के लिए पांच अधिकारियों की कमेटी भी गठित कर दी है. जिन पांच अधिकारियों की कमेटी हाईकोर्ट ने बनाई है. उसमें मुख्य अभियंता (प्रोजेक्ट), मुख्य अभियंता (डिजाइन एंड प्लानिंग), चीफ इंजीनियर (लेवल 1) व दो अधीक्षण अभियंता शामिल हैं. साथ ही सिंचाई विभाग के दो विशेष सचिवों को बतौर पर्यवेक्षक तैनात करने की बात कही है. उल्लेखनीय है कि जिलेदारी क्वालिफाइंग परीक्षा की चयन सूची जारी हेने के बाद कई अभ्यर्थियों ने इसमें गड़बड़ी होने की शिकायत की थी. जिसके बाद सरकार ने जांच कराई और जांच में गड़बड़ी की बात सामने आने पर चयन सूची रद् कर दी गई.

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